Wednesday, October 9, 2024
Home Blog Page 4690

कैसे संभालें अपने दिल को, देखिए वीडियो——

-दिनेश माहेश्वरी
कोटा। “है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आएगा, ” दिल है कि मानता ही नहीं, ” “आखिर दिल ही तो है”, ” दिल एक मंदिर है, प्यार की जिसमें होती है पूजा,” हमारे शायरों ने दिल पर कई गीत लिखे हैं, क्योंकि दिल का हमारे जीवन में बहुत महत्व है।  फिर भी हम दिल के प्रति उदासीन हैं। 

लोग अपनी बाहरी सुंदरता के लिए लाखों रुपये और समय बर्बाद कर देते हैं। किन्तु बेचारे दिल के लिए, जिस पर जिंदगी की सांसें टिकी हुई है, उस पागल और आवारा दिल के लिए समय रहते कभी सोचते नहीं हैं । आखिर आदमी जब दिल टूट जाता है, यानी हार्ट अटैक आने के बाद ही डॉक्टर की शरण में जाता है।

इस दिल को संभालने के लिए इस बार हम आपको मिलवाते हैं चीफ इंटरनेशनल कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. साकेत गोयल से। आइये देखिए यह वीडियो, जिसमें बताया गया है कि अपने दिल को कैसे संभालें –

पैन-आधार लिंक किए बिना फाइल कर सकते हैं आईटीआर

आधार-पैन को  31 अगस्त से पहले  लिंक करना होगा, इसके बाद ही आईटीआर को प्रोसेस किया जाएगा।

नई दिल्ली। सरकार ने एक और राहत देते हुए पैन-आधार को लिंक किए बिना आईटीआर फाइल करने की सशर्त छूट दी है। साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न ई-फाइलिंग की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 5 अगस्त कर दी है।

यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो किसी वजह से अभी तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाए थे। इसके अलावा अभी आप आधार-पैन को लिंक किए बिना आईटीआर फाइल कर सकते हैं।

इसके बाद 31 अगस्त से पहले इन्हें लिंक करना होगा। इसके बाद ही आईटीआर को प्रोसेस किया जाएगा। हालांकि आईटीआर फाइल करते समय आधार नंबर या आधार रजिस्ट्रेशन नंबर देना पहले की तरह अनिवार्य है।

दागी कर्मियों पर 15 अगस्त से ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की तैयारी

0

नई दिल्ली। मोदी सरकार की बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ अब भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ शुरू होगी। सरकार ने इसके लिए बड़ी योजना बना रखी है। 15 अगस्त से यह अभियान शुरू हो सकता है। सरकार ने इसके लिए शुरुआती चरण में सभी दागी अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट बनाने की तैयारी की है।

सरकार ने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन , तमाम मंत्रालयों और विभागों से दागी अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट मांगी है। इसके तहत कर्मचारियों के नाम, उनके खिलाफ लगे आरोप, जांच की स्थिति और उससे जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। सरकार की मंशा है कि केंद्र के सभी भ्रष्ट कर्मचारियों का डॉजियर तैयार रहे जिसमें एक ही जगह उनकी पूरी जानकारी उपलब्ध हो। यह डॉजियर सीवीसी की अगुवाई में बनेगा।

होम मिनिस्ट्री की ओर से 23 जुलाई को सभी मंत्रालयों और विभागों को भेजे लेटर में 5 अगस्त तक यह डॉजियर तैयार करने को कहा है। सरकार की ओर से भेजे गए इस लेटर में सख्ती से कहा गया है कि इस डेडलाइन का पालन करना ही होगा। सूत्रों के अनुसार यह डॉजियर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर तैयार हो रहा है।

इसमें यह जिक्र भी करना होगा कि करप्शन के आरोप के बाद उसके खिलाफ किस तरह विभागीय कार्रवाई हुई। इस प्रक्रिया में भ्रष्ट कर्मचारियों को बचाने वालों की भी पहचान होगी। पीएम मोदी करप्शन के खिलाफ जंग को गवर्नेंस के बड़े अजेंडा के रूप में पेश कर रहे हैं।

नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक के कदम को पीएम मोदी ने करप्शन के खिलाफ बड़ी जंग ही बताया। 15 अगस्त को पीएम मोदी सरकारी दफ्तरों से भ्रष्टाचार दूर करने की मुहिम को लेकर बात कर सकते हैं।

