-दिनेश माहेश्वरी
कोटा। “है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आएगा, ” दिल है कि मानता ही नहीं, ” “आखिर दिल ही तो है”, ” दिल एक मंदिर है, प्यार की जिसमें होती है पूजा,” हमारे शायरों ने दिल पर कई गीत लिखे हैं, क्योंकि दिल का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। फिर भी हम दिल के प्रति उदासीन हैं।
लोग अपनी बाहरी सुंदरता के लिए लाखों रुपये और समय बर्बाद कर देते हैं। किन्तु बेचारे दिल के लिए, जिस पर जिंदगी की सांसें टिकी हुई है, उस पागल और आवारा दिल के लिए समय रहते कभी सोचते नहीं हैं । आखिर आदमी जब दिल टूट जाता है, यानी हार्ट अटैक आने के बाद ही डॉक्टर की शरण में जाता है।
इस दिल को संभालने के लिए इस बार हम आपको मिलवाते हैं चीफ इंटरनेशनल कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. साकेत गोयल से। आइये देखिए यह वीडियो, जिसमें बताया गया है कि अपने दिल को कैसे संभालें –