राजस्थान के सभी पशुपालकों को मिलेगा क्रेडिट कार्ड का लाभ: स्पीकर बिरला

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नई दिल्ली/कोटा। राजस्थान के सभी पशुपालकों को पशुपालन क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलेगा। स्पीकर ओम बिरला ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय तथा पांच प्रमुख बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक में क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलने में आ रही दिक्कतों को दूर करने का कहा है।

पिछले दिनों संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के दौरे पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को पशु पालकों ने पशुपालन क्रेडिट कार्ड संबंधी कठिनाइयों के बारे में बताया था। पशु पालकों का कहना था कि बैंक अधिकारी क्रेडिट कार्ड जारी करने में रोड़े अटकाते हैं। क्रेडिट कार्ड जारी हो जाए तो अमानत रखने, पशु के लिए पहले शेड बनवाने जैसी शर्तें लगाकर ऋण जारी नहीं करते। इस कारण पशुपालकों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बैठक में स्पीकर बिरला ने कहा कि किसान और पशुपालकों को संबल देने तथा उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार यह योजनाएं लाई है। लेकिन निचले स्तर पर बैंक अधिकारियों के द्वारा बाधाएं उत्पन्न करने से इसका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। इस बारे में वित्त मंत्रालय के सचिव (बैंकिंग) तथा बैंक के वरिष्ठ अधिकारी उचित दिशा-निर्देश जारी करें ताकि पात्र वर्ग को लाभ मिल सके।

चर्चा के बाद निर्णय लिया गया था कि प्रदेश भर में सभी प्रमुख बैंक कैंप आयोजित कर पशु पालकों को ऋण मिलने में आ रही दिक्कतों को स्वयं दूर करवाएंगे। उसके आवेदन से संबंधित समस्त औपचारिकताएं पूरे होते ही उसे ऋण जारी कर दिया जाएगा। इससे प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित हो सकेंगे।

बैठक में वित्त मंत्रालय के सचिव (बैंकिंग) विवेक जोशी, लोक सभा के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ महाजन, लोक सभा अध्यक्ष के विशेष कार्याधिकारी राजीव दत्ता, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैंक लगाएंगे संयुक्त कैंप
बैठक में प्रदेश भर में स्ट्रीट वैंडर्स को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ नहीं मिल पाने पर स्पीकर बिरला ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि निकाय और बैंक के अधिकारी 10 हजार रूपए के ऋण के लिए स्ट्रीट वेंडर्स को चक्कर लगवा देते हैं। स्ट्रीट वेंडर को अपने व्यापार का भी नुकसान होता है और उसे ऋण भी नहीं मिल पाता।

बैंकिंग सचिव ने आश्वस्त किया कि वे बैंक तथा निकायों के संयुक्त कैंप आयोजित करने के निर्देश जारी करेंगे। इन कैंम्प्स में निगम अधिकारियों की ओर से आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करते ही बैंक की ओर से भी ऋण हाथों-हाथ जारी कर दिया जाएगा।