रेडियशन तकनीक से बिना केमिकल छह माह तक ख़राब नहीं होंगे जामुन

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  • भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के इंजीनियर धीरज जैन ने बताई तकनीक
  • लघु उद्योग भारती के दो दिवसीय उद्यमी सम्मेलन का समापन

कोटा। जामुन (jamun) बहुत गुणकारी फल है, जो डायबिटिज रोगियों (diabetic patients) के लिए बहुत उपयोगी है। परन्तु इसकी कहीं भी खेती नहीं की जाती है। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (Bhabha Atomic Research Center) की मदद से रेडियशन तकनीक (radiation technology) के माध्यम से बिना किसी केमिकल के उपयोग कर अब जामुन को छह माह तक रखा जा सकता है।

यह जानकारी रविवार को लघु उद्योग भारती की ओर से आयोजित उद्यमी सम्मेलन में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के इंजीनियर धीरज जैन ने अपने व्याख्यान में दी। उन्होंने बताया कि डायबिटिज के रोगियों के घाव जल्द नहीं भरते हैं। ऐसे में सेंटर द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड की ऐसी पट्टी बनाई गई है, जो घाव को तीन गुना जल्द भर देती है।

उन्होंने अपनी डिजिटल प्रजेंटेशन में जैव विज्ञान, रसायन शास्त्र, जल शाक्ति, एडवांस टेक्नोलाॅजी, रेडिएशन, जल शुद्धिकरण सहित 150 विभिन्न तकनीक से लघु उद्योगों के अपव्यय व अपशिष्ट को उपयोगी बनाने ओर व्यवसाय में इन तकनीकों के माध्यम से कम उर्जा में अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा आदि राज्यों में अशुद्ध पानी को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की तकनीक से क्लोरीन ऑक्साइड (chlorine oxide) मिलाकर व्यवसाय के उपयोग एवं पीने योग्य बनाया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि विकिरण प्रौद्योगिकी (radiation technology) की मदद से फसल सुधार के क्षेत्र में डीएई के अनुसंधान प्रयास ने विभिन्न फसलों की 55 उच्च उपज वाली किस्मों को विकसित किया है, जो वाणिज्यिक कृषि के लिए प्रयोग में ली जा रही है। इसमें 55 ट्रॉम्बे म्यूटेंट किस्में लोकप्रिय और विकसित व्यापक रूप से बेहतरीन हैं।

उन्होंने बताया कि गामा किरणों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) के माध्यम से कृषि वस्तुओं के जीवन को बढ़ा दिया जाता है। रेडिएशन में केमिकल के उपयोग नहीं करने से स्वाद, रंग और बनावट में ताजा अवस्था के करीब रहते हैं। इस प्रक्रिया से प्राकृतिक रसों की हानि नहीं होती है। इस तकनीक के प्रयोग से भारत अमेरिका में अप्रैल 2007 मे आम का निर्यात कर सका। वर्तमान में 25 प्लांट इस कार्य में लगे हुए हैं।

हरित उर्जा का उत्सर्जन: उन्होंने बताया कि उर्जा के क्षेत्र में सेंटर देश में 22 संयंत्रों के माध्यम से 6780 मेगावाट हरित उर्जा का उत्सर्जन कर रहा है। वर्तमान मे 6 नये रियक्टरों एवं 10 रियक्टरों को वित्तीय मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि 2031 तक 23 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करना भाभा रिसर्च सेंटर का लक्ष्य है।

लघु उद्योग भारती उत्पाद समूह बनाकर कार्य करेगी
लघु उद्योगों के विकास एवं उत्थान के लिए लघु उद्योग भारती अब उत्पाद समूह बनाकर कार्य करेगी। इसमें विभिन्न उत्पादों के आधार पर विभाजन कर एक संघ बना दिया जाएगा। वर्तमान में टेक्साटाइल, माइनिंग, सर्विस सेक्टर, कृषि, प्रिटिंग व पैकेजिंग सहित 22 उत्पादों को इस श्रेणी में शामिल किया है। इसमें सर्विस सेक्टर के लिए गोविंद राम मित्तल व माइनिंग के लिए अचल पौद्दार सहित सभी उत्पादो के लिए उद्यमियों की नियुक्ति की गई। यह उत्पाद संबंधी समस्या सभी से एकत्रित कर उसे केंद्रीय मंच पर लाकर समाधान का प्रयास करेंगे।

देने वाला बनें, प्राप्त करने वाला नहीं
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ताराचंद गोयल ने कहा कि आज उद्यमी का बेटा उद्योग संभालने की जगह बेहतर पैकेज पर नौकरी की राह पकड़ना अधिक पसन्द करता है। ऐसे में उद्योग के प्रति उनकी अरूचि व उद्यमियता का भाव समाप्त हो रहा है। यह लघु उद्योगो के लिए घातक है। इसके लिए उन्हें समझाना होगा कि हमें समाज को कुछ देने वाला बनाना है, ना कि प्राप्त करने वाला। उन्होंने परिवार में संस्कार के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि जड़ों को जोडे रखने के लिए यह आवश्यक है।

लघु उद्योगों की समस्या-समाधान पर मंथन
लघु उद्योग भारती के उद्यमी सम्मेलन के अंतिम दिन अभ्यास सत्र में विभिन्न वक्ताओं ने लघु उद्योगों की समस्या-समाधान, सामाजिक समरसता, देश हित, महिला सहभागिता, सोशल मीडिया कौशल विकास, रोजगार सजृन, स्वतंत्रता संग्राम और लघु उद्योग के योगदान सहित उद्योगों में नवीनतम अविष्कार पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। लघु उद्योग कोटा की महिला इकाई द्वारा लघु नाटिका एवं विभिन्न संस्कृतियो के जुडे नृत्यो का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किया गया।

यह मंचासीन रहे
अंतिम सत्र में प्रान्त प्रचारक विजयानंद, पूर्व रा.अध्यक्ष ओम प्रकाश मित्तल, गोविंदराम मित्तल, विनय बम्ब, महेश गुप्ता, नितिन अग्रवाल, योगेन्द्र शर्मा, विपिन सूद, पवन कुमार गोयल, शांति लाल बांगड़, नरेश पारीक, श्वेता जैन, शशि मित्तल एवं चांदनी पोद्दार मंचासीन रहे।

वाजपेयी को श्रद्धांजलि
सत्र के दौरान भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर उनकी डाॅक्यूमेंटरी दिखाकर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई।