आधार नंबर को पैन कार्ड से ऐसे करें लिंक
रिलायंस जियो: TRAI के आदेश से क्या मिलेगा, क्या छिनेगा
हां। जियो पर TRAI का यह आदेश सिर्फ समर सरप्राइज ऑफर को लेकर है। बता दें कि कुछ जगह ऐसी भी खबरें आई थीं कि TRAI ने प्राइम मेंबरशिप की बढ़ी तारीख भी वापस लेने का आदेश दिया है, जो कि गलत है। जियो के प्रवक्ता के मुताबिक यूजर्स प्राइम ऑफर को 15 अप्रैल तक 99 रुपये में ले सकेंगे।
जियो ने 31 मार्च को प्राइम मेंबरशिप हासिल करने की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दी थी। इसके साथ ही कंपनी ने जियो प्राइम मेंबर्स के लिए समर सरप्राइज ऑफर का भी ऐलान किया। इस ऑफर में प्राइम मेंबर्स को 303 या उससे अधिक के पहले रिचार्ज पर 3 महीने तक फ्री सर्विसेज मिलनी थीं।
TRAI ने कंपनी से कहा है कि वह समर सरप्राइज ऑफर को वापस ले ले।
जियो ने ट्राई के दिए निर्देशों को मानने का पूरा भरोसा दिया है और अपने समर स्पेशल सरप्राइज ऑफर को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है।
1- जियो के उन लोगों को समर सरप्राइज ऑफर का फायदा मिलता रहेगा जिन्होंने अब तक 303 रुपये या उससे ऊपर का रिचार्ज प्राइम ऑफर के साथ करा लिया है। बाकी यूजर्स अब इस सेवा को सब्सक्राइब नहीं कर सकेंगे।
रिलायंस के मुताबिक 31 मार्च तक 7 करोड़ 20 लाख यूजर्स प्राइम मेंबरशिप ले चुके हैं। रिलायंस ने जियो को दुनिया में सबसे बड़ा और सफलतम फ्री टू पेड सर्विस बताया है। कंपनी को भरोसा जताया था कि 15 अप्रैल तक उसके पेड मेंबर्स की संख्या 10 करोड़ की संख्या पार कर सकती है।
आधार से बुक होंगे हवाई टिकट, यात्री की उंगली ही बनेगी बोर्डिंग पास
नई दिल्ली ।सरकार विमान यात्रियों के लिये ‘आधार’ आधारित बुकिंग एवं बोर्डिंग प्रणाली लाने का विचार कर रही है। इस प्रणाली से यात्री की उंगली ही उसका टिकट और बोर्डिंग पास बन जायेगी।
नागर विमानन मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने आज यहां रेल भवन में एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड से टिकट बुकिंग का प्रायोगिक चरण सफल रहा है और अब विमानन उद्योग के विभिन्न पक्षकार इस बारे में गंभीरता से विचार विमर्श कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आधार से जुड़े बॉयोमेट्रिक डाटा ही यात्री की पहचान का माध्यम बनेगा। इसका मतलब है कि यात्री को उसकी उंगली के निशान से पहचाना जायेगा और उसी आधार पर उसे विमान में सवार होने दिया जायेगा। इस प्रणाली से कागज़ का इस्तेमाल बहुत हद तक बच पायेगा और तमाम प्रक्रियायें सरल हो पायेंगीं।रेलवे के टिकट भी आधार कार्ड के माध्यम से बुक करने को अनिवार्य करने की एक योजना पर विचार किया जा रहा है। सरकार आधार कार्ड को अनेक सेवाओं से जोड़ कर नागरिक सेवाओं को आसान बनाने का प्रयास कर रही है। सरकारी वित्तीय योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान स्थापित करके पारदर्शिता लाने एवं भ्रष्टाचार कम करने के कई प्रयास सफल साबित हुए हैं।
वित्त अधिनियम-2017 के तहत एक जुलाई से देश में आय कर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य हो जाएगा। बुधवार को एक आधिकारिक वक्तव्य जारी कर इसकी घोषणा की गई।
