नई दिल्ली। 13 हजार करोड़ के पीएनबी फ्रॉड केस में आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि वारंट के लिए सीबीआई ने रिक्वेस्ट की थी। उधर, पीएनबी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि बैंक 6 महीने के भीतर इस मुश्किलों और दर्द से उबर जाएगा।
उन्होंने कहा, “खराब वक्त पीछे छूट गया है। सर्जरी के बाद अब लगता है कि सबकुछ कंट्रोल में है। अब हम सुधार वाले चरण में आ गए हैं।” बता दें कि जालसाजी उजागर होने के पहले ही नीरव मोदी, गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी देश से बाहर हैं।
कारण बताओ नोटिस भेजा था, पासपोर्ट रद्द किए- सिंह
– राज्यसभा में वीके सिंह ने जानकारी दी थी कि 23 मार्च को हांगकांग की सरकार से नीरव मोदी के प्रोविजिलन अरेस्ट की अपील की गई थी। इसके बाद उसके औपचारिक प्रत्यर्पण की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा, “विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ सीबीआई में केस दर्ज होने के बाद उनके पासपोर्ट निलंबित कर दिए गए थे। 16 फरवरी को दोनों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था और इसका एक हफ्ते में जवाब मांगा गया था। दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद 23 फरवरी को दोनों के पासपोर्ट रद्द कर दिए गए।”
अब तक नीरव-मेहुल के ठिकानों पर 251 छापे
– ईडी देश भर में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के ठिकानों पर 251 छापे मार चुकी है। इसमें करीब 7,638 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की गई।
– नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट/ब्लू कॉर्नर नोटिस के साथ गैरजमानती वारंटभी जारी हो चुके हैं। दोनों के पासपाेर्ट रद्द कर दिए गए हैं।
कब और कैसे हुआ फ्रॉड?
– फ्रॉड की शुरुआत पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में 2011 से हुई। फ्रॉड फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के जरिए किया गया।
– फर्जी एलओयू तैयार कर 2011 से 2018 तक हजारों करोड़ की रकम विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।
खुलासा कब हुआ?
– फ्रॉड का खुलासा फरवरी के पहले हफ्ते में हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी।
– बाद में पीएनबी ने सीबीआई को बैंक में 1300 करोड़ के नए फ्रॉड की जानकारी दी। पीएनबी फ्रॉड अब करीब 13 हजार करोड़ तक जा पहुंचा है।