शेयर बाजार में हाहाकार; सेंसेक्स 1456 अंक टूटा, निवेशकों के 6.64 लाख करोड़ डूबे

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मुंबई। वैश्विक बाज़ारों में मंदी से भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट से हाहाकार मच गया। इस कारण एक झटके में निवेशकों के 6.64 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए।सेंसेक्स 1456.74 अंक या 2.68% की गिरावट के साथ 52,846.70 पर और निफ्टी 427.40 अंक या 2.64% की गिरावट के साथ 15,774.40 पर बंद हुआ। सबसे ज्यादा गिरावट मेटल और IT स्टॉक्स में रही। ये 3-4% की गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 1,119 अंक की गिरावट के साथ 53,184 पर और निफ्टी 324 अंक की गिरावट के साथ 15,877.55 पर खुला था।

मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट रही
BSE का मिडकैप 613.52 अंक या 2.73% की गिरावट के साथ 21,876.80 पर बंद हुआ। BSE का स्मॉलकैप 814.09 अंक या 3.15% की गिरावट के साथ 25,043.33 पर बंद हुआ।​​​​​​​

निवेशकों को छह लाख करोड़ का नुकसान
इससे पहले बीएसई का सेंसेक्स 1200 अंक टूटकर खुला था, वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने 16,000 के स्तर के नीचे कारोबार शुरू किया था। दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1700 अंक तक टूट गया था। सोमवार को आई गिरावट के कारण एक झटके में निवेशकों के 6.64 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए।

बाजार में गिरावट के कारण
इस गिरावट के पीछे कारण ये हैं कि शुक्रवार को अमेरिकी बाजार बुरी तरह से टूटे थे। डाओ जोंस 880 अंक लुढ़ककर 31,392 पर बंद हुआ है। S&P 500 भी 3% और नैस्डेक में 3.5% की गिरावट देखने को मिली। इसके अलावा यूरोप के बाजार 2-3% लुढ़के। बात करें एशियन मार्केट की जापान, हॉन्गकन्ग, चीन और ताइवान के मार्केट भी गिरावट के साथ बंद हुए।

अमेरिकी बाजार के टूटने के पीछे की बड़ी वजह महंगाई दर है। यहां महंगाई 40 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई है। 1981 के बाद यूएस में महंगाई दर मई में 8.6% पर पहुंची है। इससे फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। इसके अलावा क्रूड ऑयल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। ये अभी करीब 120 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वीपी – रिसर्चर अजीत मिश्रा ने कहा कि इस हफ्ते में बाजार में ज्यादा अस्थिरता रहेगी। अमेरिकी महंगाई दर के साथ साथ बाजार शुक्रवार को जारी किए फ्रैक्टरी आउटपुट के डेटा पर रिएक्ट करेगा। इसके अलावा आज रिटेल महंगाई के आकंड़े आएंगे। वहीं यूएस फेड की बैठक का आउटकम 15 जून को आएगा। इन सभी चीजों को लेकर बाजार में अनिश्चितता का माहौल है।