गरीब सवर्णों को आरक्षण के बाद सरकारी नौकरियों में मिलेगी उम्र में छूट

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आर्थिक पिछड़ेपन को आधार बनाकर देश के गरीब सवर्णों अभ्यार्थियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया था। हालांकि इन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और एससी-एसटी की तरह प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिकतम उम्र सीमा और अंकों में छूट का फायदा नहीं मिलता था। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से गरीब सवर्ण अभ्यार्थियों को उम्र सीमा में छूट देने की तैयारी की जा रही है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत की ओर से मामले में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एंव पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को पत्र लिखा गया है और आर्थिक रुप से गरीब (EWS) श्रेणी के अभ्यार्थियों के लिए सरकारी नियुक्तियों में उम्र सीमा में छूट देने की मांग की गई है।

ऐसे मिलती है छूट
अन्य पिछड़ा वर्ग को उम्र में अधिकतम 3 साल की छूट दी जाती है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यार्थियों को उम्रसीमा में 5 साल की छूट दी जाती है। अगर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को उदाहरण के तौर पर लें, तो इसमें सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 32 वर्ष है। इस तरह ओबीसी के लिए उम्र सीमा 35 और एससी-एसटी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 37 साल है।

अंको में छूट भी मिल सकती है
उम्र सीमा के साथ ही गरीब सवर्ण अभ्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में अंकों में भी छूट दी जा सकती है। कर्मिक मंत्रालय जल्द ही इस मुद्दे पर भी विचार कर सकता है, क्योंकि दूसरी श्रेणियों में भी ऐसी सुविधा मिली हुई है।