नई दिल्ली। महंगाई में नरमी के बावजूद आरबीआई ब्याज दरों के मोर्चे पर अभी राहत नहीं देना चाहता है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को जारी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के ब्योरे में इसका संकेत दिया है। ब्योरे के मुताबिक, दास ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि का दौर जल्द थमने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा, अगर तरलता को कम करने की कोशिश के तहत की जा रही वृद्धि को सही वक्त आने से पहले रोक दिया गया तो यह नुकसानदेह साबित हो सकता है। आरबीआई की दिसंबर के पहले सप्ताह में हुई एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 0.35 फीसदी की वृद्धि की गई थी।
इस वृद्धि को सही ठहराते हुए दास ने कहा, मेरा मानना है कि मौद्रिक नीति कार्रवाई में वक्त से पहले ठहराव लाना इस वक्त एक बड़ी नीतिगत भूल साबित होगी। अभी भविष्य की स्थिति काफी अनिश्चय है। ऐसे में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रोकने से ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं, जिनमें महंगाई दर का दबाव और बढ़ सकता है। ऐसा होने पर हमें और ज्यादा कड़े नीतिगत फैसले करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
उचित प्रतिक्रिया देने को तैयार रहे एमपीसी
डिप्टी गवर्नर माइकल देवब्रत पात्रा ने कहा कि आने वाली सूचनाओं से यह संकेत नहीं मिलता है कि महंगाई में मामूली नरमी टिकाऊ है। इसलिए महंगाई के लक्ष्य के प्राप्त करने के लिए एमपीसी की उचित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
जयंत वर्मा ने किया था विरोध
एमपीसी सदस्य जयंत आर वर्मा ने रेपो दर में 0.35% वृद्धि के खिलाफ मतदान किया था। उन्होंने कहा था, मेरा मानना है कि 6.25% की रेपो दर आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम है। उदार रुख वापस लेने से विकास के नरम दृष्टिकोण को नुकसान हो सकता है।