कोटा। घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों में आई भारी गिरावट की वजह से मंडियों में किसानों की बिकवाली में भारी कमी आई है जिस वजह से सॉल्वेंट इकाइयों की तरफ से सोयाबीन की क्रशिंग भी घटी है, देश में सोयाबीन इंडस्ट्री के संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि SOPA की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मार्च के दौरान सोयाबीन की आवक 6 महीने के निचले स्तर पर दर्ज की गई है।
SOPA के मुताबिक मार्च के दौरान देशभर की मंडियों में सिर्फ 5 लाख टन सोयाबीन की आवक दर्ज की गई है जो सितंबर 2016 के बाद सबसे कम मासिक आवक है। फरवरी के दौरान आवक 6.5 लाख टन दर्ज की गई थी जबकि जनवरी में करीब 9 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई थी।
SOPA के मुताबिक कम आवक की वजह से मार्च के दौरान सॉल्वेंट इकाइयों की तरफ से सोयाबीन की क्रशिंग भी 6 महीने के निचले स्तर पर रही है, मार्च में सिर्फ 6.5 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हो पायी है।
अक्टूबर से शुरू हुए फसल वर्ष 2016-17 में अबतक सोयाबीन की कुल 54.50 लाख टन की आवक हुई है जिसमें से 46 लाख टन की क्रशिंग हो चुकी है, 1.38 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ है, करीब 60,000 टन सीधे खपत में इस्तेमाल हुआ है SOPA के मुताबिक इस साल देश में कुल 114.91 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ है साथ में पिछले साल का करीब 4.41 लाख टन स्टॉक भी बचा हुआ था, यानि कुल सप्लाई 119.32 लाख टन है जिसमें से 12 लाख टन किसानों ने अगले सीजन में बुआई के लिए रखा हुआ है और मार्केट में सप्लाई के लिए 107.32 लाख टन स्टॉक बचा रहता है, इस 107 लाख टन में से किसानों के पास अब भी करीब 50.52 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है और करीब 8.52 लाख टन सॉल्वेंट इकाइयों के पास पड़ा हुआ है।