इसके अलावा पैन कार्ड बनवाने के लिए भी एक जुलाई से आधार अनिवार्य हो जाएगा। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘वित्त विधेयक-2017 के अनुसार, आयकर अधिनियम-1961 की धारा 139एए के तहत आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा, जो एक जुलाई से लागू हो जाएगा।’
बयान में कहा गया है कि आधार नंबर या आधार पंजीकरण नंबर उन्हीं व्यक्तियों के लिए अनिवार्य होगा जो आधार पाने के योग्य होंगे। हालांकि आयकर अधिनियम की धारा 139एए में यह भी कहा गया है कि उन व्यक्तियों को आयकर रिटर्न भरने या पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार नहीं देना होगा, जिन्हें आधार अधिनियम-2016 में स्थानीय निवासी नहीं माना गया है।
एक देश-एक टैक्स की राह हुई आसान, GST को संसद की मंजूरी
नई दिल्ली। राज्यसभा में जीएसटी से जुड़े चार बिलों को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया है। इन चार बिलों में सी-जीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है।वहीं आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस से अपील की थी कि वो राज्यसभा में जीएसटी पर आम सहमति बनाने में मदद करे। गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा में भी इन चारों बिलों को मंजूरी दे दी गई थी।
क्या बोले मनमोहन सिंह
जीएसटी से जुड़े चार बिलों पर मतदान के ठीक पहले संसद के उच्च सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी (कांग्रेस) से कहा कि कांग्रेस इसमें किसी संशोधन की मांग न करे ताकि आम सहमति और संघीय समझौते को बनाए रखा जा सके। इन बिलों पर दो दिनों तक बहस हुई थी।
29 मार्च को लोकसभा में मिली थी मंजूरी
इससे पहले 29 मार्च को लगभग आठ घंटे तक चली बहस के बाद जीएसटी के चार संशोधित बिलों को मंजूरी मिली थी।ये थे चार संशोधित विधेयकलोक सभा ने पारित किए जीएसटी के लिए जरूरी चार विधेयक।
इन विधेयकों को दी मंजूरी
1.केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक 2017
2. एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आइजीएसटी) विधेयक 2017
3. वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक, 2017
4. संघ राज्य क्षेत्र वस्तु
सरकार 1 जुलाई से जीएसटी बिल को लागू करना चाहती है। जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा, अभी अलग-अलग राज्यों में अलग अलग टैक्स की व्यवस्था है। अलग-अलग सामान के लिए कितना टैक्स लगेगा ये अभी तय नहीं हुआ है लेकिन ये तय हो गया है कि टैक्स का स्लैब क्या होगा। 5, 12, 18 और 28 फीसदी के हिसाब से अलग अलग सामान और सेवाओं पर टैक्स लगेगा।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन को मिलेगी एक माह की मोहलत
व्यापारियों को वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पर पंजीकरण कराने के लिए एक महीने की और मोहलत मिल गई है। राजस्व विभाग ने यह फैसला किया है। जीएसटीएन नई टैक्स प्रणाली का आइटी तंत्र है। जीएसटी के दायरे में आने वाले व्यापारियों को इस ऑनलाइन पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। अब तक 60 फीसद करदाता ही जीएसटीएन पर अपना पंजीकरण करा पाए हैं। यह जानकारी हाल ही में राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने दी थी।अढिया ने जीएसटीएन से जुड़ी आइटी तैयारियों और 80 लाख करदाताओं के पोर्टल पर पंजीकरण को लेकर प्रगति की पिछले हफ्ते समीक्षा की थी। ये असेसी उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट से जुड़े हुए हैं। राजस्व सचिव ने बताया कि अब तक 74 फीसद वैट करदाता पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।इसके मुकाबले पंजीकरण कराने वाले एक्साइज और सर्विस टैक्स असेसी का अनुपात 28 फीसद ही है। इस प्रक्रिया को अब तेज किया जाएगा। उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि वह पंजीकरण की प्रक्रिया को एक पखवाड़े में पूरा करे।
