नई दिल्ली। कोई व्यक्ति मोटर वाहन चलाते हुए साइलेंस जोन में अनावश्यक और बार-बार हॉर्न बजा रहा है तो उनके ऊपर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाए। यही नहीं, यदि वह इस तरह की हरकत दूसरी बार या बार-बार करता है तो फिर उनके ऊपर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि दो हजार रुपए हो जाएगी। मोटर वाहन विधेयक में यह प्रावधान किया गया है।
सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया। इसमें नियमों का उल्ल्घंन करने वाले पर जुर्माना और लोगों की सुरक्षा का प्रावधान है। नए विधेयक में बच्चों को हेलमेट अनिवार्य करने के अलावा उनकी सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
बच्चों के लिए भी चाइल्ड रिस्ट्रेंन सिस्टम जरूरी
अब कार की पिछली सीट पर बैठे बच्चों के लिए भी चाइल्ड रिस्ट्रेंन सिस्टम जरूरी किया जा रहा है। चाइल्ड रिस्ट्रेंन सिस्टम के तहत कार में एक बूस्टर या चाइल्ड सीट होती है जिसमें बिठा कर बच्चों को बेल्ट लगा दिया जाता है। इसमें बच्चों के लिए वयस्क जवाबदेही भी तय किया गया है। सड़क सुरक्षा से जुड़े संगठन सेव लाइफ के संस्थापक पीयूष तिवारी ने बच्चों के हेलमेट पहनने और बूस्टर सीट अनिवार्य पर कहा कि यह बेहद जरूरी प्रावधान है, जिसका इंतजार है।
हादसे में मौत पर मिलेगा 5 लाख रुपए का मुआवजा
इस बिल में सरकार ने सड़क हादसों के कारण होने वाली मौतों पर आम आदमी को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही ऐसे में मामलों में गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपए का मुआवजा देने की सिफारिश की गई है।
लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बिल में मोटर वाहन के उपयोग से होने वाले किसी भी हादसे के कारण मृत्यु के मामले में पीड़ित को बिना दोष दायित्व के तहत पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रस्ताव किया किया है।
साथ ही गंभीर चोटों के मामले में यह राशि 2.5 लाख रुपए तय की गई है। मोटर व्हीकल (संशोधन) बिल 2019 को कुछ समय पहले ही कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी थी। इसके बाद ही इसे लोकसभा में पेश किया गया है।