नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने मूंगफली का घरेलू उत्पादन 2023-24 सीजन के 86.60 लाख हेक्टेयर से 17 लाख हेक्टेयर या 19.6 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन में 103.60 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। गुजरात, राजस्थान एवं कर्नाटक इसके तीन शीर्ष उत्पादक राज्य हैं। सोयाबीन की भांति मूंगफली का दाम भी समर्थन मूल्य से नीचे आ गया है।
सरकार ने मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6.4 प्रतिशत बढ़ाकर 6783 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। कमजोर बाजार भाव से होने वाले नुकसान से किसानों को बचाने के लिए सरकार ने एमएसपी पर मूंगफली की खरीद आरंभ करने का निर्णय लिया है।
इसके तहत गुजरात में 11.30 लाख टन तथा राजस्थान में 5.03 लाख टन सहित राष्ट्रीय स्तर पर कुल 17.40 लाख टन मूंगफली की खरीद का लक्ष्य नियत किया गया है। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद के लिए अक्टूबर से फरवरी 2025 तक की समय सीमा निश्चित की गई है।
राजस्थान लिए भी वही समयावधि होगी और हरियाणा में दिसम्बर 2024 तक मूंगफली की खरीद की जाएगी। लेकिन उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में खरीद की समय सीमा का निर्धारण होना अभी बाकी है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर मूंगफली का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 43.75 लाख हेक्टेयर से 4.10 लाख हेक्टेयर बढ़कर 2024 के खरीफ सीजन में 47.85 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा गया। सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- गुजरात में इस बार मूंगफली के रकबे में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है और इसका उत्पादन भी शानदार होने के संकेत मिल रहे हैं।