मुंबई। हिंदुजा फाउंडेशन, जो एक सदी पुराने हिंदुजा ग्रुप की कल्याणकारी शाखा है, मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के क्षेत्र में कदम रख रही है। चोपड़ा फाउंडेशन, जॉन डब्ल्यू ब्रिक मेंटल हेल्थ फाउंडेशन और सीजी क्रिएटिव्स के साथ मिलकर, यह फाउंडेशन, नेवल अलोन ग्लोबल मेंटल हेल्थ (वर्चुअल) सम्मेलन के भीतर तीन घंटे के स्पॉटलाइट इंडिया खंड का सह-प्रायोजन करेगा।
इस खंड को सत्या हिंदुजा के एल्केमिक सोनिक एनवायरमेंट द्वारा तैयार किया जायेगा, जिससे कि बहुसंवेदी, गहन श्रवणात्मक अनुभव कायम। स्पॉटलाइट इंडिया के स्टार वक्ताओं में सद्गुरु, अभय देओल व अन्य शामिल हैं।इस वर्चुअल समिट को फेसबुक, यूट्यूब और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म पर शुक्रवार 21 मई को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा और प्रतिभागी https://neveralonesummit.live/ के माध्यम से अपने मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन करने के लिए मुफ्त ऑनलाइन टूल का उपयोग कर सकते हैं।
चूंकि हमारे देश की प्रकृति इतनी विशाल और जटिल है कि इस शिखर सम्मेलन का यह खंड भारत के गहन संश्लेषण में सामूहिक गहन श्रवण का अनुभव प्रदान करेगा। यह मस्तिष्क के विकास के प्राकृतिक चक्रों और बचपन से वयस्कता तक मानव अनुभव की विविधता और हमारे ग्रह पर इसके प्रभाव का पता लगाने की दृष्टि प्रदान करेगा। नामचीन मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर, वेलनेस स्पेशलिस्ट, मस्तिष्क वैज्ञानिक, कलाकार और संगीतकार वैश्विक दर्शकों के लिए मानसिक और भावनात्मक लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए मानसिक स्वास्थ्य रणनीतियों, समाधानों और उपकरणों को साझा करेंगे और चर्चा के मूल में भारत होगा। हम इन अभूतपूर्व समय के दौरान लोगों का मनोबल बढ़ाने, आशा, प्रेरणा और सहयोग की भावना प्रदान करने की इच्छा रखते हैं।
यह एकीकृत मंच हमारी साझा मानवता के लिए एक बैठक स्थान होगा, एक ऐसा स्थान जहां हम हमारे लेशंस का आदान-प्रदान कर सकते हैं और धरती को संपूर्ण एवं स्वास्थ्यवर्द्धक बनाने हेतु एकजुट हो सकते हैं। कई प्रतिभागी 136.10 हर्ट्ज की आवृत्ति, सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घुर्णन की आवृत्ति के अनुरूप अनुष्ठान, प्रार्थना और रचनात्मक भंगिमाओं को साझा करेंगे और – उनके स्वरों से सम्मेलन के लिए एक सामूहिक प्रतिध्वनि का निर्माण होगा।
चोपड़ा फाउंडेशन का पहला नेवर अलोन समिट व्यक्तियों के मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण की रक्षा पर केंद्रित था। प्रेरक वक्ताओं द्वारा विशेषज्ञ सलाह, सीधी बात और व्यक्तिगत कहानियों के साथ, पहल का उद्देश्य इन चुनौतीपूर्ण समय में मनोदशा, पुनर्संतुलन सोच और लचीलापन को बढ़ावा देना है।
हिंदुजा समूह के सह-अध्यक्ष और हिंदुजा फाउंडेशन के ट्रस्टी गोपीचंद पी. हिंदुजा ने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अपने आप में एक मूक और अचिह्नित महामारी हैं। अक्सर झूठी मान्यताओं के कारण उनकी गंभीरता से मुंह फेर लिया जाता है, जिसके चलते स्थिति बद से बदतर होती जाती है और ऐसे में उनके लिए चिकित्सकीय हस्तक्षेप आवश्यक हो जाता है