देश में महंगाई के बावजूद सोने की मांग 28 फीसदी बढ़ी, 1181 टन सोना बिका

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नई दिल्ली। दुनिया भर की इकोनॉमी में भले ही महंगाई का रोना रोया जा रहा है। लेकिन सोने की बिक्री (Gold Demand) में कोई कमी नहीं आई है। हालत यह है कि इस साल तीसरी तिमाही के दौरान 1,181 टन सोना बिक गया। इसमें ओवर दि काउंटर या ओटीसी (OTC) के आंकड़े शामिल नहीं है। यह सालाना आधार पर 28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की नई गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट से पता चला है कि सोने की मांग (ओटीसी को छोड़कर) तीसरी तिमाही में 1,181 टन के स्तर पर पहुंच गई है। इस तरह सोने की मांग में सालाना आधार पर 28 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई। मांग में आई तेज़ी सोने की सालाना मांग का स्तर कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गया है। सोने की मांग में यह तेज़ी ग्राहकों और केंद्रीय बैंकों की वजह से आई।

जेवरों की खपत भी बढ़ी: इस दौरान जेवरों की खपत में बढ़ोतरी का रुझान जारी रहा और अब यह महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गया और 523 टन रहा। यह साल 1021 की तीसरी तिमाही के मुकाबले 10 फीसदी ज़्यादा रहा। इस वृद्धि में भारत के शहरी ग्राहकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिससे सोने की मांग सालाना आधार पर 17 फीसदी बढ़कर 146 टन के स्तर पर रही। इसके साथ ही सऊदी अरब में आभूषणों की खपत में 2021 की तीसरी तिमाही में 20 फीसदी वृद्धि देखने को मिली, वहीं संयुक्त अरब अमीरात में भी इस दौरान 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और इस तरह लगभग पूरे मध्य पूर्व में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली। चीन में भी उपभोक्ताओं के बढ़े हुए आत्मविश्वास और सोने की स्थानीय कीमतों में गिरावट की वजह से आभूषणों की मांग में सालाना आधार पर 5 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली जिससे मांग में बढ़ोतरी हुई।

बैंकों ने भी खूब खरीदा सोना: ग्राहकों के बीच सोने की मांग में मज़बूती आने के साथ केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी में भी तेज़ी देखने को मिली। इस दौरान तीसरी तिमाही के दौरान केंद्रीय बैंकों ने करीब 400 टन की रिकॉर्ड खरीदारी की। यह पैटर्न, केंद्रीय बैंकों के बीच किए गए सर्वे से मिली जानकारी को दर्शाता है जिसमें 25 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि वे अगले 12 महीनों के दौरान अपने गोल्ड रिज़र्व को बढ़ाना चाहते हैं।