नई दिल्ली। प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी वर्षा हो रही है और अगले महीने भी इसका सिलसिला बरकरार रहने की उम्मीद है।
इससे गन्ना की औसत उपज दर तथा गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। गन्ना का उत्पादन क्षेत्र पहले ही पिछले साल के मुकाबले करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर बढ़ चुका है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने गन्ना के उत्पादन का लक्ष्य बढ़ा दिया है।
अगले मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर 2024-सितम्बर 2025) के दौरान चीनी मिलों को अधिक मात्रा में गन्ना प्राप्त हो सकता है। इस्मा के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के अंत में यानी 30 सितम्बर 2024 को स्वदेशी उद्योग के पास 90 लाख टन से अधिक चीनी का विशाल बकाया अधिशेष स्टॉक मौजूद रहेगा जो परम्परागत आवश्यक स्टॉक 55-60 लाख टन से करीब 50 प्रतिशत ज्यादा है।
इस तरह बेहतर उत्पादन की संभावना एवं भारी -भरकम बकाया स्टॉक के कारण चीनी के दाम पर आगामी महीनों के दौरान उस समय दबाव पड़ सकता है जब देश में त्यौहारी सीजन चल रहा होगा।
सरकार चीनी के इस अधिशेष स्टॉक के निर्यात की स्वीकृति देने के लिए तैयार नहीं है और घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने को प्राथमिकता दे रही है।
जुलाई के लिए चीनी का कोटा 24 लाख टन नियत किया गया क्योंकि आमतौर पर इस माह में खपत कम होती है। अगस्त से अक्टूबर तक अधिक मात्रा में फ्री सेल कोटा नियत हो सकता है क्योंकि उद्योग के पास विशाल स्टॉक मौजूद है और त्यौहारी सीजन में चीनी की मांग एवं खपत बढ़ने की परिपाटी रही है।