रिजर्व बैंक ने बढ़ाई रिवर्स रेपो रेट
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी (मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी) ने गुरुवार को रिवर्स रेपो रेट में 0.25 पॉइंट की बढ़ोतरी करते हुए उसे 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया है। वहीं रेपो रेट को 6.25 पर यथावत रखा गया है।
पॉलिसी का प्रभाव
- नोटबंदी के बाद बैंकों में सरप्लस मात्रा में कैश पहुंचा है। जिसका प्रभाव बैंकिंग सिस्टम पर पड़ा है।
- मॉनेटरी पॉलिसी में बदलाव न होने का फायदा देश के रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा।
- पॉलिसी का असर शेयर बाजार पर भी दिखा। निफ्टी तथा एनएसई में लिस्टेट बैंकों के शेयर के दामों में बढ़ोतरी देखी गई।
मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई की तरफ से बताया गया कि अर्थव्यवस्था के आधार पर अगले कदम तय किए जाएंगे। साथ ही यह भी बताया कि फरवरी के बाद से बैंकों में आई नकदी को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है।आरबीआई का मानना है कि अगली 3 से 4 तिमाही में नकदी को पूरी तरह से कंट्रोल कर लिया जाएगा। केंद्रीय बैंक को अंदेशा है कि अप्रैल से सितंबर 2017 के बीच सरकारी खर्च बढ़ सकता है।वहीं कर्ज माफी से नाखुश होते हुए कहा कि इससे ईमानदार करदाता हतोत्साहित होते हैं और नैतिक खतरा भी बढ़ता है। इसलिए कर्ज माफी को रोकना चाहिए।केंद्रीय बैंक को आशंका है कि कमजोर मानसून और जीएसटी से बाजार पर जो प्रभाव पड़ेगा उससे महंगाई बढ़ सकती है।आरबीआई जल्द ही फाइनेंशियल लिट्रेसी प्रोजेक्ट भी शुरू करने जा रहा है।कुल मिलाकर आज की मॉनेटरी पॉलिसी को बाजार में सकारात्मक लिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि इसका अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा।वैसे, जानकारों ने बुधवार को ही अंदेशा जताया था कि महंगाई बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली दोमाही समीक्षा में केंद्रीय बैंक नीतिगत दर (रेपो रेट) को यथावत रखेगा। गौरतलब है कि आठ फरवरी की मौद्रिक नीति की समीक्षा में भी आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। फिलहाल रेपो रेट (वह दर जिस पर बैंक आरबीआई से कम अवधि के कर्ज लेते हैं) 6.25 फीसद है।विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरों से तो कम से कम यह संकेत मिल ही गया था कि दरों में कटौती नहीं होगी। इसके उलट घरेलू और विदेशी कारकों के असर से भविष्य में ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं।
महंगाई में बढ़ोतरी का रुझान
फरवरी में थोक मूल्यों वाली महंगाई दर 39 महीनों के ऊंचे स्तर 6.55 फीसद पर पहुंच गई। खुदरा महंगाई की दर भी थोड़ी सी बढ़कर 3.65 फीसद हो गई है। केंद्रीय बैंक महंगाई को ही पैमाना बनाकर दरों में बदलाव करता है। जनवरी, 2015 से अब तक रिजर्व बैंक ने दरों में 1.75 फीसद की कटौती की है।
