रेपो रेट में कटौती का RBI गवर्नर ने दिया संकेत

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आने वाले समय में रीपो रेट में फिर कटौती का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि रेट कट में कटौती के सिलसिले पर दिसंबर में इसलिए रोक लगाई गई, क्योंकि आरबीआई इसके लिए सही मौके का इंतजार कर रहा है। दास ने कहा कि कॉरपोरेट्स, नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनीज तथा बैंक मौजूदा समय में अपने बैलेंस शीट को साफ-सुथरा करने की प्रक्रिया में हैं, जिससे भविष्य में ग्रोथ सुनिश्चित होगा।

एनपीए के निपटारे में आई तेजी
इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव के उदघाटन के दौरान उन्होंने कहा कि गैर-निष्पादित संपत्तियों के निपटारे में तेजी आ रही है। उन्होंने कहा, ‘एस्सार स्टील मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने रिजॉल्यूशन से जुड़े एक बड़े मुद्दे का समाधान किया है, जो काफी समय से लंबित था।’

समन्वित नीति की कमी
गवर्नर ने कहा कि एक तरफ जब दुनिया के एक बड़े हिस्से में अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है, ऐसे में विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक समन्वित नीति की कमी महसूस की गई है, जो वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान दिखी थी। दास ने कहा, ‘वैश्विक आर्थिक संकट के 10 साल बाद जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है, ऐसे में बहुपक्षवाद जैसी कोई चीज नहीं दिख रही है। आज की तारीख में द्विपक्षवाद ने बहुपक्षवाद की जगह ले ली है।’

दिसंबर में रोका रेट कट का सिलसिला
बता दें कि आर्थिक सुस्ती को लेकर बढ़ती चिंता के बावजूद रिजर्व बैंक ने महंगाई को देखते हुए दिसंबर में नीतिगत ब्याज दरें नहीं घटाईं। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम 5 बार में 1.35 पर्सेंट रिपो रेट घटा चुके हैं, लेकिन बैंकों ने लोन सस्ते नहीं किए। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।