Motivational Seminar: छात्र स्वयं की कमियों को पहचाने और मोबाइल से दूर रहें

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कलेक्टर गोस्वामी ने मोशन के विद्यार्थियों से साझा किये अपने छात्र जीवन के अनुभव

कोटा। कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि परिश्रम और पुरुषार्थ में विश्वास रखें, मन लगाकर मेहनत करें, मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। कलेक्टर बुधवार शाम मोशन एजुकेशन के द्रोणा कैम्पस में विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ विद्यार्थी जीवन के अनुभव शेयर किए। बातचीत, हंसी-मजाक की। उनकी बात सुनी, समस्याओं को जाना और सवालों के जवाब दिए।

उन्होंने बताया कि कामयाब कोटा अभियान के तहत जिला प्रशासन ने कोचिंग स्टूडेंट्स को टेंशन से बाहर लाने, उनके मनोरंजन, उनकी समस्याओं का समाधान और उन्हें एक खुशनुमा माहौल देने के लिए प्रयास किए हैं। इस दौरान मोशन के ज्वाइंट डायरेक्टर रामरतन द्विवेदी और डिप्टी डायरेक्टर निखिल श्रीवास्तव और अन्य सीनियर फेकल्टी मौजूद थे।

बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ.गोस्वामी ने कहा कि जीवन का लक्ष्य केवल कोई एग्जाम पास करना ही नहीं है। एग्जाम क्वालीफाई करना या अच्छी नौकरी पाना लक्ष्य प्राप्त करने के माध्यम हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य नहीं। आपने कई आईआईटीयंस के बारे में सुना होगा जो बड़ी-बड़ी नौकरियां पाने के बाद भी सेटिस्फेक्शन की खोज में सब कुछ छोड़कर आ जाते हैं। दरअसल, कोई भी कामयाबी जीवन का एक पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है। जीवन मे हमेशा कुछ बेहतर करने और पाने की गुंजाइश है।

एक सवाल का जवाब में कलेक्टर ने कहा कि कोचिंग से सवाल को साथ लेकर घर नहीं जाएं। एक स्टडी कहती है कि 50 प्रतिशत लोग इंट्रोवर्ड होते हैं। उनको क्लास में सवाल पूछने में झिझक होती है। इस झिझक को छोड़ना होगा। एक छात्र ने कलेक्टर से पूछा कि उसे पढ़ाई के बाद भी आत्मविश्वास नहीं आ पाता और अपनी तैयारी पर शंका बनी रहती है।

जवाब में कलेक्टर ने कहा कि तैयारी पर शंका एक सामान्य बात है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। कलेक्टर डॉक्टर गोस्वामी ने कहा कि आप स्वयं की कमियों को पहचाने और मोबाइल से दूर रहें। पढ़े हुए को याद रखने के सवाल पर कलेक्टर ने जवाब दिया कि लिख-लिख कर पढ़ाई करें, डायग्राम बनाकर याद रखने की विभिन्न ट्रिक्स के माध्यम से स्मार्ट स्ट्रेटेजी बनाकर याद करें।

एग्जाम में होने वाली सिली मिस्टेक्स से कैसे बचें, के जवाब में कलेक्टर ने कहा कि परीक्षा में सिली मिस्टेक्स सामान्य हैं, जो सब करते हैं। लेकिन कुछ लोग ज्यादा करते हैं, तो कुछ कम। इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस, रिवीजन और पुरानी गलतियों को न दोहराने की इच्छा जरूरी है। कलेक्टर गोस्वामी ने कहा कि जो टॉपिक आपको मुश्किल लगता है, उसके टेस्ट जरूर दें ताकि गलतियों से सीखा जा सके।

कलेक्टर ने कहा कि रात में सोने से पहले दिन में किए काम और पढ़ाई के बारे में सोचें और आत्ममंथन करें। अगर लगता है आज किसी चीज में ज्यादा समय बर्बाद किया है, तो कोशिश करें अगले दिन वह गलती न दोहराएं। साथियों के अच्छे नंबर आने और सिलेक्शन से तनाव के सवाल पर कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि पीयर प्रेशर सामान्य बात है। लेकिन याद रखें, हर छात्र की अपनी क्षमता और खूबियां होती हैं, इसलिए किसी से भी अपनी तुलना से बचना चाहिए