3300 करोड़ के हवाला रैकेट का खुलासा, गरीबों के हाउसिंग प्रोजेक्ट से चुराई रकम

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नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को बताया कि आयकर विभाग ने 3,300 करोड़ रु. के हवाला रैकेट का खुलासा किया है। यह दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद जैसे कुछ शहरों में फैला है। निर्माण क्षेत्र के बड़े कारोबारी समूहों से इसके तार जुड़े हैं। बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की सूचना पर आयकर विभाग ने इस महीने की शुरुआत में 42 स्थानों पर छापेमारी की थी।

सीबीडीटी ने कहा, “छापे की कार्रवाई सफल रही है। इसमें टैक्स चोरी के सबूत बरामद हुए हैं। कार्रवाई में बड़े कारोबारी समूहों, हवाला कारोबारियों और पैसे लाने-ले जाने वाले गिरोह का पता चला है। हमें फर्जी ठेकों और बिलों के जरिए 3,300 करोड़ रु. के लेन-देन के सबूत भी मिले हैं।” आयकर विभाग के छापे में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में काम कर रहे बड़े कारोबारी समूहों की मदद से फर्जी ठेकों और बिलों के जरिए, नगद रकम के हेर-फेर करने वाले पूरे तंत्र का खुलासा भी हुआ है।

कानूनी बैंकिंग तंत्र के बजाय अवैध तरीके से पैसे के लेन-देन को हवाला कहा जाता है। आयकर विभाग ने दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, ईरोड, पुणे, आगरा और गोवा में यह कार्रवाई की गई। आयकर विभाग को पता चला है कि गिरोह के सदस्य फर्जी बिल जारी करके हवाला के जरिए बड़ी रकम का लेन-देन कर रहे थे। आयकर विभाग के मुताबिक, एंट्री ऑपरेटरों, दलालों और हवाला कारोबारियों ने सार्वजनिक निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाली रकम में हेर-फेर किया। इन कंपनियों ने दक्षिण भारत में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए बनने वाले घरों के प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़ा करके टैक्स चोरी की।

आंध्र प्रदेश में 150 करोड़ रु. से ज्यादा का नगद भुगतान
सीबीडीटी ने कहा, “आयकर विभाग को आंध्र प्रदेश के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति को 150 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम का नगद भुगतान करने के सबूत मिले हैं। कार्रवाई में 4.19 करोड़ रुपए की बेनामी रकम और 3.2 करोड़ रुपए से ज्यादा के जेवर भी जब्त किए गए हैं।” हालांकि सीबीडीटी ने उन संस्थानों के नाम नहीं बताए, जिन पर छापामार कार्रवाई की गई, लेकिन यह जरूर कहा गया कि इनमें से अधिकतर कंपनियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और मुंबई में स्थित हैं। इनमें से एक कंपनी पर अप्रैल में भी कार्रवाई की गई थी।