मथुराधीश मंदिर पर हुआ बगीचा मनोरथ, मुकुट काछनी का श्रृंगार धराया

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कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर शनिवार को श्रावण शुक्ल षष्ठी पर रस लीलार्थ मधुर भाव से बगीचा मनोरथ हुआ। मथुराधीश प्रभु के पुष्टि त्रस्टी में बगीचा में हिंडोला मनोरथ के दर्शन कर वैष्णव आनंदित हो उठे। वैष्णवों ने प्रभु के जयकारों से हवेली को गूंजा दिया।

प्रभु को श्रावण मास सेवा प्रणालिका के अनुसार मुकुट काछनी का श्रृंगार धराया गया। इस दौरान डोल तिबारी में पुष्पों और लताओं से बगीचा सजाया गया। द्वारों को हल्दी से लीपा गया और आशापाला की सूत की डोरी बांधी गई। श्री मस्तक से चरणारविंद तक भारी श्रृंगार किया गया। चांदनी छटा के भाव से ठाड़े वस्त्र धराए गए।

लहरिया की सुनहरी जरी की किनारी से सूथन व काचनी का पटका धराया गया। सोने के कंठहार, बाजूबंद और पौंचा समेत विभिन्न आभरण में प्रभु के दर्शन कर वैष्णव धन्य हो उठे। प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बताया कि सोमवार को ठाकुर जी के सम्मुख जन्माष्टमी की बधाई बैठेगी। उन्होंने बताया कि रविवार को हिंडोरा मनोरथ के दर्शन शाम 7 बजे सेवानुकूल समय में होंगे।