कोटा। चंबल नदी की पैदल परिक्रमा कर रहे पर्यावरणविद रोबिन सिंह ने कहा कि चंबल अभी भी देश की कई नदियों से ज्यादा ठीक है। नदी को प्रदूषण शोषण एवं अतिक्रमण से मुक्त बनाने के लिए यह समय उचित है। यदि हमने अभी ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में चंबल भी विलुप्त होने की श्रेणी में आ जाएगी।
रोबिन सिंह बल्लभ बड़ी स्थित सूरज भवन में शहर के गणमान्य लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता और शासन का सहयोग बहुत महत्व रखता है। आश्चर्य है कि नदी का सुरक्षा कवच कमजोर होता जा रहा है।
चम्बल संसद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर साध्वी हेमा सरस्वती ने चंबल के ऊपर व्याप्त संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नागरिकों को भी अपनी आदत में बदलाव करना पड़ेगा। पॉलिथीन एवं प्लास्टिक के कचरे को उचित प्रबंधन के द्वारा निस्तारण करना चाहिए।
उन्होंने सरकार से भी कहा कि प्रतिबंधों का पालन कड़ाई से कराया जाए। कबीर पारख संस्थान के संत प्रभाकर ने कहा कि कचरा प्रबंधन समाज और शासन दोनों की जिम्मेदारी है। जागरूक नागरिकों को इसके लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करना चाहिए।
स्वामी तेजोमाया नंद वन ने नागरिकों से शासन से संवाद बनाने का अनुरोध किया। चम्बल संसद के अध्यक्ष कुंज बिहारी नंदवाना, डॉ. आरसी साहनी, संरक्षक जीडी पटेल डॉ. एल एन शर्मा,, यज्ञदत्त हाडा, समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय, डॉ. अमित सिंह, युधिष्ठिर चानसी, राजेंद्र जैन आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
कोटा व्यापार महासंघ के संघ के महामंत्री अशोक माहेश्वरी, जल विशेषज्ञ पीएल वाया, जल बिरादरी के यतीश विजयवर्गीय, पूर्व वार्ड मेंबरअजय शर्मा, समाज सेवी लटूर लाल डैनी, विधिक सेवा प्राधिकरण की काउंसलर जया सिंह, गीता दाधीच आदि प्रमुख भी मौजूद रहे। भदाना से कोटा शहर में वरिष्ठ जन कल्याण समिति के सीकेएस परमार, अपना संस्थान के वेद प्रकाश आदि ने स्वागत किया।