राजस्थान की सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे आज, मतगणना की तैयारियां पूरी

0
4

जयपुर। Rajasthan Assembly by-election result:राजस्थान में विधानसभा की सात सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मतगणना शनिवार सुबह आठ बजे से शुरू होगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया, 23 नवंबर को सात केंद्रों पर सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी और इसके लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज सामने आएंगे। चुनाव के नतीजे विधानसभा में बहुमत पर भले ही असर नहीं डालेंगे। लेकिन राजस्थान की सियासत में ये बड़ा उलट-फेर करने वाले होंगे। कद, पद और प्रतिष्ठा से जुड़े इन उपचुनावों में जानिए हवा किस दिशा में बह रही है।

बता दें कि जिन सात सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। उन पर विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने चार और बीजेपी, आरएलपी व बीएपी ने एक-एक सीटों पर कब्जा जमाया था। हालांकि, इस बार वोटर का रुझान कुछ कम नजर आया। उपचुनाव में खींवसर की सीट छोड़कर शेष सभी छह सीट पर मुख्य चुनाव के मुकाबले वोटिंग घटी है। इन छह सीटों पर पांच से 12 प्रतिशत मतदान कम रहा है।

रामगढ़ विधानसभा
रामगढ़ विधानसभा सीट पर साल 2018 में 78, साल 2023 में 77 और इस बार साल 2024 में 75 प्रतिशत मतदान हुआ है। अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर दिगवंत कांग्रेस नेता जुबेर खान के बेटे आर्यन खान का मुकाबला भाजपा के सुखवंत सिंह से है। यह सीट विधायक जुबेर खान के निधन के बाद खाली हुई है। उल्लेखनीय है बीजेपी ने 2018 में ज्ञानदेव आहूजा का टिकट काटकर सुखवंत प्रत्याशी बनाया था, जो सफिया खान से चुनाव हार गए थे। इस सीट पर कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सुखवंत सिंह को इस सीट पर भूपेंद्र यादव का समर्थन है। भूपेंद्र यादव अलवर से सांसद बने और वे केंद्रीय मंत्री भी हैं। वहीं, कांग्रेस कैंप में यह सीट नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की साख से जुड़ गई है।

झुंझुनूं विधानसभा
झुंंझुनूं विधानसभा सीट पर साल 2018 में 70, 2023 में 71 और इस बार 66 प्रतिशत मतदान हुआ है। ये सीट कांग्रेस की गढ़ है। बीते छह चुनाव कांग्रेस ही यहां से जीतती आई है। झुंझुनूं विधानसभा सीट पर ओला परिवार का दबदबा रहा है। यह सीट बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद खाली हुई है। इस सीट पर कांग्रेस ने सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला और बीजेपी से राजेंद्र भांबू ने चुनाव लड़ा है। लेकिन यहां सबसे ज्यादा चर्चा निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा की है। गुढ़ा कितने वोट काटेंगे, इस पर चुनावों का नतीजा निर्भर करेगा।

खींवसर विधानसभा
खींवसर विधानसभा सीट पर साल 2018 में 75, साल 2023 में 73 और साल 2024 में 76 प्रतिशत मतदान हुआ है। मूंडवा सीट के खत्म होने के बाद अस्तित्व में आई यह सीट हनुमान बेनीवाल का अभेद्य किला रही है। आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने इस बार भाई नारायण बेनीवाल का टिकट काटकर पत्नी कनिका बेनीवाल को प्रत्याशी बनाया। वहीं, बीजेपी ने आरएलपी छोड़कर आए रेवंतराम डांगा को मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने यहां से डॉ. रतन चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। बेनीवाल चार बार विधायक रह चुके हैं। वहीं, लगातार दूसरी बार नागौर से सांसद हैं।

देवली -उनियारा विधानसभा
देवली-उनियारा में साल 2018 में 71, साल 2023 में 73 और साल 2024 में 65 प्रतिशत मतदान हुआ है। यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। मतदान के दिन हुए थप्पड़ कांड और देर रात हुई हिंसा ने इस सीट को देश भर में चर्चाओं में ला दिया था। देवली-उनियारा से कांग्रेस के बागी नरेश मीणा ने निर्दलीय मैदान में उतरकर चुनाव को त्रिकोणीय और रोचक बना दिया। हालांकि, नरेश मीणा पहले भी कांग्रेस से बगावत कर छबड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इस सीट से कांग्रेस के कस्तूरचंद मीणा और बीजेपी से राजेंद्र गुर्जर मैदान में हैं। यहां सांसद हरीश चंद्र मीना और कांग्रेस के दिग्गज सचिन पायलट का प्रभाव है।

सलूंबर विधानसभा
सलूंबर विधानसभा सीट पर साल 2018 में 70, 2023 में 71 और 2024 में 67 प्रतिशत मतदान हुआ है। यहां बीजेपी की लगातार जीत हो रही है। इस बार त्रिकोणीय संघर्ष है। यह सीट बीजेपी के अमृतलाल मीणा के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। भाजपा ने उनकी पत्नी शांता देवी मीना को प्रत्याशी बनाया। वहीं, कांग्रेस ने उनके सामने रेशमा मीणा को उतारा है। वहीं, भारत आदिवासी पार्टी की तरफ से जितेश कटारा ने चुनाव लड़ा है। यह सीट बेहद कांटे की टक्कर वाली होगी। यहां ट्राइबल जनसंख्या 49 प्रतिशत व 51 प्रतिशत नॉन ट्राइबल हैं।

चौरासी विधानसभा
चौरासी विधानसभा सीट पर साल 2018 में 77, 2023 में 82 प्रतिशत और 2024 में 74 प्रतिशत मतदान हुआ। यह सीट भारत आदिवासी पार्टी का गढ़ मानी जाती है। यह आदिवासी बाहुल्य सीट है और भारत आदिवासी पार्टी का गढ़ है। यहां लगभग 90 प्रतिशत आबादी आदिवासी हैं। बीजेपी ने कारीलाल ननोमा को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने युवा सरपंच महेश रोत को प्रत्याशी बनाया है। इस क्षेत्र में भारत आदिवासी पार्टी ने युवा पंचायत समिति प्रधान अनिल कटारा को प्रत्याशी बनाया है।

दौसा विधानसभा
दौसा विधानसभा सीट पर साल 2018 में 74, 2023 में 79 और 2024 में 62 प्रतिशत मतदान हुआ है। रामगढ़ विधानसभा सीट पर साल 2018 में 78, 2023 में 77 और इस बार 2024 में 75 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस सीट के नतीजों पर सियासत की नजरें गड़ी हैं। दौसा सीट पर भाजपा ने किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीना को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने पायलट समर्थक डीसी बैरवा को प्रत्याशी बनाया है। सांसद मुरारीलाल मीणा के दौसा से जीतने का बाद यह सीट खाली हुई थी। इस सीट पर किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस के दिग्गज सचिन पायलट की साख की लड़ाई है।