फाइजर की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की WHO ने दी मंजूरी

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। कोरोना महामारी फैलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से किसी वैक्सीन को पहली बार मान्यता दी गई है। डब्ल्यूएचओ के इस फैसले से दुनियाभर के देशों के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए रास्ते खुल गए हैं। बता दें कि फाइजर की वैक्सीन कई देशों में पहले से इस्तेमाल में है।

फाइजर की वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की हरी झंडी मिलने का मतलब है कि अब गरीब देशों को जल्द ही यूरोप और उत्तरी अमेरिका में पहले से उपलब्ध कोरोना के खुराक मिल सकती है। दरअसल, हर देश के पास अपनी एक ड्रग रेग्युलेटरी एजेंसी है, जो किसी भी कोरोना वैक्सीन के लिए अपनी मंजूरी देने के बाद ही उसका इस्तेमाल करेगी। मगर कुछ कमजोर सिस्टम वाले देश आमतौर पर वैक्सीन के टेस्ट के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निर्भर करते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने अपने एक बयान में कहा कि फाइजर-बायोटेक वैक्सीन पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसे कोरोना महामारी के आने के बाद संगठन की ओर से इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। डब्ल्यूएचओ की असिस्टेंट डायरेक्टर मैरिएंगेला सिमाओ ने कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन की वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में ये एक बेहद ही सकारात्मक कदम है.”

भारत में आज होगा फैसला
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञों की समिति ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आग्रह और ‘कोवैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल को अनुमति देने के भारत बायोटेक के आग्रह पर विचार करने के लिए बुधवार को बैठक की और अब यह समिति आज यानी एक जनवरी को फिर से बैठक करेगी।

कोविड-19 संबंधी विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा सौंपे गए अतिरिक्त विवरण का विश्लेषण किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि समिति ने टीकों के आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, फाइजर और भारत बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के आग्रह पर विचार करने के लिए आज दोपहर बाद बैठक की। इसने कहा कि समिति एक जनवरी 2021 को फिर से बैठक करेगी।