नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने 82 मिनट के भाषण में देश निर्माण में करदाताओं की भूमिका का भी जिक्र किया। पीएम ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर देनेवाले करदाताओं की संख्या में वृद्धि के आंकड़े पेश किए। साथ ही, उन्होंने ईमानदार करदाताओं की भरपूर प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि इन्हीं ईमानदार टैक्सपेयर्स की वजह से गरीबों को सरकार की ओर से बेहद सस्ती दरों पर खाद्य पदार्थ मुहैया कराए जा रहे हैं।
योजनाओं का क्रेडिट टैक्सपेयर्स को
मोदी ने कहा,’हमारे देश के कोटि-कोटि (करोड़ों-करोड़) गरीबों को दो रुपये में, तीन रुपये में खाना मिलता है। सरकार इसके लिए बहुत बड़ा आर्थिक खर्च कर रही है। लेकिन इसका क्रेडिट सरकार को नहीं जाता है। मैं आज विशेष रूप से अपने देश के ईमानदार करदाताओं से कहना चाहता हूं कि आज दोपहर को जब आप खाना खाते हैं, पल भर के लिए अपने परिवार के साथ बैठकर मेरी बात को याद कीजिएगा।’
टैक्सपेयर्स की वजह से भरते हैं गरीबों के पेटः पीएम
पीएम ने आगे कहा कि ईमानदारी से टैक्स भरने का परिणाम है कि सरकार गरीबों के पेट भर पा रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं आज ईमानदार करदाताओं के दिल को छूना चाहता हूं, उनके मनमंदिर में मैं नमन करने जा रहा हूं। मेरे देशवासियों, जो ईमानदार करदाता हैं, जो टैक्स देते हैं, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जो ईमानदार व्यक्ति कर देता है, उन पैसों से ये योजनाएं चलती हैं, इन योजनाओं का पुण्य अगर किसी को मिलता है।
वह किसी और को नहीं, मेरे ईमानदार करदाताओं को मिलता है, टैक्सपेयर को मिलता है। इसलिए, जब आप खाना खाने के लिए बैठते हैं तो आप विश्वास कीजिए कि आपके टैक्स देने की ईमानदार प्रक्रिया का परिणाम है कि जब आप खाना खा रहे हैं, उसी समय तीन गरीब परिवार भी खाना खा रहे होते हैं। इसका पुण्य ईमानदार करदाता को मिलता है और गरीब का पेट भरता है।’
पता है टैक्स भरने का आत्मसंतोषः पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कर नहीं भरने की एक हवा बनाई जा रही है। लेकिन करदाताओं को पता है कि गरीबों का पेट भरने पर कैसा आत्मसंतोष मिलता है। मोदी ने कहा, ‘जब करदाता को पता चलता है कि उसके टैक्स से, भले ही वह अपने घर में बैठा है, एयर कंडिशंड कमरे में बैठा, लेकिन उसी समय तीन गरीब परिवार अपना पेट भर रहे हैं, इससे बड़ा जीवन का संतोष क्या हो सकता है।’
तेजी से बढ़ी है टैक्सपेयर्स की तादादः मोदी
मोदी ने कहा कि देश में टैक्स भरने को लेकर ईमानदारी का जज्बा मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 सालों में जितने लोग टैक्स सिस्टम से जुड़े थे, करीब-करीब उतने लोग पिछले चार सालों में जुड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘आज देश ईमानदारी का उत्सव लेकर आगे बढ़ रहा है।
देश में 2013 तक डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) देनेवालों की संख्या 4 करोड़ थी। यानी पिछले 70 साल की हमारी गतिविधि का परिणाम था कि देश में डायरेक्ट टैक्स देनेवाले 4 करोड़ लोग थे, लेकिन आज यह संख्या करीब-करीब दोगुना होकर पौने सात करोड़ (6 करोड़ 75 लाख) हो गई है।
कहां तीन, साढ़े तीन, पौने चार करोड़ और कहां पौने सात करोड़। यह ईमानदारी का जीता-जागता उदाहरण है। देश ईमानदारी की ओर चल पड़ा है, इसका उदाहरण है। इसी तरह, 70 साल में हमारे देश में इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़नेवाले उद्यमियों का आंकड़ा 70 लाख पहुंचा था। लेकिन, सिर्फ जीएसटी आने के बाद सिर्फ एक वर्ष में यह 70 लाख का आंकड़ा 1 करोड़ 16 लाख पर पहुंच गया।’
करदाताओं की परेशानियां जरूर दूर होंगीः पीएम
प्रधानमंत्री ने उद्यमियों की परेशानियों को दूर करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश का हर व्यक्ति ईमानदारी के उत्सव में आगे आ रहा है। जो भी आगे आ रहे हैं, मैं उनको नमन करता हूं।
जो आगे जाना चाहते हैं, मैं उनको विश्वास दिलाना चाहता हूं, अब देश परेशानियों से मुक्त गौरवपूर्ण करदाता का जीवन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं करदाताओं को विश्वास दिलाना चाहता हूं, आप देश को बनाने में योगदान दे रहे हैं। आपकी परेशानियां हमारी परेशानियां हैं। हम आपके साथ हैं क्योंकि आपके योगदान से हमें देश को आगे बढ़ाना है।’
काला धन, भ्रष्टाचार पर जारी रहेगा प्रहारः पीएम
पीएम मोदी ने काला धन और भ्रष्टाचार पर प्रहार की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि सरकार काला धन, भ्रष्टाचार को माफ नहीं करनेवाली है। मोदी ने कहा, ‘कितनी भी आफतें क्यों नहीं आएं, इस मार्ग को मैं छोड़नेवाला नहीं हूं क्योंकि देश को दीमक की तरह इन्हीं बीमारियों ने तबाह करके रखा हुआ है। इसलिए आपने देखा होगा कि दिल्ली के गलियारों में अब पावर ब्रोकर नजर नहीं आते हैं। यह वक्त बदल चुका है।’