नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (एबी-एनएचपीएस) शुरू करने का ऐलान किया। 25 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर इसे लॉन्च किया जाएगा। इसके तहत करीब 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए सालाना स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। बाद में मध्यम वर्ग को भी फायदा मिलेगा।
इसके पहले हिस्से को मोदी ने भीमराव आंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर अप्रैल में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से शुरू किया था। इसके तहत उन्होंने पहले हेल्थ और वेलनेस सेंटर का उद्धाटन किया था। मोदी सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इसे दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी हेल्थकेयर बीमा कार्यक्रम बताया जा रहा है। इस योजना को मोदी केयर नाम भी दिया जा रहा है।
स्वच्छाग्रही तैयार किए जाएंगे : मोदी ने कहा, ‘‘अगला वर्ष महात्मा गांधी की जयंती का 150वां वर्ष है। गांधीजी ने सत्याग्रही तैयार किए थे। हम स्वच्छाग्रही तैयार करेंगे। ये सही है कि स्वच्छता ने तीन लाख लोगों की जिंदगी को बचाया है, लेकिन कितना ही सुखी परिवार क्यों न हो, गरीब क्यों न हो, एक बार बीमारी घर में आ जाए तो पूरा परिवार बीमार हो जाता है। देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को आरोग्य की सुविधा मुफ्त में देने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान शुरू करने का संकल्प लिया है। यह आयुष्मान भारत योजना के तहत है।’’
मध्यमवर्ग को भी बाद में फायदा मिलेगा : मोदी ने कहा, ‘‘10 करोड़ परिवारों को शुरुआत में लाभ मिलेगा। लेकिन बाद में उच्च मध्यम वर्ग और मध्यमवर्ग का भी लाभ मिलेगा। हम पांच लाख रुपए सालाना इलाज के खर्च की सुविधा देने वाले हैं। किसी भी व्यक्ति काे यह सुविधा पाने में दिक्कत ना हो, इसलिए टेक्नोलॉजी की भूमिका महत्वपूर्ण है।
टेस्टिंग शुरू हो रही है। योजना को फुलप्रूफ बनाने की कोशिश हो रही है। 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर यह अभियान शुरू कर दिया जाएगा। देश के गरीब व्यक्ति को बीमारी के संकट से जूझना नहीं पड़ेगा। उसका परिवार तबाह नहीं होगा। जवानों के लिए आरोग्य के लिए अवसर खुलेंगे। अस्पताल खुलेंगे। रोजगार मिलेगा।’’कोई गरीब
विरासत में गरीबी नहीं देना चाहता : मोदी ने कहा, ‘‘कोई गरीब गरीबी में जीना या मरना नहीं चाहता। कोई गरीब अपने बच्चों को विरासत में गरीबी देकर नहीं जाना चाहता। वह गरीबी से बाहर आने के लिए जिंदगीभर छटपटाता है, इसका उपाय यही है कि गरीब को सशक्त बनाया जाए। हमारा प्रयास है कि गरीब सशक्त हो। एक संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो वर्ष में पांच करोड़ गरीब, गरीबी की रेखा से बाहर आए। आयुष्मान भारत योजना गरीब को सशक्त करेगा।’’
50 करोड़ लोगों को कवर किया जाएगा
- इस योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को कवर किया जाएगा। योजना में गरीब, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कमजोर परिवारों को शामिल किया जाएगा।
- इसमें शामिल किए जाने वाले परिवार के सदस्यों की संख्या पर कोई रोक नहीं है।
- परिवारों को आर्थिक आधार पर चुना जाएगा।
- सरकारी और चुने हुए निजी अस्पताल में इलाज की सुविधा मिलेगी।
- आयुष्मान भारत योजना पूरी तरह से कैशलेस होगी।
- बीमा कवर के लिए उम्र की बाध्यता नहीं है।
- प्रीमियम का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार करेंगी।
- केंद्र सरकार 60%, राज्य सरकार 40% खर्च उठाएगी।
- देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। इसके लिए 1200 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- हर बार हॉस्पिटलाइजेशन के लिए ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस भी दिया जाएगा। यह भुगतान लाभार्थी के सीधे अकाउंट में किया जाएगा।
स्कीम को हाइब्रिड मॉडल पर लागू किया जा सकता है: देश के कई राज्यों में इस स्कीम को हाइब्रिड मॉडल पर लागू किया जा सकता है। इसके तहत एक लाख रुपए तक के इलाज का खर्च बीमा कंपनी वहन करेगी। वहीं, इलाज का बिल एक लाख रु से अधिक होने पर बिल का भुगतान ट्रस्ट करेगा।
देश में इस स्कीम को लागू करने के लिए 23 राज्य सहमत हो गए हैं। कई राज्य ऐसे हैं, जो अपने यहां इस स्कीम को इंश्योरेंस मॉडल के बजाए ट्रस्ट मॉडल पर लागू करना चाहते हैं। हाइब्रिड मॉडल में बीमा कंपनियों और केंद्र सरकार को प्रति परिवार कम प्रीमियम देना होगा।
एक लाख आयुष्मान मित्रों की होगी भर्ती : अगले 5 साल में 2 लाख नौकरियों का सृजन होगा। एक लाख ‘आयुष्मान मित्र’ भर्ती किए जाएंगे। यह नौकरियां अस्पतालों, बीमा कंपनियों, कॉल सेंटर, रिसर्च सेंटर आदि में मिलेंगी। आयुष्मान भारत के सीईओ डॉ. इंदु भूषण के मुताबिक, करीब एक लाख नौकरियां डॉक्टरों, नर्स, टेक्नीशियंस, बीमा कंपनी आदि की भी होगी। आयुष्मान मित्रों की ट्रेनिंग के लिए स्वास्थ्य और कौशल विकास मंत्रालय के बीच करार हुआ है।