कोटा। आदिवासी जनजातीय संस्कृति और परम्पराओं पर हम सभी को गर्व है। शिल्प, खान-पान और पारंपरिक कला को संजोए हमारी आदि विरासत, विविधता में एकता के विचार को ऊंचाई देती है। यह बात ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को जय मीनेश आदिवासी विश्वविद्यालय में आदिवासी दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कही।
हीरालाल नागर ने कहा कि आदिवासी भाई मुख्य धारा से जुड़कर राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का सपना देखा है। हम सभी मिलकर उसे पूरा करेंगे। राजस्थान प्रदेश को हम सभी प्रगति के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
राजस्थान सरकार ने आदिवासी समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। हमारी सरकार विकास और विरासत के विचार को लेकर आगे बढ़ रही है। आज जनजातीय युवाओं में स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए काम किया जा रहा है।
भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भारत का भविष्य जनजातीय समुदाय के बिना कभी पूरा नहीं हो सकता है। हमारी सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रही है। हम गांव, गरीब, महिला, युवा, पिछड़े, दलित, जनजातीय, आदिवासियों समेत सभी वर्गों के उत्थान और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार विकास का लाभ उन सभी लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है, जो विकास यात्रा में पीछे छूट गए हैं। पीएम मोदी ने द्रोपदी मुर्मू के रुप में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति दी है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सोलर एनर्जी और ग्रीन एनर्जी के माध्यम से विद्युत उत्पादन प्रारंभ करें। जिससे विश्वविद्यालय पर आर्थिक भार कम होगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि आदिवासी, जनजातीय, पिछड़ा, दलित समाज हम सभी एक गुलदस्ते के रूप में जुड़कर भारतीय समाज को बनाते हैं। आज देश में अनुशासन और संस्कारों से युक्त शिक्षा की जरूरत है। जय मीनेश विश्वविद्यालय इस कमी को पूरा करने का काम कर रहा है।
इस दौरान कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, किशनगंज विधायक ललित मीणा, संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया, पूर्व जिला प्रमुख कमला मीणा, विश्वविद्यालय के चेयरमैन आरडी मीना, प्रो. डीपी तिवारी मौजूद थे।