MPC में शामिल सदस्य
आरबीआई की ओर से गवर्नर उर्जित पटेल, डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य और एक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर। सरकार की तरफ से प्रोफेसर चेतन घाटे, पामी दुआ और प्रोफेसर रविंद्र एच ढोलकिया।
क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। मसलन, गृह ऋण, वाहन ऋण आदि।रिवर्स रेपो रेटयह वह दर होती है जिसपर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है।
रिवर्स रेपो रेट
बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।
MSF क्या है
आरबीआई ने पहली बार वित्त वर्ष 2011-12 में सालाना मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में एमएसएफ का जिक्र किया था। यह कॉन्सेप्ट 9 मई 2011 को लागू हुआ। इसमें सभी शेड्यूल कमर्शियल बैंक एक रात के लिए अपने कुल जमा का 1 फीसदी तक लोन ले सकते हैं। बैंकों को यह सुविधा शनिवार को छोड़कर सभी वर्किंग डे में मिलती है।नकद आरक्षित अनुपात (CRR)देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत प्रत्येक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना ही होता है। इसे ही कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) या नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहा जाता है।
क्या होता है SLR
जिस दर पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते है, उसे एसएलआर कहते हैं। नकदी की तरलता को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। कमर्शियल बैंकों को एक खास रकम जमा करानी होती है जिसका इस्तेमाल किसी आपात देनदारी को पूरा करने में किया जाता है।आरबीआई जब ब्याज दरों में बदलाव किए बगैर नकदी की तरलता कम करना चाहता है तो वह सीआरआर बढ़ा देता है, इससे बैंकों के पास लोन देने के लिए कम रकम ही बचती है।
रिकॉर्ड उत्पादन से सस्ती हुई मिर्च
कोच्चि। मजबूत एक्सपोर्ट के बावजूद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के प्रमुख लाल मिर्च उत्पादक इलाकों में 30 फीसदी
ज्यादा फसल के चलते इसकी कीमतों में और गिरावट आई है। इसे देखते हुए ट्रेडर्स और ज्यादा कोल्ड स्टोरेज की तलाश में जुट गए हैं।
लाल मिर्च के एवरेज प्राइस एक महीने पहले के 80 रुपये प्रति किलो से गिरकर 65 रुपये प्रति किलो पर आ गए हैं। प्रीमियम वैरायटी तेजा की बिक्री करीब 90 रुपये प्रति किलो पर हो रही है, इसका दाम एक साल पहले के मुकाबले 50 फीसदी से ज्यादा गिरा है।
लाल मिर्च का करीब 3 लाख टन ज्यादा प्रॉडक्शन होने का अनुमान है। इसके लिए अधिक कोल्ड स्टोरेज स्पेस की जरूरत होगी। एक प्रमुख उत्पादक, विजयकृष्ण के एमडी रविपति पेरिया ने कहा, ‘कोल्ड स्टोरेज भरे हुए हैं। हमें सरप्लस मिर्च को रखने के लिए 100 और कोल्ड स्टोरेज की जरूरत होगी। हर कोल्ड स्टोरेज की औसत कैपेसिटी 3,000 टन की है।’
देश में हर साल करीब 14 लाख टन मिर्च पैदा होती है। 2016 की शुरुआत में कीमतों के 150 रुपये प्रति किलो के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचने के बाद तीन राज्यों में रकबा बड़े पैमाने पर बढ़ा है। लेकिन, मौजूदा कीमतें उत्पादन लागत से भी नीचे पहुंच गई हैं। मिर्च की उत्पादन लागत करीब 70 रुपये प्रति किलो है।
