Friday, November 15, 2024
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‘हाफ गर्लफ्रेंड’ फिल्म का नया गीत ‘बारिश’, रिलीज

मुंबई। ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ का ट्रेलर जारी किया जा चुका है। अर्जुन कपूर और श्रद्धा कपूर के रिश्ते इस फिल्म में बनते-बिगड़ते दिखाई दिए हैं। सोशल मीडिया पर इसे बेहतर रिस्पांस मिल रहा है। फिल्म की कहानी चेतन भगत के उपन्यास पर केंद्रित है। बुधवार को फिल्म का पहला गीत जारी किया गया।

इसके बोल है ‘बारिश’।इस गीत को आवाज दी है अरिजीत सिंह ने। इससे पहले जारी किए गए फिल्म के ट्रेलर में हर तरह का मसाला देखने को मिल रहा है। फिल्म के टीजर में अर्जुन ने फैन्स से बेहद रोचक सवाल पूछा था कि ‘ये हाफ गर्लफ्रेंड क्या होता है?’ बाद में जब ट्रेलर जारी हुआ तो अर्जुन से यही सवाल उनके दोस्त भी करते दिखे।जहां तक सवाल श्रद्धा कपूर का है तो इस बार वो कुछ संजीदा लुक लिए हुए हैं।

यह फिल्म 19 मई को रिलीज होगी। फिल्म का निर्देशन मोहित सूरी ने किया है। फिल्म में अर्जुन और श्रद्धा के अलावा रिया चक्रवर्ती भी मुख्य रोल निभाती नजर आएंगी।आपको बता दें कि फिल्म ‘काय पो छे’ के बाद चेतन भगत के उपन्यास ‘थ्री मिस्टेक ऑफ माई लाइफ’ और ‘टू स्टेट्स’ पर फिल्में बन चुकी हैं। उनके उपन्यास पर बनने वाली तीसरी फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ है। श्रद्धा और मोहित सूरी तीसरी बार साथ काम कर रही हैं।

बड़ांधाम बालाजी में 9 पदयात्राओं का हुआ संगम

-अरविन्द

आस्था का जनसैलाब : बारां जिले में निकली पदयात्राओं में हजारों श्रद्धालुओं के जयघोष से गूंज उठा तीर्थधाम

बारां।  हनुमान जन्मोत्सव पर्व पर मंगलवार को बड़ के बालाजी, प्रताप चौक, बारां से सैकडों पदयात्री भजनों पर झूमते हुए जयकारों के साथ  बड़ां धाम बालाजी के लिए रवाना हुए। पूर्व मंत्री एवं समाजसेवी प्रमोद जैन भाया एवं  उर्मिला भाया ने बताया कि बड़ां में 600 वर्ष पुराना बड़ां बालाजी मंदिर लोगों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। बड़ां बालाजी जनकल्याण समिति द्वारा मंदिर में संगीतमय सुंदरकांड एवं विशाल महाआरती की गई।

 बड़ां बालाजीधाम की गई प्रथम पदयात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु भक्ति की धुनों पर नाचते-गाते, जयघोष के साथ बालाजी महाराज की ध्वज पताकाएं हाथ में लिए प्रताप चौक, धर्मादा चौराहा, गोपाल कालोनी, समसपुर, खेडली होते हुए रात को बड़ां बालाजीधाम पहुंचे। बारां में पदयात्रा मार्ग को दर्जनों स्वागत द्वार से सजाया। इस अवसर पर बारां, मांगरोल, बोहत, अंता, कोयला, सीमली, आंकेडी, बोरेडी व मियाडा से हजारों श्रद्धाल जयकारे लगाते हुए पदयात्रा के रूप में श्री बड़ां बालाजीधाम पहुंचे। मंदिर समिति के सदस्यों एवं बड़ां ग्रामवासियों ने 9 स्थानों से आए पदयात्रियों का तिलक-अक्षत एवं माल्यार्पण से भव्य स्वागत किया।
 