सीबीआई, ईडी के पास भी जाएगा डॉजियर
सूत्रों के अनुसार 5 अगस्त तक तैयार होने वाला डॉजियर को सीबीआई और ईडी को भेजा जाएगा और वे इस आधार पर स्वतंत्र रूप से कार्रवाई कर सकते हैं। ऐसे में एक बार डॉजियर तैयार होने के बाद हजारों कर्मचारियों के खिलाफ एकसाथ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

इससे पहले पिछले महीने मोदी सरकार ने 50 साल पुराने कानून का बदलाव करते हुए करप्शन में घिरे कर्मचारियों की जांच को पूरा करने की डेडलाइन 6 महीने तय की थी। ऐसे में एक बार डॉजियर तैयार होने के बाद कार्रवाई में तेजी आने की संभावना है।

100 से ऊपर आईएएस भी रेडार पर
सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में आधा दर्जन आईएएस और आईपीएस का खराब प्रदर्शन के आधार पर बर्खास्त करने के बाद आने वाले दिनों में कई और अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है। पीएमओ सूत्रों के अनुसार तमाम जांच और सरकारी रिकॉर्ड देखने के बाद लगभग 110 आईएएस और आईपीएस अधिकारी सरकार के रेडार पर हैं।

सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी के सीधे आदेश के बाद इस दिशा में तेज पहल हुई है। इनमें अधिकतर ऐसे हैं जिनके खिलाफ करप्शन के गंभीर आरोप हैं या विभागीय कानून को नजरअंदाज करते हुए मनमानी करते पाए गए हैं। इन 110 में लगभग दो दर्जन गुमशुदा आईएएस अधिकारी भी हैं जो पिछले कुछ सालों से बिना सूचना के गायब हैं।

दरअसल हाल के दिनों में कई मौकों पर पीएम मोदी खुद ब्यूरोक्रेसी को अपेक्षा पर खरा नहीं उतरने पर अपनी चिंता सार्वजनिक तौर पर जता चुके हैं। उन्होंने इनके अंदर आए करप्शन पर भी चिंता जताई थी।

BSE सेंसेक्स 205 अंक की तेजी के साथ 32514 के स्तर पर बंद

नई दिल्ली । दिन भर के उतार चढ़ाव के बाद भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 205 अंक की तेजी के साथ 32514 के स्तर पर और निफ्टी 67 अंक की तेजी के साथ 10,081 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 0.25 फीसद की बढ़त और स्मॉलकैप में 0.03 फीसद की कमजोरी देखने को मिली है।

बैंकिंग सेक्टर में खरीदारी
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी बैंकिंग सेक्टर में देखने को मिली है। ऑटो (0.62 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (1.00 फीसद), आईटी (0.53 फीसद), मेटल (1.65 फीसद) और रियल्टी (0.62 फीसद) की बढ़त देखने को मिली है।

एसबीआईएन टॉप गेनर
दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 32 हरे निशान में और 19 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी एसबीआईएन, पावरग्रिड, आईशर मोटर्स, बैंक ऑफ बड़ौदा और टाटा स्टील के शेयर्स में हुई है। वहीं गिरावट सनफार्मा, डॉ रेड्डी, ल्यूपिन, आईटीसी और येस बैंक के शेयर्स में हुई है।

आयकर रिटर्न की मियाद बढ़ी, अब 5 तक कर सकते हैं फाइल

नई दिल्ली। सरकार ने इनकम टैक्स फाइल करने की मियाद शनिवार, 5 अगस्त तक बढ़ा दी है। ऐसे में उन करदाताओं को भारी राहत मिली है जिन्होंने किसी कारण से अब तक रिटर्न नहीं भरा था और आज आखिरी दिन भी भर पाने में सक्षम नहीं थे।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘करदाताओं के सामने आ रही मुश्किलों के मद्देनजर वित्त वर्ष 2016-17 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न्स फाइल करने की मियाद 5 अगस्त, 2017 तक बढ़ा दी गई है।’ इसके अलावा पैन कार्ड को आधार से 31 अगस्त तक लिंक कर सकते हैं।