दूसरी ओर, मौजूदा कीमतें एक्सपोर्ट के लिहाज से बढ़िया हैं। मिर्च की एक बड़ी फर्म, पैपरिका ओलियोस (इंडिया) के डायरेक्टर ए पी मुरुगन ने कहा, ‘हमारी चाइना के ऊपर बढ़त है। चाइना दूसरा बड़ा सप्लायर है। हम चीन से कम कीमत पर मिर्च ऑफर कर रहे हैं।’ हालांकि, चाइना मिर्च का प्रमुख उत्पादक है, लेकिन इसका उत्पादन अपनी डोमेस्टिक जरूरत को पूरा करने लायक भी शायद ही हो। इससे देश को इंपोर्ट के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मुरुगन ने कहा, ‘चाइना और वियतनाम भारी मात्रा में इंडिया से खरीदारी कर रहे हैं। यह खरीदारी मार्च के दौरान सबसे ज्यादा रही है।’
एक्सपोर्ट वॉल्यूम में तेजी की शुरुआत फरवरी के अंत से हुई। उस वक्त से मिर्च की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हुई थी। उस वक्त तक एक्सपोर्ट वैल्यू मात्रा से ज्यादा थी। स्पाइसेज बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2016 में खत्म हुए नौ महीनों के दौरान मिर्च का निर्यात 2,60,250 टन पर पहुंच गया, जिसकी वैल्यू 3,460.75 करोड़ रुपये थी। इसमें सालाना आधार पर क्वॉन्टिटी में 3 फीसदी और वैल्यू में 25 फीसदी का इजाफा हुआ था। एक्सपोर्टर्स के मुताबिक, 2015-16 में इंडिया ने 3,931.70 करोड़ रुपये की 3,47,500 टन मिर्च का निर्यात किया। क्वॉन्टिटी के आधार पर इसके कम रहने के आसार हैं, लेकिन वैल्यू के आधार पर अर्निंग्स के 4,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर पहुंचने की पूरी उम्मीद है।
बैंक व डाकघर से नकदी निकासी पर प्रतिबंध नहीं
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि दो लाख रुपये से ज्यादा नकदी पर रोक का नियम बैंक और पोस्ट ऑफिस से निकासी पर लागू नहीं होगा।सरकार ने वित्त विधेयक 2017 के जरिये दो लाख रुपये से ज्यादा के नकद लेनदेन पर रोक लगा दी है और इस नियम के उल्लंघन पर बराबर राशि का जुर्माना नकदी प्राप्तकर्ता पर लगाने की व्यवस्था की है।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर कानून के नये सेक्शन 269एसटी पर स्पष्ट किया है कि बैंक, सहकारी बैंक और डाकघर से पैसा निकालने पर यह प्रतिबंध न लगाने का फैसला किया गया है।जल्दी ही विभाग इस संबंध में अधिसूचना जारी करेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2017-18 के बजट पेश करते समय तीन लाख रुपये से ज्यादा के नकद लेनदेन पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया था।लेकिन लोकसभा से पिछले महीने पारित वित्त विधेयक में यह सीमा घटाकर दो लाख रुपये कर दी गई। सरकार ने काले धन पर रोक लगाने और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह नियम लागू किया है। अगर कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है तो जुर्माना लगेगा।
बस एक क्लिक में घर बैठे खोलिए पेंशन खाता
नई दिल्ली। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) खाता आप घर बैठे महज 15-20 मिनट में खोल सकते हैं। इसके लिए आपके बैंक खाता का आधार और पैन से जुड़ा होना जरूरी है। पिछले साल एनपीएस ने 13 फीसदी के करीब और पांच साल में 10 फीसदी औसत रिटर्न दिया है। पिछले वित्त वर्ष में 50 फीसदी एनपीएस खाता ऑनलाइन खुले हैं। पेंशन फंड नियामक प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेमंत कॉन्ट्रैक्टर ने बुधवार को हिन्दुस्तान से खास बातचीत में यह बात कही।
