नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (IIT) अपने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस से कई स्टूडेंट्स के बीच में हटने की समस्या से निपटने के लिए इन कोर्सेस में बड़े बदलाव कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का कोर्स से हटने का एक बड़ा कारण उन्हें सरकारी कंपनियों (PSU) में नौकरी मिलना है।
IIT रुड़की, रोपड़ और कानपुर में एमटेक प्रोग्राम में ऐडमिशन लेने वाले हर पांच में से एक स्टूडेंट ने इस साल कोर्स छोड़ा है। IIT दिल्ली में यह दर 50 पर्सेंट के साथ कहीं ज्यादा है। ऐसे में अब इंस्टिट्यूट आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) में मास्टर्स जैसे कोर्स शुरू कर इससे निपटने की योजना बना रहा है।
IIT दिल्ली के डायरेक्टर वी रामगोपाल राव ने बताया, ‘हम मास्टर्स प्रोग्राम की रीस्ट्रक्चरिंग कर रहे हैं। हमारी योजना अगले वर्ष से AI में मास्टर्स शुरू करने की है।’इस बारे में IIT रोपड़ के डायरेक्टर सरित के दास ने कहा, ‘हर IIT को एमटेक प्रोग्राम में बदलाव कर इन्हें इंडस्ट्री की जरूरत के अनुसार बनाना होगा। इससे एमटेक स्टूडेंट्स के लिए नौकरियों की संख्या बढ़ेगी और कोर्स को बीच में छोड़ने की दर घटेगी।’
IIT रोपड़ में 12 एमटेक प्रोग्राम हैं और इंस्टीट्यूट की योजना इन्हें अगले वर्ष घटाकर चार-पांच करने की है। कुछ एमटेक प्रोग्राम को पीएचडी प्रोग्राम में मिलाया जाएगा। IIT रोपड़ की योजना डेटा ऐनालिटिक्स, साइबर सिक्यॉरिटी और रोबॉटिक्स में एमटेक प्रोग्राम शुरू करने की है। दास ने बताया कि नए IIT में केवल 20 पर्सेंट एमटेक स्टूडेंट्स को जॉब ऑफर मिलते हैं। वहीं, पुराने IIT में यह संख्या लगभग 50 पर्सेंट की है। IIT गुवाहाटी ने हाल ही में फूड साइंस टेक्नॉलॉजी और डेटा साइंस में एमटेक प्रोग्राम शुरू किए हैं।