सिवनी । मध्यप्रदेश जीएसटी में ऑनलाइन फर्म का रजिस्ट्रेशन कराकर कर अपवंचन एवं धोखाधड़ी के मामले में एंटी इवेजन ब्यूरो व राज्य जीएसटी की टीम ने सिवनी से अमित अवधिया नाम के युवक को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसके नाम पर बनाई गई जाली कंपनी के साथ अन्य और चार फर्मों में 100 करोड़ से भी अधिक का ट्रांजेक्शन मिला है।
इसमें 18 से 19 करोड़ रु. की टैक्स चोरी की भी बात सामने आई है। राज्य कर विशेष आयुक्त मध्य प्रदेश अविनाश लवानिया का मानना है कि प्रदेश में जीएसटी में फर्जी बिलों के आधार पर ट्रांजेक्शन व कर अपवंचन का प्रदेश में यह पहला मामला है। इस पूरे मामले में जिस युवक ने इस फर्जीवाड़े का जिक्र करते हुए सच सामने लाने की कोशिश की उसे ही सजा मिल गई। जानकारी के अनुसार एंटी इवेजन ब्यूरो ने अमित नामक को इस बात का दोषी बताया है कि उसकी फर्म के नाम से लेनदेन हुआ है।
माल सप्लाई नहीं किया गया, लेकिन बिल बना दिए गए। करीब 18 से 19 करोड़ से अधिक का टैक्स एवीजन करना पाया। सीजेएम कोर्ट में पेश करने के बाद से 14 जुलाई तक ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा गया है। हालांकि इस मामले में अमित का कहना था कि वह तो नौकरी करता था, लेकिन किसी भी प्रकार की फर्म नहीं बनाई। जाली हस्ताक्षर करके पूरा खेल उसकी आड़ में खेला गया।
कागजों में बनी फर्म : प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि जिन फर्म के नाम से लेनदेन हुआ है, असल में उसमें गुड्स यानी माल की सप्लाई नहीं हुई। केवल नकद राशि का लेनदेन हुआ। बिल जनरेट कर दिए गए। वहीं चार फर्मों को एक ही परिसर का पता बताया गया। जबकि मौके पर ऐसी कोई फर्म का संचालन नहीं मिला। माना जा रहा है कि ऑनलाइन जीएसटी के लिए किए गए पंजीयन में कोई भी सर्वे नहीं होने से इसका फायदा कारोबारियों ने किया। संयुक्त आयुक्त सुनील मिश्रा का भी कहना है कि अपनी तरह का प्रदेश में यह पहला मामला है।