एक क्लिक पर सत्यापन
पिछले दो साल में एनपीएस में में निवेश के तरीके एवं सुविधाओं में खासा बदलाव आया है। एनपीएस खाता के लिए जरूरी सूचनाएं आधार के जरिये हासिल हो जाती हैं। कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि आधार के जरिये एक क्लिक पर सत्यापन भी हो जाता है। एनपीएस खाता में निवेश राशि का भुगतान अब आप डेबिट-क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग से भी कर सकते हैं।
युवाओं को लुभा रहा एनपीएस
25 से 35 साल के युवाओं की भागीदारी एनपीएस में सबसे अधिक है। वहीं महिलाओं की हिस्सेदारी भी एनपीएस में बढ़ने लगी है। कांट्रेक्टर ने कहा कि स्वालंबन योजना में महिलाओं की भागीदारी 55 फीसदी के करीब है। जबकि अटल पेंशन योजना में 45 फीसदी के करीब महिलाओं की हिस्सेदारी है।
एप से निवेश भी निवेश की सुविधा
एनपीएस ने कुछ महीने पहले एप पेश किया है। महज चार-पांच माह में ही पांच लाख बार एप डाउनलोड हुआ है। इसके जरिये निवेश के साथ एनपीएस खाता पर नजर रखना अब और ज्यादा आसान हो गया है। एप के जरिये खाता में बैलेंस, पिछली बार की निवेश राशि और पिछले पांच बार की लेन-देन का विवरण देख सकते हैं। एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
एसटीपी की सुविधा मिले
पीएफआरडीए एनपीएस में आंशिक निकासी में सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) की सुविधा का विकल्प देने की संभावनाओं का अध्ययन कर रहा है। ऐसा होने पर एक खास अंतराल के बाद बैंक खाते में पहले से तय राशि खुद चली जाएगी। इससे खाताधारक के पास जरूरत के लिए हमेशा राशि उपलब्ध रहेगी। साथ ही एनपीएस खाता में बची हुई राशि पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा।
क्या है एनपीएस
यह एक सेवानिवृत्ति निवेश योजना है। इसमें निवेश पर आयकर के तहत दो लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। परिपक्वता पर 40 फीसदी राशि एन्यूटी में लगानी पड़ती है जिसके आधार पर पेंशन मिलती है। शेष राशि के 20 फीसदी हिस्से पर टैक्स लगता है। एनपीएस खाता 10 साल का हो जाने पर 25 फीसदी आंशिक निकासी की सुविधा है।
ऑनलाइन खाता के लिए यहां क्लिक करें
अच्छी याददाश्त चाहिए तो कम खाइए मीठा
नई दिल्ली। चमकदार त्वचा, अच्छी याददाश्त और गहरी नींद चाहिए तो मीठा कम खाइए। मोती जैसे सफेद दांत पसंद करते हैं तो भी मीठे में कटौती करनी पड़ेगी। विशेषज्ञों की मानें तो अच्छी सेहत के लिए मीठे से परहेज करना जरूरी है।
1. अच्छी त्वचा के लिए परहेज करें
अमेरिकी जर्नल क्नीनिकल न्यूट्रीशन के मुताबिक, सुबह उठकर आईना देखने की बहुत से लोगों की आदत होती है। लेकिन जब उन्हें आईने में अपने चेहरे पर छोटे-छोटे गड्ढे दिखते हैं तो वे परेशान हो जाते हैं। दरअसल ये निशान शरीर में प्रतिरक्षा तंत्र के बैक्टीरिया से लड़ने की वजह से पड़ते हैं। ज्यादा मीठा खाने की वजह से ही ये समस्याएं होती हैं। स्विट्जरलैंड में हुए अध्ययन में देखा गया कि ज्यादा मीठा पेय दिन में एक बार तीन हफ्ते तक पीने से शरीर में सूजन का स्तर दोगु बढ़ गया।
2. गहरी नींद के लिए मीठे पर नियंत्रण रखें
