वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक रिलीज में कहा गया, “वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के लिए जो कि एक अक्टूबर से शुरू हो रही है के लिए छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा है।”
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से ठीक पहले सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर में अक्टूबर दिसंबर तिमाही के लिए कोई परिवर्तन नहीं किया है। छोटी बचत योजनाओं में पीपीएफ, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना शामिल होती है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक रिलीज में कहा गया, “वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के लिए जो कि एक अक्टूबर से शुरू हो रही है के लिए छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा गया है।”
पिछले साल अप्रैल के बाद से ही सभी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को त्रैमासिक आधार पर संशोधित किया जा रहा है। आरबीआई की अगली द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 अक्टूबर को होनी है।
किस स्कीम पर कितना ब्याज:
पब्लिक प्रोविडंट फंड (पीपीएफ) पर निवेश करने पर 7.8 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है जबकि किसान विकास पत्र (केवीपी) पर 7.5 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है और यह योजना 115 महीनों में मैच्योर होती है। वहीं बेटियों की सुरक्षा के लिए लाई गई सुकन्या समृद्धि योजना में 8.3 फीसद की दर से सालाना ब्याज दिया जाता है।
ठीक इसी तरह से सीनियर सिटिजन स्कीम में 5 साल के निवेश पर 8.3 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है। इस ब्याज का आंकलन तिमाही आधार पर किया जाता है।
मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के लिए ब्याज दरों को अधिसूचित करते हुए कहा कि सरकार के निर्णय के आधार पर, 1 अप्रैल 2016 से छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर तिमाही आधार पर अधिसूचित की जानी है।