धार्मिक अनुष्ठान हुए
मंगलवार को बड़ां बालाजीधाम पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान हुए।  बड़ां बालाजी जनकल्याण समिति अध्यक्ष हंसराज मीणा ने बताया कि आचार्य लक्ष्मीनारायण (बूंदी), आचार्य बृजराज शास्त्री ( टारडा), आचार्य हेमराज शर्मा (बड़ां) व आचार्य सुनील के सान्निध्य में 51 ब्राह्मणों ने विशेष पूजा-अर्चना तथा बाल्मिकी सुंदरकांड के अभिषेक-अनुष्ठान में मुख्य यजमान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सेवाभावी प्रमोद जैन भाया-श्रीमती उर्मिला भाया रहे।
 
ढूंडाड़ शैली में बना भव्य मंदिर
मंदिर समिति के अध्यक्ष हंसराज मीणा व महामंत्री द्वारिका सेन ने बताया कि एक दशक पूर्व यहां जीर्ण-शीर्ण बावडी के पास बालाजी की दिव्य प्रतिमा थी। गौसेवक संत पूज्य पं.कमलकिशोर नागरजी ने यहां श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ किया, उस समय पूर्व सार्वजनिक निर्माण मंत्री प्रमोद जैन भाया ने एक जनकल्याण समिति गठित कर ऐतिहासिक मंदिर के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। 3 वर्ष तक सैकड़ों भक्तों ने जीर्णोद्धार कार्य में सेवाएं दी। गुजरात के आर्किटेक्ट ने इसकी परियोजना बनाई। ढूंडाड़ शैली में नवनिर्मित दिव्य बालाजी मंदिर बारां जिले में आध्यात्मिक टूरिज्म का प्रमुख केंद्र है, जहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु बाहर से आते हैं। चारदीवारी एवं मुख्यद्वार को हेरिटेज लुक दिया गया।
 
दर्शनीय स्थल से बढ रहा धार्मिक टूरिज्म 
बालाजी का तीर्थस्थल बनाने के लिए परिसर को चार भागों में विकसित किया। पहला, श्री बालाजी का गर्भगृह मंदिर। दूसरा, 70 हजार वर्गफीट क्षेत्र में फैला खूबसूरत गार्डन, जिसमें कर्नाटक से 1 हजार विशेष किस्म के पौधे लगाए। अलग हरतिमा पट्टी विकसित की। तीसरा, 3 विशाल भोजनशालाएं, जिनमें हजारों श्रद्धालु प्रसादी ले सकते हैं। चौथा, बाहर से आने वाले भक्तों के लिए विश्रामगृह। मंदिर के एक ओर बावड़ी का पुनर्निमाण कर इसके आगे एक यज्ञशाला बनाई। यहां राम दरबार व शिव मंदिर भी है। मंदिर परिसर में प्रार्थना स्थल, रामायण पाठ स्थल व साधना स्थल बनाए गए। यहां के बगीचे में सिंचाई के लिए वाटर फाल सिस्टम है, जिसमें 4 छतरियों पर पानी की बूंदें मयूर नृत्य की छटा बिखेरती है। चिल्ड्रन पार्क में आस्टेलियन व स्केलन घास पर झूले-चकरी लगे हैं। 500 से अधिक वाहन क्षमता का पर्किंग जोन है। मंदिर में रेन वाटर सिस्टम लगाकर इसे जल व पर्यावरण संरक्षण का मॉडल बनाया।
 
सेवा प्रकल्पों में बारां सबसे आगे
 पार्श्वनाथ मानव सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट, बारां की चेयरमेन उर्मिला जैन ने बताया कि राज्य में पहली बार यहां विराट सर्वधर्म निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ, जिसमें देश के प्रमुख संतों ने गरीब वर्ग के हजारों जोड़ों को आशीर्वचन दिए। 250 बीघा भूमि पर विभिन्न राज्यों के 903 जोड़ां का विवाह एवं 121 का निकाह हुआ। 2 लाख से अधिक नागरिक ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के इस जश्न में शामिल हुए।
 
