Blue Economy: पीएम मोदी ने की 23 हजार करोड़ की समुद्री परियोजनाओं की शुरुआत

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पीएम मोदी ने गुजरात के दीनदयाल पत्तन प्राधिकरण में 4,500 करोड़ से बनने वाले टूना-टेकरा टर्मिनल की नींव रखी

नई दिल्ली। Blue Economy: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 23,000 करोड़ रुपये की समुद्री परियोजनाओं की शुरुआत की और इसके साथ ही नीली अर्थव्यवस्था के लिए लॉन्ग टर्म विजन डॉक्यूमेंट जारी किया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार इसमें बंदरगाह सुविधाओं में वृद्धि, सतत प्रथाओं को बढ़ावा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाए जाने के मकसद से रणनीतिक पहल की रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने ‘ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट’ (Global Maritime India Summit) के तीसरे संस्करण के दौरान भारतीय समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के लिए 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया या उनका शिलान्यास किया।

इस शिखर सम्मेलन में भविष्य के पत्तनों सहित समुद्री क्षेत्र से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा बैठक में कार्बन में कटौती (डिकार्बोनाइजेशन), तटीय जहाजरानी और अंतरदेशीय जल परिवहन, पोत निर्माण, वित्त, समुद्री पर्यटन आदि मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।

PPP पर डेवलप होगा ग्रीनफील्ड टर्मिनल
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के दीनदयाल पत्तन प्राधिकरण में करीब 4,500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले टूना-टेकरा टर्मिनल (Tuna-Tekara Terminal) की नींव रखी। इस ग्रीनफील्ड टर्मिनल को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) प्रक्रिया के तहत विकसित किया जाएगा।

इस टर्मिनल के एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है और यह अगली पीढ़ी के पोतों का प्रबंधन करेगा और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) के जरिए भारतीय व्यापार के लिए प्रवेश द्वार का कार्य करेगा।

कई देशों के मंत्री लेंगे भाग
प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय भागीदारी के लिए करीब 7.16 लाख करोड़ रुपये के 300 से अधिक समझौता ज्ञापन (MoU) भी समर्पित किए। इस शिखर सम्मेलन में यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया (मध्य एशिया, मध्य पूर्व और बिम्सटेक क्षेत्र सहित) के विभिन्न देशों के मंत्री भाग लेंगे।

इस अहम समुद्री कार्यक्रम में वैश्विक मुख्य कार्याधिकारी (CEO), व्यापारिक क्षेत्रों के प्रमुख लोग, निवेशक, अधिकारी और वैश्विक स्तर के अन्य हितधारक भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन में कई राज्यों का भी प्रतिनिधित्व होगा।