नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को केंद्र सरकार ने एमएसएमई को बढ़ाने और तेज करने के लिए 808 मिलियन अमरीकी डालर यानी 6,062.45 करोड़ रुपये को मंजूरी दी। विश्व बैंक की सहायता वाले “राइजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस” (आरएएमपी) के लिए एक नई योजना है और यह वित्त वर्ष 2022-23 में शुरू होगी।
योजना में कुल 6,062.45 करोड़ रुपये या 808 मिलियन अमरीकी डालर निवेश करना है, जिसमें से 3750 करोड़ रुपये या 500 मिलियन अमरीकी डालर विश्व बैंक से लोन लिया जाएगा और बाकी 2312.45 करोड़ रुपये या 308 मिलियन अमरीकी डालर भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
क्या है RAMP
RAMP, विश्व बैंक की सहायता वाली सेंट्रल सेक्टर की स्कीम है। इसका उद्देश्य कोरोना से प्रभावित MSME के प्रदर्शन को बेहतर करना और उसे स्पीड देना है। इस काम में यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) के प्रयासों को बल देगी।
इसका उद्देश्य बाजार और ऋण तक पहुंच में सुधार करना, केंद्र तथा राज्य में इंस्टीट्यूशन्स और गवर्नेंस को मजबूती देना, केंद्र-राज्य संबंधों और साझेदारी में सुधार करना, विलंबित भुगतान के मुद्दों को सुलझाना और एमएसएमई को बेहतर करना है। राष्ट्रीय स्तर पर MoMSME की क्षमता के निर्माण के अलावा, RAMP कार्यक्रम राज्यों में कार्यान्वयन क्षमता और MSME कवरेज को बढ़ाने की कोशिश करेगा।