सेवाभावी एवं गरीबों के लिए समर्पित प्रमोद जैन भाया एवं उर्मिला जैन ने बारां जिले में गौसेवा, सरंक्षण को महत्व देते हुए 5 गौशालाएं खोलने एवं संचालन करने का संकल्प किया। इसमें से 4 श्रीकृष्ण गौशालाएं बड़ां, जालेड़ा, मामोनी के पास देवरी उपरेटी गांव एवं बोरड़ी शनिधाम में बन चुकी हैं। 5वीं गौशाला एचएच-76 पर नवनिर्मित जैन तीर्थ स्थल के साथ बनेगी। निर्धन किसानों को प्रतिवर्ष गायों के बछडे़  निःशुल्क दिए जाते हैं।
 

NCDEX पर ट्रेडिंग हुई महंगी, सभी कमोडिटीज के ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव

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मुंबई। कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX पर ज्यादा वॉल्यूम के साथ कारोबार होने वाली सभी कमोडिटीज में ज्यादा ट्रेडिंग पहले के मुकाबले अब महंगी पड़ेगी क्योंकि एक्सचेंज ने ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव किया है। मंगलवार को एक्सचेंज की तरफ से इसको लेकर सर्कुलर जारी किया गया है, सर्कुलर के मुताबिक ए श्रेणी की सभी कमोडिटीज में ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव किया गया है।
ए श्रेणी के दायरे में कपासखल, ग्वारसीड, ग्वारगम, सोयाबीन, सरसों, सोया तेल, धनिया, जीरा, मक्का, चीनी, बारले, लाल मिर्च तेजा, शंकर कपास, कपास, हल्दी और गेहूं को शामिल किया गया है, कैस्टसीड को भी 17 अप्रैल के बाद ए श्रेणी में रखा जा रहा है। ए श्रेणी की सभी कमोडिटीज में 25 करोड़ रुपये के औसत रोजाना टर्नओवर पर 4 रुपये प्रति 1 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन चार्ज लगेगा, पहले भी 25 करोड़ के टर्नओवर पर इतना ही ट्रांजेक्शन चार्ज था।
25 करोड़ रुपये से लेकर 150 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 3.5 रुपये प्रति एक लाख रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज रखा गया है, पहले 25 करोड़ रुपये से लेकर 75 करोड़ रुपये टर्नओवर पर पर 3.5 रुपये प्रति एक लाख रुपये का ट्रांजेक्शन चार्ज था जबकि 75 करोड़ रुपये से लेकर 150 करोड़ रुपये के औसत रोजाना टर्नओवर पर 3.25 रुपये प्रति एक लाख रुपये का शुल्क रखा गया था। यानि जैसे ही ए श्रेणी की कमोडिटीज में औसत रोजाना टर्नओवर 75 करोड़ रुपये के पार होगा तो पहले के मुकाबले ज्यादा ट्रांजेक्शन शुल्क चुकाना पड़ेगा। लेकिन टर्नओवर 150 करोड़ रुपये के पार होने पर पहले की तरह 3 रुपये प्रति एक लाख रुपये ट्रांजेक्शन शुल्क ही बना रहेगा।
बी और सी श्रेणी की कमोडिटीज में ट्रांजेक्शन शुल्क में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, बी श्रेणी की कमोडिटीज यानि सोयामील और 2 टन वाला ग्वारसीड वायदा पर प्रति एक लाख रुपये टर्नओवर पर 2 रुपये ट्रांजेक्शन शुल्क लगेगा जबकि सी श्रेणी की कमोडिटीज यानि कॉपर, 29 एमएम कॉटन, क्रूड पाम ऑयल, गोल्ड हेज और स्टील लॉन्ग पर प्रति एक लाख रुपये टर्नओवर पर सिर्फ 10 पैसे ट्रांजेक्शन शुल्क बना रहेगा।