In view of the difficulties faced by taxpayers, date for filing of Income Tax Returns for FY 2016-17 has been extended to 5th August, 2017. Income Tax India (@IncomeTaxIndia) 1501494152000

इससे पहले एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से खबर आई थी कि 2016-17 का आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए सोमवार आखिरी तिथि है और इसमें किसी तरह की ढील देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

अधिकारी ने कहा था, ‘आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। इसे बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है। विभाग के पास इलेक्ट्रॉनिक रूप में पहले ही दो करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। विभाग ने करदाताओं से समय पर रिटर्न दाखिल करने की अपील की है।’

विभाग ने आईटीआर में करदाताओं से नोटबंदी के दौरान पिछले साल 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच बैंकों में 2 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश जमा कराने की भी जानकारी मांगी है। इसके अलावा विभाग ने आयकर रिटर्न में नोटबंदी के दौरान 500 और 1,000 रुपये के अमान्य घोषित किए जा चुके नोटों के जमा करने की भी जानकारी मांगी है।

जीप Compass SUV भारत में लॉन्च, जानिए क्या है कीमत

नई दिल्ली। फिएट क्राइस्टलर ऑटोमोबाइल (FCA) आज भारतीय बाजार में पहली मेड इन इंडिया जीप कंपास एसयूवी आज लॉन्च हो गई। यह एसयूवी पिछले कई माह से मीडिया में चर्चा में बनी हुई है। 1 जून को इस पहली यूनिट को रंजनगांव प्लांट से रवाना किया गया था।

भारत में यह एसयूवी को पेट्रोल और डीजल दोनों वर्जनों के साथ लॉन्च होगी। जीप कंपास एसयूवी भारत में फिएट के लिए बड़ी पहल है। कंपनी ने इसके लिए 28 करोड़ डॉलर इंवेस्ट किए हैं। खास बात यह है कि फिएट की यह पहली ऐसी एसयूवी है जिसका निर्माण भारत में हुआ है। इसका निर्माण महाराष्ट्र के पुणे में हुआ है।

कौन-कौन से वेरिएंट और क्या हो सकती है कीमत
कंपास के सात वेरिएंट- स्पोर्ट्स, लॉन्गिट्यूड, लिमिटेड, लॉन्गिट्यूड (o) और लिमिटेड (o) में लॉन्च होगी है। कंपनी के मुताबिक यह एसयूवी पांच रंगो वोकल व्हाइट, ब्रिलियंट ब्लैक, मिनिमल ग्रे, हाइड्रो ब्लू और एक्सोटिक रेड में मौजूद होगी। माना जा रहा कि जींप कंपास का मूल्य 15 लाख से 18 लाख के बीच होगा।

पेट्रोल
स्पोर्ट: 14.95 लाख रूपए
लिमिटेड एटी: 18.70 लाख रूपए
लिमिटेड एटी (ओ): 19.40 लाख रूपए
डीज़ल 
स्पोर्ट : 15.45 लाख रूपए
लॉन्गिट्यूड :16.45 लाख रूपए
लॉन्गिट्यूड (ओ) : 17.25 लाख रूपए
लिमिटेड : 18.05
लिमिटेड (ओ) : 18.75 लाख रूपए
लिमिटेड 4×4 : 19.95 लाख रूपए
लिमिटेड 4×4 (ओ) : 20.65 लाख रूपए

कैसा है इंजन और पॉवर स्पेसिफिकेशन
कंपास एसयूवी को भारत में 1.4 लीटर पेट्रोल और 2.0 लीटर डीजल इंजन के पेश किया जाएगा। इसका पेट्रोल इंजन 160 बीएचपी की पावर और 250 न्‍यूटन मीटर का टॉर्क पैदा करेगा। वहीं डीजल इंजन 170 बीएचपी की पावर के साथ 350 न्‍यूटन मीटर का टॉक जनरेट करेगा।

दोनों ही इंजन 6 स्‍पीड मैनुअल और 7 स्‍पीड ड्राइ डुअल क्‍लच ट्रांसमिशन से लैस होंगे। इसके सभी वेरिएंट्स में 6 एयरबैग भी दिए जाएंगे। साथ ही जीप की यह एसयूवी 50 से अधिक सेफ्टी और सिक्‍योरिटी फीचर्स से लैस होगी।
लॉन्च हुई अबतक की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार, शानदार हैं कीमत और फीचर

