नई दिल्ली। Soyabean Price: विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम मजबूत होने तथा शादी विवाह के मौसम की मांग बढ़ने के कारण देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम मजबूत रहे।
आवक बढ़ने और निर्यात मांग कमजोर रहने के बीच मूंगफली तिलहन के दाम पिछले सप्ताहांत के स्तर पर बने रहे जबकि मूंगफली तेल के दाम हानि दर्शाते बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि मंडियों में मूंगफली की आवक बढ़ रही है और यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे दाम पर बिक रहा है और किसान अधिक नीचे दाम पर मूंगफली बेचने को राजी नहीं हैं।
मूंगफली तेल मिल वालों को मूंगफली तेल के निर्यात मांग बढ़ने का इंतजार है। इस स्थिति के बीच बीते सप्ताह भी मूंगफली तिलहन के भाव पूर्व सप्ताहांत के स्तर पर बने रहे। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, राजस्थन के मूंगफली तेल का भाव गुजरात के मूंगफली तेल के दाम से 15 रुपये लीटर नीचे बिक रहा है। इस कारण गुजरात का मूंगफली तेल खप नहीं रहा है।
इस वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल कीमतों में गिरावट आई। सूत्रों ने कहा कि आयातित खाद्य तेलों पर 22.5 प्रतिशत की ड्यूटी (आयात शुल्क) भी लगाने के बाद विदेशी तेलों के दाम लगभग 15 प्रतिशत बढ़े हैं। इसके बावजूद देश में मूंगफली तेल-तिलहन के थोक दाम 5-7 रुपये लीटर घटे हैं। फिर भी खुदरा में यही तेल कहीं 200 रुपये लीटर तो कहीं इससे भी अधिक दाम पर मिल रहा है।
खुदरा दाम में वृद्धि का लाभ इस बार मूंगफली की पैदावार बढ़ाने वाले किसानों को मिल रहा है या नही, मंहगाई की चिंता करने वाले तेल समीक्षकों को इस बात की भी छानबीन करनी चाहिये। सूत्रों ने कहा कि विदेशी आयात होने वाले खाद्यतेलों में से सोयाबीन डीगम का दाम अपने पिछले सप्ताहांत के 1,220-1,225 डॉलर प्रति टन के मुकाबले बढ़कर बीते सप्ताह 1,270 डॉलर प्रति टन हो गया।
इसी प्रकार, सूरजमुखी तेल का दाम पहले के 1,240-1,245 डॉलर प्रति टन से बढ़कर समीक्षाधीन सप्ताह में 1,280-1,285 डॉलर प्रति टन हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में यह बाकी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आने का प्रमुख कारण है।
सूत्रों ने कहा कि किसानों को पिछले साल के मुकाबले कपास नरमा के अच्छे दाम मिल रहे हैं और मजबूत किसान भी रोक-रोक कर अपना माल बेच रहे हैं। सरकारी खरीद की गारंटी की वजह से जिस तरह कपास की अच्छे दामों पर खपत बढ़ रही है, अगर यही स्थिति बनी रही तो जो किसान कपास की जगह मूंगफली खेती का रुख कर बैठे थे, वे फिर से कपास की खेती करने की ओर लौटेंगे और आगे उत्पादन बढ़ सकता है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार के द्वारा आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने और विदेशों में तेजी रहने के बावजूद देश में सरसों तेल के दाम में मात्र 20 रुपये लीटर के लगभग वृद्धि हुई है जबकि कुछ खाद्यतेल समीक्षकों को दाम में बेतहाशा वृद्धि की उम्मीद हो रही थी।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार को इस बात की ओर निरंतर ध्यान देना होगा कि देशी तेल-तिलहनों का बाजार विकसित हो अन्यथा तेल-तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने का कोई फायदा नहीं होगा। जिस तरह मूंगफली और सोयाबीन किसान उत्पादन बढ़ाने के बावजूद मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, उससे उनकी हिम्मत टूट सकती है। इसलिए तिलहन किसानों के अनुकूल स्थितियों का निर्माण करने, तेल-तिलहन नीति बनाने, एमएसपी पर खरीद की गारंटी जैसे उपायों पर ध्यान देते रहने की जरुरत है। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 15 रुपये के सुधार के साथ 6,615-6,665 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 25 रुपये की तेजी के साथ 14,125 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 20 -20 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 2,300-2,400 रुपये और 2,300-2,425 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
देशी मंहगे डीओसी की कमजोर निर्यात मांग से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 175-175 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,550-4,600 रुपये और 4,250-4,285 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
दूसरी ओर, सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 125 रुपये, 225 रुपये और 100 रुपये बढ़कर क्रमश: 14,525 रुपये, 14,225 रुपये और 10,600 रुपये क्विंटल पर बंद हुए। आवक बढ़ने और निर्यात मांग बढ़ने के इंतजार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी पिछले सप्ताहांत के मुकाबले गिरावट का रुख दिखा।
मूंगफली तिलहन के भाव जहां 6,450-6,725 रुपये क्विंटल पर अपरिवर्तित रहे वहीं मूंगफली तेल गुजरात 75 रुपये की हानि के साथ 15,250 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 5 रुपये की गिरावट दर्शाता 2,300-2,600 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 600 रुपये मजबूत होकर 13,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
पामोलीन दिल्ली का भाव 200 रुपये की तेजी के साथ 14,700 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 200 रुपये की तेजी के साथ 13,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। तेजी के आम रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 400 रुपये की तेजी के साथ 13,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।