सरकार तय करेगी बड़े होटलों की थाली में खाना

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नई दिल्ली ।  होटलों में एक शख्स को एक थाली में कितना खाना परोसा जाए, सरकार यह तय करने जा रही है। इसके 2 मकसद हैं। पहला- होटलों में खाने की बर्बादी कम करना। दूसरा- लोग जितना खाएं, उसी का पैसा चुकाएं। नियम लागू होने के बाद मैन्यू में लिखा होगा कि परोसे जाने वाले खाने की मात्रा कितनी है। नियम बनाने से पहले देशभर में सर्वे कर सभी पक्षों से जानकारी ली जाएगी। इसमें लोगों की खुराक, कितनी बार खाना छोड़ते हैं, क्या एक आर्डर पर अलग जगहों पर अलग मात्रा मिलती है? जैसे 25 से 30 सवाल होंगे।
ढाबों और छोटे होटलों को रहेगी इससे छूट
मामले में कन्ज्यूमर मिनिस्ट्री के एक अफसर ने कहा कि ज्यादा मात्रा में खाना परोसे जाने की कीमत लोग क्यों चुकाएं? अगर क्वांटिटी कम होगी तो कीमत भी कम होगी। किसी को ज्यादा चाहिए तो दोबारा ले सकता है। नया नियम 6 महीने में लागू हो सकता है। ढाबों और छोटे होटलों को इससे छूट होगी।
बड़े होटलों में परोसा जाता है ज्यादा खाना
न्यूट्रीशनिस्ट  के मुताबिक, एक दिन में एक आदमी को 2 हजार कैलोरी और महिलाओं को 1500 से 1800 कैलोरी चाहिए। एक वक्त के खाने में एक शख्स को 75 ग्राम आटा या तीन रोटी, 30 ग्राम दाल, 35 ग्राम सब्जी, 25 ग्राम सलाद और 50 ग्राम दही भरपूर है। बड़े होटलों में इस लिहाज से ज्यादा खाना दिया जाता है।

सोयाबीन की आवक 6 महीने के निचले स्तर पर, सॉल्वेंट इकाइयों की क्रशिंग भी घटी

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कोटा। घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों में आई भारी गिरावट की वजह से मंडियों में किसानों की बिकवाली में भारी कमी आई है जिस वजह से सॉल्वेंट इकाइयों की तरफ से सोयाबीन की क्रशिंग भी घटी है, देश में सोयाबीन इंडस्ट्री के संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि SOPA की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मार्च के दौरान सोयाबीन की आवक 6 महीने के निचले स्तर पर दर्ज की गई है।
SOPA के मुताबिक मार्च के दौरान देशभर की मंडियों में सिर्फ 5 लाख टन सोयाबीन की आवक दर्ज की गई है जो सितंबर 2016 के बाद सबसे कम मासिक आवक है। फरवरी के दौरान आवक 6.5 लाख टन दर्ज की गई थी जबकि जनवरी में करीब 9 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई थी।
SOPA के मुताबिक कम आवक की वजह से मार्च के दौरान सॉल्वेंट इकाइयों की तरफ से सोयाबीन की क्रशिंग भी 6 महीने के निचले स्तर पर रही है, मार्च में सिर्फ 6.5 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हो पायी है।
अक्टूबर से शुरू हुए फसल वर्ष 2016-17 में अबतक सोयाबीन की कुल 54.50 लाख टन की आवक हुई है जिसमें से 46 लाख टन की क्रशिंग हो चुकी है, 1.38 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ है, करीब 60,000 टन सीधे खपत में इस्तेमाल हुआ है  SOPA के मुताबिक इस साल देश में कुल 114.91 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ है साथ में पिछले साल का करीब 4.41 लाख टन स्टॉक भी बचा हुआ था, यानि कुल सप्लाई 119.32 लाख टन है जिसमें से 12 लाख टन किसानों ने अगले सीजन में बुआई के लिए रखा हुआ है और मार्केट में सप्लाई के लिए 107.32 लाख टन स्टॉक बचा रहता है, इस 107 लाख टन में से किसानों के पास अब भी करीब 50.52 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है और करीब 8.52 लाख टन सॉल्वेंट इकाइयों के पास पड़ा हुआ है।

30,500 किसानों ने मूल्य जोखिम के खिलाफ हेज करने के लिए एनसीडीईएक्स का उपयोग किया

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मुंबई । हालिया महीनों में राष्ट्रीय कृषि और डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) की अग्रणी कृषि वस्तु विनिमय ने अपने मंच पर किसानों की भागीदारी में वृद्धि देखी है। पहली बार, कमोडिटी वायदा की स्थापना के बाद से, 29 एफपीओ से 30,500 किसानों ने अपने उत्पादन की कीमत में बचाव और लॉक करने के लिए मंच का इस्तेमाल किया है। लगभग 1100 से ज्यादा किसानों ने संरचित वित्त तक पहुंच का लाभ लिया है,
 
