नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी लोकसभा अध्यक्ष भाजपा का ही होगा। सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष तय करने की मांग करने वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी मंगलवार को भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन देने पर हामी भर दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद के आगामी सत्र के लिए सदन की रणनीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। इस सत्र में जहां नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अगले पांच साल के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार का दृष्टिकोण देश के सामने रखेंगी। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान,अन्नपूर्णा देवी, और किरण रिजिजू शामिल हुए।
एनडीए के सहयोगी दलों में जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान सहित अन्य नेता शामिल हुए। सिंह और पासवान केंद्रीय मंत्री हैं। दोनों सदनों में 28 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2-3 जुलाई को चर्चा का जवाब दे सकते हैं। समझा जाता है कि रक्षा मंत्री के आवास पर हुई बैठक में लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवारों पर भी चर्चा हुई। जेडीयू ने कहा है कि वह अध्यक्ष पद के लिए भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करेगी जबकि एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने इस प्रतिष्ठित पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार की मांग की है।
किनके नामों की हो रही है चर्चा
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष पद की मांग की है जबकि भाजपा अपने गठबंधन सहयोगी को यह पद देने पर विचार कर रही है। निवर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में भाजपा नेता राधामोहन सिंह, डी पुरंदेश्वरी और भर्तृहरि महताब के नामों की चर्चा है। आठ बार लोकसभा सदस्य रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. सुरेश संसदीय अनुभव के लिहाज से सबसे वरिष्ठ हैं और वह अस्थायी अध्यक्ष की भूमिका के दावेदार हैं।