3 दिन में 1,000 बुकिंग
​ऑटोमेकर फिएट ने इस एसयूवी की प्री-बुकिंग पहले ही शुरू कर दी है। इसका बुकिंग अमाउंट 50 हजार रुपए रखा गया है। लोगों में इस कार के प्रति कितनी दिलचस्पी है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुकिंग शुरू होने के शुरुआती ​तीन दिन में कंपनी को इसकी 1000 बुकिंग मिल गई थी।

 28 करोड़ डॉलर का निवेश
फिएट ने जीप कंपास के उत्‍पादन के लिए इस प्‍लांट में 28 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। कंपनी यहां भारत में बिक्री के साथ ही यूके, जापान और साउथ अफ्रीका जैसे देशों को निर्यात के लिए भी जीप कंपास का उत्‍पादन करेगी। भारत में यह कार राइट-हैंड-ड्राइव वर्जन में उपलब्ध होगी जबकि बाकी के देशों में इस कार को लेफ्ट-हैंड-ड्राइव वर्जन के साथ पेश किया जाएगा।

SBI में बचत खातों पर अब 3.5% मिलेगा ब्याज

नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने खाता धारकों के सेविंग अकाउंट्स पर ब्याज दरों में कटौती की है। बैंक ने सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में 0.5 प्रतिशत की कटौती कर दी है और नई दरें आज से ही लागू होंगी।

1 करोड़ से ऊपर के बैलेंस वाले बचत खातों पर ब्याज दरें पहले की तरह यथावत रहेंगी।  

अब तक बैंक 1 करोड़ तक की राशि वाले बचत खातों पर 4 प्रतिशत की दर से ब्याज देता था लेकिन कटौती के बाद अब यह इंटरेस्ट रेस 3.5 प्रतिशत रह जाएगी।

हालांकि 1 करोड़ से ऊपर के बैलेंस वाले बचत खातों पर ब्याज दरें पहले की तरह यथावत रहेंगी।  इससे पहले एफडी और अन्य पर 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर चुकी है।

एसबीआई ने लागू किया टू-टायर सेविंग अकाउंट इंटरेस्ट रेट सिस्टम
एसबीआई ने सोमवार (31 जुलाई) से ही टू टायर सेविंग अकाउंट इंटरेस्ट रेट सिस्टम लागू कर दिया है। इसमें 1 करोड़ से कम बैलेंस होने की सूरत में ब्याज दर को घटाकर 3.5 फीसद कर दिया गया है जो कि पहले 4 फीसद थी। वहीं 1 करोड़ से अधिक बैलेंस होने की सूरत में यह ब्याज दर 4 फीसद ही रहेगी।

बैंक की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि मुद्रास्फीति की दर में गिरावट और उच्च वास्तविक ब्याज दरें प्राथमिक विचार हैं जो बचत बैंक जमा पर ब्याज दर में संशोधन की गारंटी देते हैं। इसके अलावा बैंक ने कहा कि उसने अपनी एमसीएलआर और की-लैंडिंग रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी जो कि 1 जनवरी 2017 से लागू है।

एसबीई का शेयर ऑल टाइम हाई पर पहुंचा
ब्याज दरों में कटौती के फैसले लेने के बाद एसबीआई के शेयर्स में उछाल देखने को मिला। दिन के करीब 11.45 बजे बीएसई पर एसबीआई के शेयर्स 3.36 फीसद की बढ़त के साथ 309.25 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसका दिन का उच्चतम 310.25 का स्तर और निम्नतम 298.10 का स्तर रहा है। वहीं इसका 52 हफ्तों का उच्चतम 315 का स्तर और निम्नतम 223 का स्तर रह चुका है।

निफ्टी शुरुआत कारोबार में 10,043 अंक की नयी ऊंचाई पर

मुंबई। शुरुआती कारोबार में आज निफ्टी 10,043 अंक की नयी ऊंचाई पर पहुंचा। इसी प्रकार सेंसेक्स 133 अंक चढकर 32,442.93 अंक पर खुला। इसके पीछे अहम कारण उम्मीद से अधिक कोरपोरेट आय रही।

