कोटा। परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव राजेश यादव ने राजस्थान में 50 सीसी क्षमता से ज्यादा की बाइक से किशोरों का ड्राइविंग टेस्ट लिए जाने पर सख्ती से रोक लगा दी है। इतना ही नहीं ड्राइविंग टेस्ट के लिए एक ही बाइक का बार-बार इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकेगा। ऐसे में नाबालिगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पहले बाइक खरीदनी पड़ेगी। इसी बाइक से उन्हें ड्राइविंग टेस्ट देना होगा तभी उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकेगा।
परिवहन आयुक्त ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों एवं ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने वाले अुनज्ञाप्ति प्राधिकारियों को आदेश जारी किया है कि 16 से 18 साल तक आयु वर्ग के आवेदकों का ड्राइविंग टेस्ट 50 सीसी क्षमता तक की बाइक से ही लिया जाए। ड्राइविंग टेस्ट लेते समय संबंधित अधिकारी को ड्राइविंग टेस्ट में इस्तेमाल की गई बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर भी इंद्राज करना होगा। इसके बाद ही डीएल जारी किया जा सकता है।
मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मोटर यान चलाने पर सख्त पाबंदी है, लेकिन 16 से 18 साल तक इन किशोरों को परिवहन नियमों में थोड़ी छूट देते हुए 50 सीसी क्षमता तक के इंजनों वाली बाइक चलाने की छूट दी गई है।
लंबे समय तक काइनेटिक, टीवीएस और हीरो जैसी बाइक कंपनियां 50 सीसी तक की क्षमता वाले दुपहिया वाहन बना और बेच रही थीं, लेकिन इस वर्ग के वाहनों की मांग लगातार कम होने के कारण अब बाजार में इस क्षमता के इंजन वाली बाइक कम दिखाई पड़ रही है