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन के मुताबिक, खाने में शक्कर लेने से रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त में शर्करा का स्तर घटता है तो ज्यादा शक्कर लेने की जरूरत पड़ती है। कभी ज्यादा और कभी कम शक्कर खाने के बाद शरीर का चक्र बिगड़ जाता है। इससे नींद में बाधा पहुंचती है। शर्करा की रोजाना नियंत्रित मात्रा लेने से ऐसी समस्या नहीं होती है और नींद भी गहरी आती है।
3. याद्दाश्त क्षमता बढ़ेगी
ज्यादा मीठा खाने से सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। यूसीएलए में पशुओं पर हुए एक अध्ययन के अनुसार, ज्यादा शक्कर इंसुलिन के प्रतिरोध को रोकता है। इससे मस्तिष्क के उस हिस्से को काफी क्षति पहुंचती है जो एक से दूसरी कोशिका के बीच संवाद स्थापित करता है और संदेशों को एकत्र करता है।
4. डायबिटीज से बचे रहेंगे
एक अमेरिकी अध्ययन में 175 देशों के लोगों का विश्लेषण किया गया। इसमें पता चला कि जो लोग खाने में अतिरिक्त शर्करा ले रहे थे, उन्हें अपने जीवनकाल में 11 गुना अधिक टाइप 2डायबिटीज का खतरा था। लेकिन अतिरिक्त वसा और कैलोरी से किसी अन्य बीमारी की संभावना नहीं पाई गई। इसलिए, डायबिटीज से बचने के लिए कम मीठा खाना जरूरी है।
5. स्वस्थ रहेगा दिल
लंदन के विशेषज्ञों की सलाह है कि दैनिक कैलोरी का सिर्फ पांच फीसदी ही मीठा खाइए। ओपन हार्ट जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग दैनिक कैलोरी का 10 से 25 फीसदी मीठा खाते हैं, उनके हृदय रोग से मरने का जोखिम 30 फीसदी तक अधिक होता है। शोधकर्ताओं ने चीनी की फ्रक्टोज़ शुगर और अंगों के चारों ओर एकत्र होने वाली वसा के बीच संबंध पाया है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।
उम्र को नहीं बढ़ने देगी ये गोली, छह महीनों में इंसानों पर शुरू होगा परीक्षण
लंदन। वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी दवा की खोज की है, जो वास्तव में बुढ़ापे के असर को उलट देगी। यह दवा नासा के अंतरिक्ष यात्रियों की सौर विकिरण से रक्षा करेगी और इसके साथ ही क्षतिग्रस्त डीएनए की चमत्कारिक तरीके से मरम्मत भी करेगी।शोधकर्ताओं की एक टीम ने डीएनए की मरम्मत और कोशिकाओं की उम्र बढ़ने से रोकने में महत्वपूर्ण संकेत प्रक्रिया की खोज के बाद दवा विकसित की है। इंसानों पर इस दवा का परीक्षण छह महीने में शुरू होगा।चूहों पर परीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि दवा सीधे रेडिएशन एक्सपोजर या बुढ़ापे के कारण होने वाली डीएनए क्षति की मरम्मत हुई। प्रमुख लेखक प्रोफेसर डेविड सिंक्लेयर ने कहा कि बूढ़े चूहों की कोशिकाएं सिर्फ एक सप्ताह के उपचार के बाद युवा चूहों की कोशिकाओं जैसी थी। उन्होंने कहा कि यह हम एक सुरक्षित और प्रभावी एंटी-एजिंग ड्रग बनाने के काफी करीब है, जो शायद तीन से पांच साल में बाजार में उपलब्ध होगी। प्रोफेसर सिंक्लेयर के इस काम ने नासा का ध्यान खींचा है, जो मंगल ग्रह पर चार साल के मिशन के दौरान अपने अंतरिक्ष यात्री स्वस्थ रखने की चुनौती पर विचार कर रहा है।यहां तक कि छोटे मिशनों पर भी अंतरिक्ष यात्री कॉस्मिक रेडिएशन के कारण तेजी से उम्र बढ़ने का अनुभव करते हैं। मिशन से लौटने के बाद वे मांसपेशियों में कमजोरी, याददाश्त में कमी और अन्य लक्षणों से पीड़ित होने का अनुभव करते हैं। मंगल की यात्रा पर स्थिति बहुत ही खराब होगी। अंतरिक्ष यात्रियों की पांच प्रतिशत कोशिकाएं मर जाएंगी और उन्हें कैंसर होने की आशंका 100 प्रतिशत तक होगी। –