पूंजीगत वस्तुओं, धातुओं, तेल एवं गैस, उपभोक्ता वस्तुओं और बैंकिंग स्टॉक में खरीदारी में मजबूती से यह तेजी आयी।इंजीनियरिंग एवं निर्माण कंपनी एलएंड टी का शेयर 3.97 % अंक चढ़ा। शुक्रवार को कंपनी ने पहली तिमाई में उम्मीदों से अच्छा लाभ दर्ज किया । उसके समेकित शुद्ध लाभ में 50.59% की वृद्धि हुई थी। इससे एनएसई सूचकांक को मदद मिली।

50 कंपनियों के शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 28.80 अंक यानी 0.28% चढ़कर 10,043.30 अंक पर खुला।30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित सेंसेक्स भी शुरुआती कारोबार में मजबूत रहा। वह 133.05 अंक यानी 0.41% चढ़कर 32,442.93 अंक पर खुला। पूंजीगत वस्तुओं और धातु ने उसमें योगदान दिया।

आईआईएफटी और कैट इस बार एक ही दिन होगा

लखनऊ। कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (कैट) और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी) की प्रवेश परीक्षा इस बार एक ही दिन होने वाली है। जारी कार्यक्रम के मुताबिक इस बार कैट 26 नवंबर को होगा। जबकि इससे पहले ही आईआईएफटी भी 26 नवंबर को ही प्रवेश परीक्षा कराने की घोषणा कर चुका है।

ऐसे में देश भर के छात्रों को इस बार कैट और आईआईएफटी में एक का चुनाव करना होगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब मैनेजमेंट की दो राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं एक ही दिन हो रही हैं। ऐसे में इन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में खलबली मच गई है कि वह किस परीक्षा की तैयारी करें।

कैट में देशभर से लगभग 2 लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं। इन्हीं 2 लाख में लगभग 60 हजार अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो आईआईएफटी की भी परीक्षा देते हैं। पिछले कई सालों से आईआईएफटी अपनी परीक्षा पहले कराता है। उसके एक सप्ताह बाद कैट होता है।

पिछली बार कैट दिसंबर में हुआ था। इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईएफटी ने 26 नवंबर को परीक्षा की तिथि घोषित की थी। हालांकि कैट की आयोजन समिति ने इस तिथि को ध्यान में न रखते हुए उसी दिन अपनी भी परीक्षा रख दी।

आईआईएफटी को होगा नुकसान
दोनो परीक्षाएं साथ होने से सबसे ज्यादा नुकसान आईआईएफटी को हो सकता है। क्योंकि आईआईएफटी अपने दिल्ली और कोलकाता कैंपस में ऐडमिशन के लिए यह एंट्रेंस एग्जाम कराता है। जबकि कैट के अंतर्गत सभी आईआईएम के अलावा कई बड़े बिजनस स्कूलों में ऐडमिशन का मौका मिलता है।

कैट के जरिए 150 से भी अधिक मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिला मिलता है। आईआईएफटी के स्कोर पर भी कुछ कॉलेज ऐडमिशन देते लेकिन वह बहुत अच्छे नहीं माने जाते। ऐसे में कैट का एग्जाम देकर अभ्यर्थियों को आईआईएम समेत ज्यादा कॉलेजों में विकल्प मिल सकेंगे।

तारीख बदलने के लिए किया ई-मेल
मैनेजमेंट एक्सपर्ट अनुभव सिंह ने बताया कि मैनेजमेंट के छात्रों के लिए दोनों ही परीक्षा महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों ने आईआईएफटी और कैट प्रशासन को ई-मेल किया है। इसमें अभ्यर्थियों ने परीक्षा की तिथि में फेरबदल की मांग की है।

उम्मीद है आईआईएफटी प्रशासन परीक्षा में फेरबदल कर सकता है। क्योंकि आईआईएफटी के परीक्षा केंद्र कम होते हैं। जबकि कैट के परीक्षा केंद्र अपेक्षाकृत सबसे ज्यादा होते हैं।

GST : ई-वे बिल की लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव

0

नई दिल्ली। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) की व्यवस्था के तहत 50 हजार रुपये से ज्यादा का माल राज्यों के बीच लाने-ले जाने के लिए ई-वे बिल बनवाने का जो प्रस्ताव किया गया है, उसकी लिमिट बढ़ाई जा सकती है।