“बाजार पहुंच किसानों की आमदनी में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और कीमत जोखिम प्रबंधन के लिए वायदा एक महत्वपूर्ण उपकरण है यह वास्तव में बेहद खुशीजनक है कि किसानों को उनके उपकरण में लगभग 15-20% की वृद्धि देखने के लिए इस उपकरण का न्यायपूर्ण उपयोग देखने को मिल रहा है। एनसीडीईएक्स के एमडी और सीईओ  समीर शाह ने कहा, हम किसानों को अपने बाजारों से जुड़ने के लिए आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एनसीडीईएक्स पर वायदा खंड 31 मार्च को ओ-वाई-वाई के मुकाबले खुली ब्याज में लगभग 10% की वृद्धि दर्ज किया गया था। इस महीने की औसत खुली ब्याज पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4234.13 करोड़ रुपये से 4778.55 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। कृषि वायदा विभाग ने मासिक कुल मात्रा 64077.48 करोड़ रूपये दर्ज की है। शीर्ष तीन वस्तुओं में ग्वार बीज, केस्टर और परिष्कृत सोया तेल शामिल थे।
मार्च 2017 के लिए गुड़ के बीज के लिए कुल कारोबार का आकार रु। 12684.58 करोड़ के साथ 158.41% वाई-ओ-वाई वृद्धि हुई है, जबकि केस्टर के बीज के लिए रुपये था। 10382.43 करोड़ (समान अवधि पिछले वर्ष के अनुबंध व्यापार के लिए उपलब्ध नहीं थे), और परिष्कृत सोया तेल 8.875% वाई-ओ-वाई गिरावट के साथ 8757.19 करोड़ रुपये रहा। एक्सचेंज मंच ने मार्च 2017 में 59,401 टन माल का वितरण किया।

• एक्सचेंज में पंजीकृत 165,000 से अधिक किसान।
• मार्च 31, 2017 तक वायदा सेगमेंट में ओपन इंटरेस्ट 9.18% से अधिक बढ़ गया।
• मार्च 2017 के महीने के लिए औसत कुल कारोबार 2785.98 करोड़ रुपये था।

गेल इंडिया के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लेंडिंग

तकनीकी खराबी के कारण नया नोहरा के पास खेत में की इमरजेंसी लेंडिंग

कोटा।  गेल इंडिया लिमिटेड के हेलीकॉप्टर की  तकनीकी खराबी के चलते खेत में इमरजेंसी लेंडिंग करनी पडी। इमरजेंसी लेंडिंग बारां रोड पर सेमकोर फेक्ट्री के पीछे खेत में की गयी। हेलीकॉप्टर गेल की पाइपलाइनों की रूटीन पेट्रोलिंग पर था 

हेलीकॉप्टर में सवार गेल इंडिया लिमिटेड के तीन कर्मचारी  सकुशल है। यह विजयपुर से छबडा अटरू बोरडी हाते हुए गढेपान की पेट्रोलिंग पर था तभी तकनीकी खराबी आ जाने से नया नोहरा के पास खेत में इमरजेंसी लेंडिंग करनी पडी। सुचना पर बोरखेडा थाने के सीआई लोकेन्द्र पालीवाल भी मौके पर पहुंचे। 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने नई कंपनियों को एक दिन में जारी किया पैन

