नई दिल्ली। Mustard Price: सरसों के भाव में अब तेजी देखी जा रही है। मंडियों में इस महीने इसके थोक भाव में काफी तेजी आ चुकी है। जानकारों के मुताबिक आगे सरसों के भाव और बढ़ सकते हैं। सरसों में आ रही तेजी से किसानों को राहत मिली है क्योंकि उन्हें बीते कई महीनों से सरसों के एमएसपी से भी कम दाम मिल रहे थे।
राजस्थान की जयपुर मंडी को सरसों की बेंचमार्क मंडी माना जाता है। इस मंडी में इस समय सरसों 6,325 से 6,350 रुपये बिक रही है, जबकि इस माह के शुरू में इसके भाव 5,300 से 5,350 रुपये प्रति क्विंटल थे। इस तरह इस महीने सरसों के भाव में करीब 19 फीसदी इजाफा हुआ है।
नई फसल की आवक के समय इसके भाव 5,000 रुपये से भी नीचे चले गए थे और पिछले महीने तक सरसों के भाव इसके MSP 5,650 रुपये से नीचे ही रहे। लेकिन इस माह सरसों में तेजी आने लगी और अब भाव MSP से करीब 700 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा चल रहे हैं।
तिलहन उद्योग के अहम कारोबारी संगठन सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (COOIT) के चेयरमैन सुरेश नागपाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बंपर उत्पादन और नई आवक जोरों पर होने के कारण बीते महीनों में इसके भाव MSP से काफी नीचे चले गए थे। अब निचले भाव पर मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में तेजी आ रही है। इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में सरसों खली की भी मांग निकल रही है। ऐसे में पेराई के लिए सरसों की मांग मजबूत है।
कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने कहा कि भाव कम मिलने से बीते महीनों में किसानों ने भी सरसों को रोककर रखा। जिससे मंडियों में इसकी आवक कमजोर पड़ी। इससे सरसों महंगी होने को बल मिला। जिंसों के दाम और आवक के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक मई में अब तक करीब 2.65 लाख टन सरसों की आवक हुई, जो अप्रैल महीने में करीब 7.54 लाख टन आवक से काफी कम है। सरकारी एजेंसियों द्वारा सरसों की खरीद बढ़ाने से भी इसकी कीमतों में तेजी को सहारा मिला है। सरकारी एजेंसियां 19 से 20 लाख टन सरसों की खरीद कर चुकी हैं।
कहां तक जा सकते हैं सरसों के भाव
जानकारों का मानना है कि सरसों की कीमतों में अभी कम से कम 200 रुपये की तेजी और आ सकती है। पॉल ने कहा कि तेल मिलों की मांग आगे भी मजबूत रह सकती है। इसके साथ ही खासकर आम अचार निर्माताओं की ओर से भी सरसों व सरसों तेल की मांग निकल रही है। ऐसे में इसके भाव बढ़कर 6,500 रुपये क्विंटल पार कर सकते हैं। नागपाल कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खली की मजबूत मांग से भी आगे सरसों के भाव और बढ़ सकते हैं।