ऐसा व्यापारियों को परेशान करने की गुंजाइश घटाने और कथित इंस्पेक्टर राज की वापसी न होने देने के लिए किया जा सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी काउंसिल कारोबारी सहूलियत बढ़ाने के लिए कई प्रक्रियाओं को सरल भी बना सकती है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘लिमिट बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।’ इस संबंध में एक प्रस्ताव पर जीएसटी काउंसिल 5 अगस्त की बैठक में विचार कर सकती है। जीएसटी से जुड़े मामलों में फैसला करने के लिए यह काउंसिल शीर्ष संस्था है।

ई-वे बिल पर आम सहमति बनाना इस लिहाज से अहम है कि जीएसटी का पूरा लक्ष्य हासिल करने के लिए यह मसला हल करना जरूरी है। इससे राज्यों के बीच माल के ट्रांसपोर्ट में आसानी होगी।

काउंसिल कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स रेट्स को बदलने पर भी चर्चा कर सकती है। पहली जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद दिए गए प्रतिवेदनों और मिले फीडबैक के आधार पर यह चर्चा की जा सकती है।

काउंसिल जीएसटी के टेक इंफ्रास्ट्रक्चर और रिटर्न फाइलिंग के सिस्टम का जायजा भी ले सकती है। देश के भीतर 50000 रुपये से ज्यादा के किसी आइटम के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वे बिल की जरूरत होगी।

इसे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में एक तरह के परमिट के रूप में प्रस्तावित किया गया है, जिस पर ले जाए जाने वाले माल की डिटेल्स दर्ज होंगी। इस बात का डर जताया जा रहा है कि ई-वे बिल कारोबारियों को परेशान करने और करप्शन का जरिया बन सकता है और ऐसा होने पर जीएसटी का मकसद पूरा करने में बाधा पड़ेगी।

जीएसटी काउंसिल ने अभी ई-वे बिल के नियमों को मंजूरी नहीं दी है। राज्यों के बीच इस बात पर सहमति नहीं बन पाई है कि इस फ्रेमवर्क की जरूरत है या नहीं और अगर है तो इसकी प्रक्रिया क्या होगी।

काउंसिल ने राज्यों को छूट दी है कि जब तक नियमों को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता, तब तक वे मौजूदा फ्रेमवर्क लागू किए रहें। शुरुआत में केंद्र ने भी ई-वे बिल का विरोध किया था, लेकिन कुछ राज्यों की मांग के बाद उसने रुख बदल लिया।

जीएसटी नेटवर्क ई-वे बिल जेनरेट करेगा। ये बिल इस बात के आधार पर एक से 15 दिनों तक वैलिड रहेंगे कि माल कितनी दूरी तक ले जाना है। ड्राफ्ट रूल्स के अनुसार, एक दिन का परमिट 100 किलोमीटर तक के लिए होगा, जबकि 15 दिनों का परमिट 1000 किलोमीटर से ज्यादा के लिए होगा। अधिकारियों ने कहा कि इन नियमों में ढील देने की संभावना है।

टैक्स अफसरों को यह अधिकार है कि वे ई-वे बिल या ले जाए जा रहे सामान को वेरिफाई करने के लिए किसी भी गाड़ी की जांच कर सकते हैं। वे राज्य के भीतर ढोए जाने वाले या राज्य के बाहर ले जाए जाने वाले माल, दोनों सूरतों में ऐसी जांच कर सकेंगे।

जीएसटी ने राज्य और केंद्र स्तर के 17 करों और 23 उपकरों की जगह ली है। इसका मकसद बाजार के लिहाज से पूरे देश को एक इकाई में बदलना है। स्टेट कमर्शियल टैक्स चेक पोस्ट को जीएसटी लागू होने के बाद खत्म कर दिया गया है। इससे देशभर में माल की आवाजाही में सहूलियत बढ़ी है।

आरएफआईडी चिप्स और क्यूआर कोड्स के जरिए ट्रांसपोर्टेशन में सहूलियत बढ़ाने के प्रयास भी हो रहे हैं। लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री, खासतौर से कूरियर सर्विसेज ने प्रस्तावित ई-वे बिल सिस्टम को लेकर चिंता जताई है।