‘द कश्मीर फाइल्स’ का विरोध करने वाले आतंकवादियों के समर्थक : विवेक अग्निहोत्री

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मुंबई। डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का विरोध करने वालों को आतंकवादियों का समर्थक बताया है। उनका कहना है कि वही फिल्म की आलोचना कर रहे हैं। यह फिल्म राम और रावण के बीच अंतर करती है।’

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) बॉक्स ऑफिस पर लगातार जोरदार बिजनस कर रही है। यह फिल्म 1990 में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके पलायन पर बनी है। इस फिल्म को ऑडियंस का खूब प्यार मिल रहा है लेकिन इसके साथ ही एक वर्ग इस फिल्म का विरोध भी कर रहा है। फिल्म का विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि यह फिल्म भड़काने वाली और मुस्लिमों के प्रति नफरत को बढ़ावा देने वाली है।

इस मुद्दे पर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री और उनकी पत्नी और ऐक्ट्रेस पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi) का कहना है कि उन्होंने एक ईमानदार फिल्म बनाई है जो इतिहास की कड़वी सच्चाई को दिखाती है। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म आतंकवाद का खुलकर विरोध करती है। फिल्म के राजनीति से प्रेरित होने के आरोपों पर विवेक ने कहा, ‘मैं इसे दूसरे तरीके से कह सकता हूं कि पूरी पॉलिटिक्स ही कला है।’

फिल्म की सफलता पर पल्लवी जोशी ने कहा कि फिल्म को केवल बिजनस करने के लिए नहीं बनाया गया था। उनका कहना है कि लोग हमारे पास आ रहे हैं, तारीफ कर रहे हैं और आगे की फिल्मों के लिए आइडिया दे रहे हैं। पल्लवी ने कहा कि लोग फिल्म से जुड़ रहे हैं और उनकी तारीफ ही सबसे बड़ी संतुष्टि है।

फिल्म पर लोगों को बांटने, ध्रुवीकरण करने के आरोप लग रहे हैं। इस मुद्दे पर विवेक ने कहा, ‘मुझे लगता है यह लोकतंत्र के लिए बड़ी समाजसेवा है क्योंकि आप बुरे और अच्छे लोगों का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। असल में, मैं ध्रुवीकरण शब्द का इस्तेमाल ही नहीं करूंगा। मैं कहूंगा कि इस फिल्म के जरिए इंसानियत, मानवाधिकारों का समर्थन करने वाले और आतंकवाद के व्यवसाय वाले लोगों में अंतर किया है। जो लोग आतंकवादियों का समर्थन कर रहे थे, वे अब एक तरफ हैं और हमारी तरफ इंसानियत का समर्थन करने वाले लोगों की बड़ी संख्या है।

इस्लाम विरोधी नहीं है फिल्म’
‘द कश्मीर फाइल्स’ पर मुस्लिम विरोधी फिल्म होने के आरोप लग रहे हैं। इस पर पल्लवी जोशी ने कहा, ‘दुर्भाग्य से जिन लोगों को कश्मीर घाटी से बाहर किया गया वह धार्मिक आधार पर था। हमें पता था कि समाज का एक हिस्सा फिल्म को देखे बिना यह आरोप लगाएगा कि हमने एक इस्लाम विरोधी फिल्म बनाई है। लेकिन खुशी की बात है कि लोगों ने फिल्म देखी। यह फिल्म किसी धर्म नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ है।’