चैटजीपीटी पर लगाम कसने के लिए कानून बनाएगी भारत सरकार

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नई दिल्ली। देश और दुनिया में चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे एआई-इनेबल्ड स्मार्ट टेक प्लेटफॉर्म्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। दुनियाभर की सरकारें इस बात पर माथापच्ची कर रही हैं कि इस पर कैसे लगाम लगाई जाए। भारत सरकार भी इससे बेखबर नहीं है। सरकार इसके लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क (regulatory framework) बनाने पर विचार कर रही है।

उसका कहना है कि इस बारे में जो भी कानून बनाया जाएगा, वह दूसरे देशों के कानूनों के मुताबिक होगा। कम्युनिकेशंस एंड आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने मंगलवार को कहा कि एआई प्लेटफॉर्म्स का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया के कई देश इस पर नजर रखे हुए हैं। दुनियाभर के देशों के बीच चर्चा के बाद इस बारे में एक फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है।

वैष्णव ने कहा कि पूरी दुनिया इस बारे में चर्चा कर रही है कि इसके लिए क्या फ्रेमवर्क और रेगुलेटरी सेटअप होना चाहिए। जी7 देशों के डिजिटल मिनिस्टर इस बात को लेकर गंभीर हैं कि इसके लिए किस तरह का रेगुलेटरी फ्रेमवर्क होना चाहिए। इसलिए यह दुनिया का विषय है। यह किसी एक देश का मुद्दा नहीं है। इसे अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बारे में विभिन्न देशों के बीच विचारों का आदान-प्रदान जारी रहेगा।

जब उनसे पूछा गया कि चैट जीपीटी जैसे एआई चैट प्लेटफॉर्म्स को लेकर क्या समस्याएं हैं, तो उन्होंने कहा कि ये आईपीआर, कॉपीराइट और अलगॉरिद्म को लेकर पूर्वाग्रह से जुड़ी हैं। इस तरह के कई मुद्दे हैं। यह बहुत बड़ा फील्ड है। क्या इस विषय पर अलग कानून की जरूरत है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पर सभी देशों को एक को-ऑपरेटिव फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है।

चैटजीपीटी को स्टार्टअप कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने विकसित किया है। इसे पिछले साल के अंत में लॉन्च किया गया था और पहले पांच दिन में ही इसके 10 लाख से अधिक यूजर बन गए थे। माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने इस कंपनी में अरबों डॉलर का निवेश किया है। साथ ही उसने अपने प्रॉडक्ट्स में इस टेक्नोलॉजी को इंटिग्रेट किया है। गूगल (Google) भी अपना जेनेरेटिव एआई टूल Bard को विकसित कर रहा है।

लेकिन दुनियाभर के रेगुलेटर्स इस तरह की टेक्नोलॉजी की बढ़ती लोकप्रियता, स्वीकार्यता और बढ़ते चलन से चिंतित हैं। उनकी चिंता यह है कि इससे लोगों को गुमराह किया जा सकता है, फर्जी खबरें फैलाई जा सकती हैं, कॉपीराइट का उल्लंघन किया जा सकता है और लाखों नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है।

चैटजीपीटी क्या है
स्वतंत्र अनुसंधान प्रयोगशाला OpenAI द्वारा विकसित, ChatGPT एक AI-संचालित है chatbot जो एक इंसान की तरह आपके सवालों, पूछताछ और सामान्य बातचीत का त्वरित जवाब दे सकता है। इसके साथ, चैटजीपीटी उन आदेशों को भी निष्पादित कर सकता है जिन्हें आप सरल पाठ के माध्यम से वितरित करते हैं। चैटजीपीटी जनरेटिव प्री-ट्रेनिंग ट्रांसफॉर्मर (जीपीटी) के समान एक प्रशिक्षण दृष्टिकोण और डेटासेट का उपयोग करता है, जो मानव-समान पाठ उत्पन्न करने के लिए ओपनएआई द्वारा विकसित एक भाषा मॉडल है। यह वह जगह भी है जहां प्लेटफॉर्म को इसका नाम मिलता है, जो “चैट” और “जीपीटी” का एक पोर्टमैंटो है।