महाराजा के मास्टर ब्रैंड और लोगो के साथ एअर इंडिया बिकने को तैयार

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नई दिल्ली। एअर इंडिया के नए खरीदार को कंपनी का मास्टर ब्रैंड और लोगो भी मिलेगा। सरकार एअर इंडिया और उसकी सब्सिडियरीज की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले सब-ब्रैंड को अलग करने की सोच रही है। ये सब-ब्रैंड्स एअर इंडिया की इकाइयों के पास बने रहेंगे।

इस बारे में एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘एअर इंडिया और अन्य सब-ब्रैंड्स को अलग करने के बारे में सोचा जा रहा है। एअर लाइन कंपनी की कुल कीमत में ब्रैंड की वैल्यू भी शामिल होगी।’ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने पिछले शुक्रवार को कंपनी के विनिवेश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी। उसमें भी इस पर बात हुई। एअर इंडिया का मैनेजमेंट फ्लैगशिप एयरलाइन और सब्सिडियरीज के ब्रैंड और लोगो के साथ महाराजा जैसे शुभंकर का जायजा लेगा, जो वर्षों से कंपनी की पहचान रहे हैं।

एअर इंडिया का लोगो लाल रंग का उड़ता हुआ हंस है। इसमें नारंगी में कोणार्क चक्र भी है। कंपनी के हवाई जहाजों के पिछले हिस्से पर प्रमुखता के साथ लोगो को जगह दी जाती है। कंपनी का शुभंकर महाराजा पहली बार 1946 में दिखा था। यह एयरलाइन की खास पहचान रहा है।

एअर इंडिया एक्सप्रेस और एअर इंडिया सिंगापुर टर्मिनल सर्विस लिमिटेड को छोड़कर (इन दोनों कंपनियों में एअर इंडिया की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है) अन्य इकाइयों के ब्रैंड्स को भी एअर इंडिया के नए ग्राहक को ऑफर किया जाएगा। हालांकि, एअर इंडिया एअर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एअर इंडिया इंजिनियरिंग सर्विसेज और अलायंस एयर इस डील का हिस्सा नहीं होंगे और उन्हें अलग से बेचा जाएगा।

एअर इंडिया को बेचने और नए निवेशक के आने के बाद इन सब-ब्रैंड्स के लिए मास्टर ब्रैंड और लोगो का इस्तेमाल करना संभव नहीं रह जाएगा। अधिकारी ने बताया, ‘एअर इंडिया के पास करीब 12 सब-ब्रैंड्स हैं। उन्हें मास्टर ब्रैंड और लोगो से अलग करने पर गौर किया जा रहा है।’ सरकार इसी साल एअर इंडिया को बेचने की कोशिश कर रही है। नए खरीदार के लिए कंपनी को आकर्षक बनाने की खातिर सारे उपाय भी किए जा रहे हैं।

कंपनी के कर्ज को स्पेशल परपज वीइकल को ट्रांसफर करके पहले ही विनिवेश की राह से एक बड़ी बाधा हटा दी गई है और अगले महीने एअर इंडिया के लिए निवेशकों से बोली मंगाने की तैयारी हो रही है। कंपनी को बेचने के बारे में आखिरी फैसला एअर इंडिया स्पेसिफिक ऑल्टरनेटिव मकैनिज्म को करना है, जिसके अध्यक्ष गृह मंत्री अमित शाह हैं। इस समिति में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं।