नई दिल्ली। देश में वाहन डीलरों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) ने 01 मार्च तक डीलरों के यहां आए बीएस4 वाहनों को 31 मार्च के बाद भी बेचने की अनुमति दिए जाने की मांग करते हुए शुक्रवार को कहा कि बीएस-4 की तुलना में बीएस-6 मानक के वाहनों की कीमत 12 फीसदी तक अधिक होगी। सरकार ने 01 अप्रैल 2020 से देश में बीएस-6 मानकों के लागू करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि 01 अप्रैल से बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण भी बंद हो जाएगा।
अप्रैल में भी बीएस-4 वाहन बेचने की अनुमति मिले
एफएडीए के अध्यक्ष आशिष हर्षराज काले ने दिल्ली में कहा कि बीएस-4 वाहनों की तुलना में बीएस-6 वाहनों की कीमतों में सात से 12 प्रतिशत तक की वृद्धि हो रही है। नई प्रौद्योगिकी के साथ ही लागत बढ़ने के कारण कीमतों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि बीएस-4 वाहनों को अप्रैल में भी बेचने की अनुमति देने के लिए एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है, जिस पर सुनवाई की अभी तक तारीख मिली है। उम्मीद है इस महीने के दूसरे पखवाड़े में सुप्रीम कोर्ट आवेदन पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि आम तौर पर डीलरों के पास वाहनों की एक महीने की इंवेंट्री होती है, लेकिन वाहन निर्माताओं की ओर से बीएस-4 वाहनों के उत्पादन में धीरे-धीरे कमी करने के कारण अभी यात्री वाहनों की इंवेंट्री 25 से 30 दिनों की और दोपहिया एवं हल्के व्यावसायिक वाहनों की इंवेंट्री 35 से 40 दिनों की है। इसके मद्देनजर उनके संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से मार्च के बाद भी बीएस-4 वाहनों की बची हुई इंवेंट्री अप्रैल में बेचने की अनुमति दिए जाने की अपील की है।
हाल के महीनों में कोई डीलरशिप बंद नहीं हुई
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में आई सुस्ती के कारण शोरूम बंद होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अप्रैल 2019 में उनके संगठन ने 18 महीने का एक सर्वेक्षण शुरू किया था जिसमें देश में 286 डीलरशिप बंद होने की जानकारी मिली थी। पिछले वर्ष इस तरह का कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है और अभी हाल के महीने में किसी डीलरशिप के बंद होने की जानकारी भी नहीं मिली है। काले ने कहा कि बीएस-6 वाहनों के उत्पादन में अभी पूरी तरह से तेजी नहीं आई है। साथ ही पूरे देश में बीएस-6 ईंधन भी उपलब्ध नहीं हो पाया है। जब तक पूरे देश में बीएस-6 ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो जाती, इस मानक के वाहनों की बिक्री में तेजी नहीं आएगी।