नई दिल्ली। अडानी समूह के संस्थापक एवं चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर को अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने तलब किया है। गौतम अडानी और सागर एसईसी के सामने अपना रुख स्पष्ट करेंगे। बता दें कि गौतम अडानी और उनके भतीजे पर अनुकूल सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने में शामिल होने का आरोप है।
गौतम अडानी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म हाउस और उनके भतीजे सागर के इसी शहर में बोदकदेव आवास पर समन भेजा गया है। इस समन में 21 दिनों के भीतर अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग को जवाब देने के लिए कहा गया है। न्यूयॉर्क पूर्वी जिला अदालत के माध्यम से 21 नवंबर को भेजे गए नोटिस में लिखा है- यदि आप जवाब देने में विफल रहते हैं तो शिकायत में मांगी गई राहत के लिए आपके खिलाफ निर्णय लिया जाएगा। आपको अपना जवाब या प्रस्ताव भी अदालत में दाखिल करना होगा।
सीएफओ की सफाई
इस बीच, अडानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर रोबी सिंह ने मामले को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा- ऐसी बहुत सी खबरें हैं, जिनमें असंबंधित वस्तुओं को उठाकर सुर्खियां बनाने की कोशिश की गई है। मेरा विनम्र अनुरोध है कि हम कानूनी प्रक्रिया में प्रस्तुत मामले की विस्तृत समीक्षा करने के बाद समय पर जवाब देंगे।
11 सार्वजनिक कंपनियों का पोर्टफोलियो
उन्होंने कहा कि अडानी समूह के पास 11 सार्वजनिक कंपनियों का पोर्टफोलियो है और उनमें से कोई भी अभियोग के अधीन नहीं है। यानी ये कंपनियां हाल में न्यूयॉर्क की एक अदालत में वकील द्वारा दायर की गई किसी भी कानूनी कार्यवाही में प्रतिवादी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभियोग अडानी ग्रीन के एक कॉन्ट्रैक्ट से संबंधित है, जो अडानी ग्रीन के कुल कारोबार का लगभग 10 प्रतिशत है।
क्या है मामला
दरअसल, गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य प्रतिवादी, जो समूह की रिन्यूएबल इकाई अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में निदेशक हैं, पर बुधवार को न्यूयॉर्क की एक अदालत में मुकदमा शुरू हुआ। इसके मुताबिक इन लोगों ने अनुकूल सोलर एनर्जी सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए लगभग 2020 और 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।