नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का कारखानों में उत्पादन पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है। कारोबारियों की अधूरी तैयारी व जीएसटी अपनाने में आ रही परेशानियों के चलते बाजारों में उत्पादों की बिक्री बहुत कम हो रही है। इससे उद्यमियों ने कारखानों में उत्पादन घटा दिया है।
दिल्ली-एनसीआर के औद्योगिक क्षेत्रों में इस माह उत्पादन 60 फीसदी तक घट सकता है। दिल्ली फैक्टरी ओनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी कहते हैं कि जीएसटी के चलते पिछले माह लोगों ने नई खरीद के बजाय स्टॉक निकालने पर जोर दिया था, जिससे पिछले माह भी उत्पादन में कटौती की गई थी। इस माह 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद अब भी खरीदार-कारोबारी जीएसटी को पूरी तरह समझ नहीं पाए है।
इसलिए वे नए ऑर्डर नहीं दे रहे हैं। ऐसे में निर्माताओं ने कारखानों में उत्पादन काफी घटा दिया है। सुस्त बिक्री के चलते इस माह कारखानों में उत्पादन 60 फीसदी तक घट सकता है।
इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन नोएडा चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष एन के खरबंदा ने कहा कि जीएसटी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ लागू हुआ है। ऐसे में उद्यमी इसे अपनाने की प्रक्रिया में व्यस्त हैं और इसका असर कारखानों के उत्पादन पर पड़ा है। खरबंदा का अभी तक जीएसटी पंजीयन नहीं हो पाया है।
वह कहते हैं कि जीएसटी पंजीयन के लिए प्रशासन ने फर्म के पैन की जगह मेरा खुद का पैन भेज दिया, जिससे पंजीयन अटक गया। खरबंदा ने कहा ऐसे में वह किसी को माल नहीं बेच सकते तो उत्पादन करने का क्या फायदा? पटपडग़ंज औद्योगिक क्षेत्र संघ के अध्यक्ष संजय गौड़ ने बताया कि कारखानों में सामान्य दिनों के मुकाबले 50 फीसदी कम उत्पादन किया जा रहा है।