दौसा। राजस्थान प्रशासनिक सेवा की सस्पेंडेड अधिकारी पिंकी मीणा की शादी में मंगलवार को ऐन वक्त पर बड़ा ट्विस्ट आ गया। जयपुर के सीकर रोड स्थित एक रिसॉर्ट में मेहमान तो पहुंचे लेकिन शाही मेहमाननवाजी का लुत्फ उठाने बारात नहीं पहुंचीं। देर रात तक दूल्हे का इंतजार होता रहा लेकिन शादी का मंडप सूना ही रहा। आखिर बुधवार सुबह इस मामले से पर्दा उठा कि पिंकी मीणा की शादी में न ढोल-बाजा बजा और न चमचमाती रोशनी और आतिशबाजी की गई, बल्कि गुपचुप में एक गांव में ही फेरे लिये गये।
निलंबित एसडीएम पिंकी मीणा की शादी वाली रात तब अचानक ट्विस्ट आया जब दूल्हा बारात लेकर जयपुर के सीकर रोड स्थित शादी वाले रिसॉर्ट में नहीं पहुंचा। शादी के लिए यहां राजावास का अनंतम सफारी बुक कराया गया था और मेहमानों का आना जारी था। मेहमानों की खातिरदारी या मेहमान नवाजी की पूरी व्यवस्था की गई थी। मैरिज गार्डन में स्लो म्यूजिक में गाना भी बजने लगा, मेहमानों के लिए खाना भी बन चुका था। शादी की रस्में निभाई जा रही थी लेकिन मेहमान रात 10 बजे तक बारात का इंतजार ही करते रहे।
रात 10 बजे इस बात की फुसफुसाहट हुई की बारात राजावास के इस गार्डन में नहीं आएगी। मैरिज गार्डन के गेट बंद कर दिए गए हालांकि मेहमानों ने खाना खा लिया था। मेहमान भी एक-एक कर मैरिज गार्डन से बाहर आने लग गए थे। तभी विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि पिंकी मीणा की शादी उनके गांव चिथवाड़ी स्थित घर में ही होगी। कुछ देर में दूल्हा नरेंद्र भी दौसा के बसवा से चिथवाड़ी गांव में पहुंच गया।
गांव में बिना गाजे-बाजे के ही हुई शादी
गांव में जहां शादी की गई वहां पिंकी मीणा के घर पर डेकोरेशन भी नहीं था, सामान्य दिनों की तरह लाइट की व्यवस्था थी। ना गाना था ना बजाना था। ना रिश्तेदारों का जमघट था। बस पिंकी मीणा के चुनिंदा परिजन और दुल्हे नरेंद्र के चुनिंदा दोस्त और परिजन ही वहां पहुंचे। पिंकी मीणा के गांव वाले घर मे ही पाणीग्रहण संस्कार हुआ, सात फेरे भी लिए गए और शादी की औपचारिकता भी हुई। इसके बाद पिंकी मीणा की ससुराल के लिए विदाई हुई। हालांकि शादी होने के बाद अभी भी पिंकी की मुसीबतें कम नहीं हुई है। राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार 21 फरवरी को पिंकी मीणा को जेल में सरेंडर करना होगा। ऐसे में अब शादी के बाद सिर्फ 4 दिन की चांदनी रहेगी और पिंकी मीणा की फिर वही सलाखों वाली रातें रहेगी।