नई या पुरानी दर चुन सकेंगे बिल्डर, GST कॉउन्सिल ने तय किए नियम

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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने रियल एस्टेट पर जीएसटी दर में कमी किए जाने से परेशान डेवलपरों को राहत देते हुए मंगलवार को कहा कि अब एक अप्रैल 2019 से बनने वाली नयी रियल एस्टेट आवासीय परियोजनाओं पर सिर्फ नयी दरें लागू होंगी लेकिन 31 मार्च 2019 तक निर्माणाधीन परियोजनाओं पर डेलवपरों को नयी या पुरानी दर चुनने का अधिकार होगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई 34वीं बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक के बाद राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि 31 मार्च तक जो परियोजनाएं निर्माणाधीन रहेंगी, उनके डेवलपर को नयी या पुरानी दर चुनने का अधिकार होगा। पुरानी दर में इनपुट टैक्स क्रेडिट( आईटीसी) मिलेगा लेकिन नई दर में यह मिलेगा।

बिल्डरों को चुननी होगी एक दर
उन्होंने कहा कि पुरानी दर में किफायती आवासों पर आईटीसी के साथ आठ प्रतिशत जीएसटी और अन्य पर आईटीसी के साथ 12 प्रतिशत जीएसटी प्रभावी है। नई दर में किफायती आवासों के लिए बगैर आईटीसी के एक प्रतिशत और अन्य परियोजनाओं पर बगैर आईटीसी के पांच प्रतिशत जीएसटी है। उन्होंने कहा कि डेवलपरों को नई दर या पुरानी दर चुनने के लिए एक निर्धारित समय सीमा दी जाएगी जो संबंधित राज्यों के साथ विचार विमर्श कर तय की जाएगी।