कालीमिर्च की कीमतों में मंदे की संभावना नहीं; सौंठ के भाव स्थिर, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। विगत कुछ सप्ताहों से सौंठ की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि गर्मी का सीजन होने के कारण वर्तमान में सौंठ में व्यापार कम रह गया है लेकिन चालू सीजन के दौरान उत्पादन कम होने के कारण स्टॉकिस्टों के पास स्टॉक की कमी होने से भाव घटाकर बिकवाली नहीं कर रहे हैं।

जिस कारण से कोचीन बाजार में सौंठ के भाव 400/425 रुपए पर स्थिर चल रहे हैं। दिल्ली बाजार में भी भाव 400/425 रुपए का बोला जा रहा। सूत्रों का कहना है कि गत वर्ष उत्पादन कम रहने के कारण उत्पादकों को उनकी उपज का अधिक मूल्य मिलने के कारण प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक में बिजाई का क्षेत्रफल दो-ढाई गुना अधिक होने के समाचार है।

वर्तमान में अदरक सौंठ की बिजाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष मई माह के दौरान उत्पादक केन्द्रों पर सौंठ का भाव 260/280 रुपए प्रति किलो चल रहा था। जोकि वर्तमान में 400/425 रुपए के स्तर पर बोला जा रहा है। केरल में सौंठ की बिजाई मई माह के अंत तक शुरू होने के समाचार हैं।

कालीमिर्च की कीमतों में तेजी : विगत कुछ समय से कालीमिर्च की कीमतों में तेजी का दौर बना हुआ है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभी बाजार में मंदे की संभावना भी नहीं है।

बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आमतौर पर एक आयातक श्रीलंका से 7/8 टन कालीमिर्च का आयात कर सकता था लेकिन बाजार में चर्चा चल रही है कि इस वर्ष एक आयातक केवल 1600 किलो काली मिर्च का आयात ही कर सकेगा।

इसके आलावा वियतनाम से भी कालीमिर्च का आयात नहीं हो रहा है। जिस कारण से वर्तमान में कोचीन बाजार में कालीमिर्च के भाव बढ़कर 600/630 रुपए प्रति किलो के हो गए हैं। जोकि मार्च माह के दौरान 510/540 रुपए प्रति किलो चल रहे थे। व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर बारिश की कमी आयात कम होने आदि कारणों के चलते हाल-फिलहाल कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है।