कोटा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वायु प्रदूषण को लेकर जुटाए गए डेटाबेस के आधार पर दुनिया के 100 देशों के 4300 से ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है। इसमें टॉप 15 में 14 शहर भारत के हैं। इसमें जयपुर का 12वां और जोधपुर का 14वां स्थान है। वायु प्रदूषण के मामले में प्रदेश में कोटा तीसरे स्थान पर है।
डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर के इन शहरों से अलग-अलग वर्षों में सैंपल लिए थे। कोटा से 2012 में सैंपल लिए गए थे, जिनकी रिपोर्ट अब जारी हुई है। हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर मानक से कई गुना ज्यादा है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड कोटा के क्षेत्रीय अधिकारी अमित शर्मा खुद स्वीकार करते हैं कि कोटा में वाहनों और डस्ट का पॉल्यूशन है।
समय-समय पर यहां भी जांच की जाती है, जिसमें स्तर ज्यादा मिलता है। पहले तक तो हमारे पास जांच की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब नियमित जांच की जाती है। कोटा में पीएम 10 औसत 150 से ज्यादा रहता है, जो 100 तक ही रहना चाहिए।
मानक से 6 गुना तक ज्यादा पॉल्यूशन
कोटा के अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. केवल कृष्ण डंग का दावा है कि कोटा में पीएम 10 का स्तर कई इलाकों में सामान्य से 6 गुना तक मिला है। उन्होंने बताया कि अप्रैल में अलग-अलग इलाकों में मैंने खुद जांच कराई तो तलवंडी चौराहे से आगे नेत्र चिकित्सालय के पास पीएम 10 का स्तर 666, आईएल चौराहे पर 243, केशवपुरा चौराहे पर 392, कोटड़ी चौराहे पर 200 पाया गया।
इसके अलावा कुन्हाड़ी क्षेत्र में थर्मल प्रदूषण की बड़ी वजह है, इसे लेकर अलग से स्टडी भी कर चुके। कोटा में दमा, एलर्जी, सीओपीडी, अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कंस्ट्रक्शन साइट्स, माइनिंग, वाहनों का या उद्योगों का धुआं, थर्मल मुख्य सोर्स है।
पीएम 10 का मतलब 10 माइक्रोन तक के पार्टिकल होते हैं, जो फेफड़ों में पहुंच जाते हैं। वहीं पीएम 2.5 सबसे खतरनाक पार्टिकल होते हैं, जो नसों तक पहुंच जाते हैं। इसके चलते बच्चों में सांस की बीमारियां अब बढ़ रही हैं। थर्मल के चलते कुन्हाड़ी एरिया में भी हालात गंभीर हैं।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट से समझें 3 बड़े शहरों में प्रदूषण की स्थिति
शहर पीएम 10 पीएम 2.5
जयपुर 193 105
जोधपुर 180 98
कोटा 156 83
(विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में कानपुर, फरीदाबार, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुरुग्राम, पटियाला, अली सुबाह और अल सलेम भी शामिल)