- कोटा की फल मंडी पर किसानों ने लगाया ताला, गेट पर दिया धरना
- भारतीय किसान संघ का 21 सूत्रीय मांगपत्र के समर्थन में प्रदेशव्यापी मंडी बंद
- प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आन्दोलन तेज करने का आव्हान
कोटा।भारतीय किसान संघ की ओर से शुक्रवार को अपने 21 सूत्रीय मांगपत्र के समर्थन में संभाग भर में कृषि मंडिया, फल-सब्जी मंडियों में व्यापार बंद रखा गया। बंद को आढतिया संघ, पल्लेदार संघ, मुनीम संघ, हम्माल एसोसिएशन समेत अनेक संगठनों ने समर्थन दिया था। संभाग की सभी मंडियों में कारोबारबंद रहा और किसान भी कृषि उपज लेकर मंडियों में नहीं पहुंचे। कोटा शहर में भामाशाह मंडी और फल सब्जी मंडी बंद रही। मंडी गेट पर भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया।
संघ के संभागीय प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि कोटा महानगर समेत कनवास, चेचट, सुल्तानपुर, सांगोद, खातौली, पीपल्दा, रामगंजमंडी, अन्ता, अटरू, बारां, छबड़ा, छीपाबड़ौद, किशनगंज, मांगरोल, शाहाबाद, झालावाड़, अकलेरा, झालरापाटन, खानपुर, मनोहरथाना,़ पिड़ावा, बूंदी, हिण्डोली, देई, सुमेरगंजमंडी, केशवरायपाटन, नैनवां में भी कृषि उपज मंडियां बंद रहीं। बंद के कारण से संभाग भर की मंडियों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं अब शनिवार के गणेश चतुर्थी होने के कारण से कृषि मंडियां सोमवार को ही खुलेंगी।
कोटा शहर में भामाशाह मंडी में लाड़पुरा तहसील तथा सब्जीमंडी में महानगर के कार्यकर्ता बंद की अपील करते हुए धरने पर बैठे। इस दौरान धरने को पदाधिकारियों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि यदि अब भी सरकार नहीं चेती तो आन्दोलन को उग्र किया जाएगा। गांव ढाणी से लेकर नगर और महानगरों को बंद कराया जाएगा। आगे की रणनीति तय करते हुए जयपुर कूच करेंगे।
सरकार ने किसानों की मांगों को नजर अंदाज किया तो आगे के आन्दोलन के लिए सरकार और प्रशासन ही जिम्मेदार होगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी, प्रभुदयाल धाकड़़, हेमराज नागर, महावीर नागर, नन्दलाल गौड़, रूपनारायण यादव, दउेवीशंकर गोचर, राजेन्द्र नागर, फूलचंद मेघवाल, प्रहलाद मेघवाल, ओम सुमन, रघुराज सिंह, बिरधीलाल गहलोत, जमनालाल, बद्री सुमन, धन्नालाल लश्करी, जानकीलाल नागर, मुरारीलाल नागर, प्रहलाद नागर, नन्दलाल नागर, रामरतन नागर समेत कईं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ये है 21 सूत्रीय मांगपत्र
- आगामी 6 माह के किसानों के कृषि व घरेलु विद्युत बिल माफ करने
- कृषि विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 रुपये प्रतिमाह का बकाया विद्युत अनुदान एक मुश्त विद्युत बिलों में समायोजित करने
- 2017 से चल रही पेनल्टी माफी योजना वापस शुरू करने
- विद्युत बिलों में लगने वाले एलपीएस खत्म करने
- 31 अक्टूबर तक पूर्व बकाया बिलों की वसूली बंद कर कृषि कनेक्शन काटने पर रोक लगाने
- जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए बकाया भुगतान की शर्त हटाने
- कृषि विद्युत कनेक्शनों के आवेदनों पर लगाई रोक हटाने
- सामान्य श्रेणी कनेक्शनों की कटऑफ दिनांक बढाने
- पुनर्भुगतान योजनाओं में किसानों का डिस्काॅमो में बकाया ब्याज सहित विद्युत बिलों में समायोजित करने
- एक वर्ष पुरानी ऑडिट की राशि विद्युत बिल में नहीं जोड़ने
- हाइटेंशन विद्युत लाइनों के नीचे आई जमीन पर फसल उगाने से वंचित रहने पर हुई आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए प्रतिवर्ष निश्चित मुआवजा राशि का भुगतान किसानों को देने
- ब्याज मुक्त सहकारी ऋण वितरण में लगाई विभिन्न शर्तो को हटाकर कर साख सीमा के बराबर सभी किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने
- टिड्डी नियंत्रण, फसल बीमा की विसंगतियों को दूर करने
- प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने