नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न

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नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) और डॉ. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा। तीनों ही नाम काफी बड़े हैं।

नानाजी देशमुख ने अपनी जीवन समाजसेवा में समर्पित कर दिया। ग्रामीण विकास में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। मशहूर लोक गायक भूपेन हजारिका असम से ताल्लुक रखते हैं। प्रणब मुखर्जी का नाम काफी चौंकाने वाला है।

जनसंघ से जुड़े थे नानाजी
संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण भी प्रदान किया।

पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था
भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्होंने फिल्म ‘गांधी टू हिटलर’ में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन’ गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तीनों हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने पर खुशी जाहिर की है। ।