नई दिल्‍ली । आयकर विभाग ने कहा है कि उसने 31 मार्च 2017 तक नई बनी 19,704 कंपनियों को एक दिन के भीतर स्थाई खाता संख्या (पैन) जारी कर दी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ठोस रूप में उपलब्ध पैन कार्ड के साथ ही इलैक्ट्रॉनिक पैन (ई-पैन) कार्ड भी पेश किए हैं।
ये कार्ड व्यक्तिगत आवेदकों सहित सभी आवेदकों को ई-मेल से भेज दिए गए। आयकर विभाग के नीतियां बनाने वाले शीर्ष निकाय सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, ‘डिजिटल हस्ताक्षर वाले ई-पैन कार्ड के माध्यम से आवेदक को फायदा होगा। इसे वह अन्य एजेंसियों को पहचान पत्र के रूप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे भेज सकते हैं या इसे डिजिटल लॉकर में सुरक्षित भी रख सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि नई बनी कंपनियों को कर कटौती खाता संख्या (टैन) भी पैन के साथ जारी कर दिया गया। सीबीडीटी ने इसके लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से समझौता किया है जिसके तहत कंपनियां पैन और टैन के लिए एक साझा फॉर्म भर सकती हैं। बयान के मुताबिक 31 मार्च 2017 तक नई बनी 19,704 कंपनियां को इस तरीके से पैन जारी किया गया।
अकेले मार्च 2017 में 10,894 नई कंपनियों को पैन जारी किया गया। इसमें 95.63 प्रतिशत आवेदकों को चार घंटे की अवधि में और सभी को एक ही दिन के भीतर पैन जारी किया गया। इसी प्रकार इन कंपनियों को टैन संख्या भी जारी की गई। इसमें 94.7 प्रतिशत को चार घंटे में और 99.73 प्रतिशत को एक ही दिन में यह संख्या जारी की गई।

विद्युत उत्पादन निगम को निजी हाथों में सौंपा तो जनता को मिलेगी महंगी बिजली

वार्ता : आरवीयूएन संयुक्त संघर्ष समिति की कोर टीम मंगलवार को उर्जा राज्य मंत्री एवं सीएमडी से मिली। आंकडें देकर बताया कि सभी पावर प्लांट लाभ में चल रहे, फिर विनिवेश की जल्दबाजी क्यों!

कोटा। राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. (आरवीयूएनएल) के निजी क्षेत्र में विनिवेश का विरोध कर रही संयुक्त संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधीमंडल ने मंगलवार को उर्जा राज्य मंत्री पुष्पेंद्र सिंह एवं सीएमडी एनके कोठारी से वार्ता की। समिति के संरक्षक जीएस भदौरिया ने बताया कि राज्य के सभी पावर प्लांटों पर अधिकारी, इंजीनियर्स एवं कर्मचारी उत्पादन निगम के बिजलीघरों को निजी हाथों में सौंपने के निर्णय का जनांदोलन कर कड़ा विरोध कर रहे हैं।

समिति ने सामूहिक निर्णय से 11 अप्रैल को जयपुर में विद्युत भवन पर राज्य स्तरीय धरने का निर्णय लिया था। इसकी सूचना 20 दिन पूर्व प्रशासन को देकर अनुमति ले ली गई थी। इसके बावजूद निगम प्रशासन ने दमनकारी रवैया अपनाते हुए सभी इंजीनियर्स, अधिकारियों व कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन किया। प्रशासन ने एक दिन पूर्व आदेश जारी कर 11 अप्रैल को अवकाश की अनुमति नहीं दी। इससे सूरतगढ, झालावाड, छबडा, कोटा, धौलपुर, गिरल, बांसवाड़ा सहित सभी पॉवर प्लांटों में इंजीनियर्स एवं कर्मचारियों ने वर्क-टू-रूल पर अमल करते हुए आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया।

समिति ने उर्जा राज्य मंत्री को बताया कि लाभ में चल रहे पॉवर प्लांटों का निजी हाथों में विनिवेश करने  से जनता पर महंगी बिजली का भार पडे़गा। इसलिए जनहित में इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। अगले एक वर्ष में सभी बिजलीघर पहले से अधिक एवं सस्ती बिजली उत्पादन करने में सक्षम हैं। उर्जा राज्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे पर आम जनता के हित में सकारात्मक रूख अपनाएंगे। संयुक्त संघर्ष समिति ने वार्ता के बाद विद्युत भवन के घेराव को अगले 15 दिन के लिए स्थगित किया। इस दौरान सरकार से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला तो 26 अप्रैल को विनिवेश के विरोध में विद्युत भवन पर विशाल धरना एवं प्रदर्शन किया जाएगा।