प्राइवेट कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी में सरकार, नहीं देनी पड़ेगी मोटी फीस

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अब ‘साथी’ के साथ मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग करेंगे देश भर के छात्र

नई दिल्ली। निजी कोचिंग सेंटरों में छात्रों से न सिर्फ बड़ी रकम वसूलने बल्कि कई अन्य सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इन पर नकेल की मांग उठ रही है। ऐसे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट कर दिया कि सरकार छात्रों को कोचिंग सेंटरों की दुनिया से बाहर लाना चाहती है और इसके लिए कानूनी और सामाजिक हर प्रयास किए जाएंगे। इसमें सरकारी ‘साथी’ ( सेल्फ असेसमेंट, टेस्ट एंड हेल्प ऑफ एंट्रेंस एग्जाम ) कारगर होगा।

उन्होंने कहा कि इसके जरिए जेईई मेन, नीट-यूजी व एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए नि:शुल्क आनलाइन कोचिंग उपलब्ध हो रहा है, जिसमें आईआईटी, आईआईएम और एम्स के प्रोफेसर न सिर्फ पढ़ाएंगे बल्कि वह उनकी मदद के लिए ऑनलाइन उपलब्ध भी रहेंगे। कोई भी छात्र इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराकर पढ़ सकेगा।

SSC की शुरू हुई निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग
जेईई मेन, जेईई-एडवांस, नीट-यूजी और केंद्रीय सेवाओं के ग्रेड-2 व ग्रेड- 3 श्रेणी के कर्मचारियों के चयन के लिए आयोजित परीक्षा एसएससी की निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग शुरू कर दी गई है। इनमें जल्द ही विधि संस्थानों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा क्लेट,प्रबंधन संस्थानों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा कैट के साथ विश्वविद्यालयों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा सीयूईटी को शामिल करने की तैयारी है।

इन सभी परीक्षाओं में हर साल देश के 50 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होते है। ऐसे में यह पहल इन सभी छात्रों के लिए बड़ी मदद है। सरकार का इस दिशा में उत्साह तब बढा है, जब इस साल उन्हें जेईई मेन की कोचिंग में बड़ी सफलता मिली। इसके जरिए पढ़ाई करने वाले 12 सौ से ज्यादा छात्रों ने क्वालीफाई किया।

शीर्ष संस्थानों के शिक्षकों की ली जा रही मदद
साथी प्रोजेक्ट से जुड़े शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में इसे निजी ऑनलाइन कोचिंग के मुकाबले खड़ा करने की तैयारी है। जिसमें आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे देश के शीर्ष संस्थानों के शिक्षकों की मदद ली जा रही है। उनके विषय आधारित वीडियो और लेक्चर तैयार कराकर डाले जा रहे है।

छात्रों को नहीं चुकानी होगी मोटी राशि
यह अंग्रेजी, हिंदी के साथ ही तमिल, कन्नड व उर्दू जैसी भाषाओं में भी है। इस पहल को छात्रों के लिए इसलिए भी उपयोगी माना जा रहा है, क्योंकि इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक की योग्यता में कोई संशय नहीं है, दूसरी इसके लिए छात्रों को निजी कोचिंग की तरह मोटी राशि नहीं चुकानी पड़ेगी।

इन माध्यमों से जुड़ सकते है कोचिंग से
प्रतियोगी छात्रों की सुविधा के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सरकारी आनलाइन कोचिंग साथी को वेब पोर्टल के साथ ही मोबाइल एप, यू-ट्यूब, डीटीएच चैनल आदि के जरिए भी उपलब्ध करा रही है। जिन छात्रों के पास इंटरनेट जैसी सुविधाएं नहीं है, उनके लिए ग्राम पंचायतों के कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर यह सुविधा मुहैया कराई जा रही है।

मंत्रालय ने इसे लेकर सीएससी के साथ करार भी किया है। मौजूदा समय में साथी प्लेटफार्म पर दस हजार से अधिक घंटों की अध्ययन सामग्री मुहैया कराई गई है। इसके लिए छह सौ से अधिक मेंटर जोड़े गए है। वहीं अब तक इससे डेढ़ लाख छात्र रजिस्टर्ड हो चुके है।