नई दिल्ली। लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स खत्म नहीं करने के मुद्दे पर निवेशकों की नाराजगी झेल रही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह इस पर कोई भी राय कायम करने से पहले एक पूरे साल का समय लेना चाहती हैं।
लाभांश वितरण कर (डीडीटी) के बारें में उन्होंने कहा कि इस कर को निवेशकों पर इसलिए डाला गया कि उनकी देनदारी कम हो। पिछले शनिवार को बजट पेश होने के दिन शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में 2.5 फीसदी से अधिक गिरावट आई थी। विश्लेषकों के मुताबिक बजट में एलटीसीजी पर खामोशी और डीडीटी देनदारी में हुए बदलाव से निवेशक नाराज थे।
सीतारमण ने शुक्रवार को वित्तीय विशेषज्ञों से कहा कि एलटीसीजी टैक्स 2018 में लगाया गया था। बाजार में भारी उतार के कारण इसकी वाजिब समीक्षा नहीं हो पाई। मुझे इस कर को हटा लेने की सलाह दी गई थी। हमने एलटीसीजी का इसलिए नहीं हटाया कि हम इस कर पर पूरे एक सामान्य वर्ष की प्रतिक्रिया देखना चाहते थे।
उम्मीद है कि इस वर्ष के बाद हम इस कर पर राय अख्तियार करेंगे। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि सरकार का यह मानना है कि हर प्रकार की आय पर टैक्स लगना चाहिए। यदि एलटीसीजी जैसी किसी विशेष आय पर कर नहीं लगाया जाए, तो इससे परेशानी पैदा हो सकती है।