कोटा। Tax on coriander:धनिया के एक प्रमुख उत्पादक प्रान्त-राजस्थान में टैक्स की ऊंची दर से व्यापारियों को भारी कठिनाई हो रही है और रामगंज तथा बारां जैसी मंडियों में कारोबार लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में धनिया के कारोबार पर कुल मिलाकर 4.35 प्रतिशत का टैक्स लागू है जिसमें 1.60 प्रतिशत उपकर, 0.5 प्रतिशत का किसान कल्याण कोष शुल्क तथा 2.25 प्रतशत का आढती शामिल है। इसके मुकाबले दो अन्य महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों-गुजरात एवं मध्य प्रदेश में धनिया पर सिर्फ 1 प्रतिशत का टैक्स लागू है।
ऊंचे स्थानीय शुल्क के कारण राजस्थान से धनिया का कारोबार गुजरात तथा मध्य प्रदेश की तरफ शिफ्ट होने लगा है। राज्य की दोनों प्रमुख थोक मंडियों में धनिया की औसत दैनिक आवक घटकर 2500 बोरी के आसपास देखी जा रही है जो वर्ष के इसी अवधि के सापेक्ष बहुत कम है।
राजस्थान के उत्पादक एवं व्यापारी पडोसी राज्यों की ओर मुड़ने लगे हैं और दिसावरी खरीदार भी इन प्रान्तों से ही धनिया की लिवाली को प्राथमिकता देने लगे हैं क्योंकि वहां करीब 3.5 प्रतिशत कम टैक्स देना पड़ता है।
ज्यादा टैक्स के कारण राजस्थान का धनिया गुजरात एवं मध्य प्रदेश की तुलना में ऊंचे मूल्य पर उपलब्ध रहता है। चालू वर्ष के दौरान गुजरात और राजस्थान में धनिया का उत्पादन पिछले साल से कुछ कम हुआ है मगर मध्य प्रदेश में उत्पादन कुछ बढ़ने का अनुमान है। धनिया रबी कालीन मसाला है जिसकी बिजाई अक्टूबर-नवम्बर में तथा कटाई-तैयारी फरवरी-मार्च में होती है।
अगले महीने से त्यौहारी सीजन आरम्भ होने पर धनिया की घरेलू मांग कुछ बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा आयातक देशों की दिलचस्पी भी इसकी खरीद में बढ़ने की सम्भावना है। इसे देखते हुए बाजार कुछ मजबूत हो सकता है।
लेकिन पिछला बकाया स्टॉक मौजूद होने से कीमतों में बेतहाशा तेजी आने की उम्मीद नहीं है। मानसून सीजन जारी रहने से प्रमुख उत्पादक राज्यों में धनिया के कारोबार पर कुछ असर पड़ने की आशंका है।